(Meri Class Teacher Ki Chudai)-Hindi sex stories
दोस्तो Hindi sex stories, आज मैं तुम को नये साल के टाइम पर मेरी पहली चुदाई की बात बताता हूं। मैं १८ साल का था और मैं उस टाइम ६’ का था शरीर से लम्बा तगड़ा था।
मुझे १ टीचर उपासना पढ़ाती थी उस की उमर २७ – २८ साल थी पर उसको बच्चा नहीं था। उसका पति सरकारी नोकरी में था और वो काफ़ी टाइम टूर पर रहता था। उपासना का पति बाहर गया हुअ था और उसको एक नये मकान की जरुरत थी वो किराये पर रहती थी। हमारे पड़ोस में एक मकान नया बना था और काफ़ी खुला और हवादार था। जब उपासना ने पूछा तो मैंने उस मकान का बता दिया।
उसी दिन उपासना मेरे साथ घर अयी और वो मकान देखने मेरी मां के साथ चली गई। उपासना को मकान काफ़ी पसंद आया और किराया भी काफ़ी जायज था, सो उपासना ने मकान मालिक को अगले महीने की १ तारीख को आने के लिये कहा और एडवांस किराया दे दिया। अगस्त महीने की १ तारीख को उपासना अपने सामान के साथ उस मकान में शिफ़्ट कर गई।
दोस्तों यहां से असली बात शुरु होती है। उपासना ने हमारे पड़ोस में आने के बाद मेरी मां से दोस्ती कर ली और मुझे एक्स्ट्रा पढ़ाई करवाने की बात कर ली बिना कोई ट्यूशन फीस के। बस मेरी मां को क्या चहिये था। उपासना ने मुझे घर पर बुलाना शुरु कर दिया और अकेले में पढ़ाने लगी।
पहले ही दिन जब मैं उसके घर गया तो देखा कि उसने लूज़ कमीज और लंहगा पहन रखा था। उसने ब्रा नहीं पहनी थी और कमीज का गला भी खुला था।
उपासना ने मुझे पढ़ाना शुरु किया और बीच बीच मैं वो अपनी चूचियां अपने हाथ से दबा देती, उसकी बड़ी बड़ी चूचियों की गोलियां जैसे बाहर आने को हो जाती मैं उसकी इस हरकत को देख के मस्ती में भर जाता और मन कर रहा था कि मैं ही उसकी चूचियां दबा दूं पर हिम्मत नहीं हो रही थी।
मेरा कुंवारा लंड तन कर सख्त हो गया था और मेरी पैंट को फ़ाड़ के बाहर निकलने को तैयार था। पर मैं उपासना को कुछ कह नहीं पा रहा था।
कोई २ घंटे पढ़ाने के बाद उपासना ने मुझे कहा- रंजीत तुम अब घर जाओ और अपने परेंट्स से पूछ कर आना यहां सोने के लिये!
मैंने कहा- अच्छा मैडम!
जब मैं चलने लगा तो उपासना ने कहा- रंजीत तुम रहने दो, रुको यहीं पर… मैं ही पूछ आती हूं।
कह कर उपासना ने अपना कमीज मेरे सामने ही खोल दिया और बड़बड़ाने लगी- इतना करने के बाद भी कुछ नहीं किया, पता नहीं रात को क्या करेगा!
फ़िर उपासना ने अपनी ब्रा पहनी और मुझे हुक लगाने को कहा।
“आआआ आअ ह्हह् ह्हह आआआऐईई ईईइ” हुक लगते हुए मेरे मुंह से निकल ही गया।
“रंजीत अगर तुम मेरी मानोगे तो इससे भी ज्यादा मजा आयेगा तुम बस यहीं मेरा इन्तजार करो और बुक खोल के बैठ जाओ।
उपासना ने साड़ी पहनी और मेरे घर चली गई। कोई ३० मिनट के बाद वो वापस आयी और मेरा पजामा और कमीज साथ ले आयी।
“रंजीत तेरी मां तो सिर्फ़ पजामा दे रही थी, बोल रही थी कि रंजीत रात को पजामा और बनियान में सोता है पर मैं ही शर्ट भी ले आयी उनको शक नहीं होगा कि मैंने क्या किया है.”
