प्रेषक : मोहित Antarvasna Sex Stories
मैं मोहित उम्र 37 साल Antarvasna Sex Stories गुड़गाँव निवासी एक बार फिर आपके सामने अपनी नई कहानी के साथ हाजिर हूँ।
जैसे कि मैंने आपको बताया था कि मेरा अपनी पत्नी के साथ महीने में लगभग एक या दो बार सैक्स हो पाता है। इसलिए मैं और मेरा एक दोस्त देवेन्द्र कभी-कभी घर में दिन में लड़की लाकर या कभी-कभी बाहर किसी काल-गर्ल के साथ सैक्स करते थे। मेरा दोस्त देवेन्द्र एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में सेल्स-मेनेजर है। वो हफ्ते में अकसर 3-4 दिन बाहर रहता है।
सोनिया से मेरी मुलाक़ात उसी ने करवाई थी। मेरे दोस्त को सोनिया बस में मिली थी। बस में ही उनका परिचय हो गया। रात काफी हो गई थी, इसलिये मेरे दोस्त ने सोनिया को घर तक छोड़ दिया। अगले दिन उसने मुझे सोनिया के बारे में बताया और यह भी बताया कि सोनिया की शक्ल मेरी एक पुरानी गर्ल-फ़्रेंड से मिलती है। मैं सोनिया से मिलने को बेचैन हो गया। मैंने मेरे दोस्त को सोनिया से मिलवाने के लिये कहा।
उसने सोनिया को फोन किया। सोनिया ने शाम को मार्केट में मिलने का वादा किया। शाम को हम दोनों सोनिया से मार्केट में मिलने गये। सोनिया को देख कर मैं वाकई हैरान रह गया। उसकी शक्ल मेरी एक पुरानी गर्ल-फ़्रेड रेखा से मिलती-जुलती थी। अगले दिन मैंने सोनिया को फोन किया और उसे मिलने को कहा। वो मिलने आई और हमने काफी देर बातचीत की और गाड़ी में घूमे। धीरे-धीरे सोनिया से मेरी मुलाक़ातें बढ़ने लगी। एक दिन मैंने सोनिया को फोन करके घर बुलाया।
सोनिया घर आई। हम दोनों ड्राइंगरूम में बैठ कर बाते करने लगे। फिर मैंने सोनिया से कुछ लेने को कहा। सोनिया ने मना किया तो मैंने सोनिया को कहा कि थोड़ी-थोड़ी बियर लेते है। सोनिया मान गई। मैंने बेडरूम में बियर व स्नैक्स का इंतजाम कर दिया। फिर हम दोनों बेडरूम में बैठ कर बियर पीने