फ़िर उपासना ने अपनी साड़ी उतार दी और सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज़ में हो गई.
मेरा लंड काफ़ी तन गया और मैंने उपासना को हिम्मत करके कह ही दिया- मैडम एक बात कहूं… आप जब मेरे सामने कपड़े बदलती हो तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं ही आपका आदमी हूं.
उसने कहा- रंजीत तो फ़िर तुम मेरे को औरत की तरह इस्तेमाल करो!
फ़िर मैंने हिम्मत कर ही ली और टीचर की चूचियां पीछे से पकड़ ली और मेरा सात इंच का लंड उसकी कमर पर लग रहा था।
मैंने उसकी गर्दन पर किस किया, उपासना ने सिसकारी भरी- ऊऊफ़ उफ़फ़्फ़ ऊऊऊऊ आआआह्हां आआआअ रंजीत प्लीज जोर से!
मैंने टीचर की चूचियां जोर से दबाई और उसने अपनी कमर का पूरा दबाव मेरे लंड पर डाल दिया। मैंने उपासना के ब्लाउज़ को ऊपर सरका कर उसकी नंगी चूचियों को दबाया और एक हाथ उसकी सफ़ाचट चूत पर ले गया।
चूत गीली थी मेरा लंड काफ़ी जोर मार रहा था।
टीचर ने मेरे से अलग हो कर मेरा लंड पैंट से बाहर निकाल लिया, बोली- ओईईईइ माआआआअ… ये तो गधे का लौड़ा है, मेरी चूत का तो बुरा हाल कर देगा!
बस फ़िर उसने आनन फ़ानन में मेरा लौड़ा मुंह में ले लिया।
क्योंकि अब तक मैंने न ही मुठ मारी थी और न ही कभी किसी को चोदा था तो मेरा लंड उसके मुंह में ही झड़ गया, जोर की एक पिचकारी उसके मुंह में गई। मैं सिसकार रहा था, वो भी पानी पी कर खिलखिला के हंसने लगी और अपना वीर्य से भरा मुंह मेरे होंठों पर रगड़ने लगी.
मेरा लंड आधा हो गया था लेकिन वो फ़िर से खड़ा होने लगा।
अब टीचर बिल्कुल नंगी हो गई और मेरे को भी एकदम नंगा कर लिया। फ़िर उपासना मेरे को बेड पर ले गई और मैं उसके गुलाम की तरह से उसका कहना मानने लगा। बेड पर वो मेरे को बूब्स चूसने कही और मेरे लंड पर मुठ मारने लगी.
दो ही मिनट में मेरा लंड खड़ा हो गया। उपासना ने मेरे को अपनी दोनों टांगें मेरे कंधे पर रखने को कहा और मेरा लंड अपनी गरम चूत में ले लिया। मेरा लंड उस की चूत में गया मेरे को ऐसा लगा कि किसी गरम भट्टी में मेरा लंड घुस गया है।
मेरे लंड के अंदर जाते ही वो चिहुंकी- आआआअह्ह हहह्ह ह्हाआआआ… रंजीत मजा आ रहा है… जोर से चोदो प्लीज!
मैं अपनी टीचर को चोदने लगा। क्योंकि मैं पहली बार ही चोद रहा था और मेरा लंड काफ़ी टाइट था. वो पसीने में भर गई और जोर से सिसकारी भरती रही।
मेरी एक चुदाई में वो दो बार झड़ गई और फ़िर मैं झड़ा।
मेरे झड़ते ही वो ढीली हो गई और वो लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी।
इस तरह मैंने उसको रात में तीन बार चोदा. फ़िर मेरी नंगी टीचर मेरे नंगे बदन से लिपट कर सो गई।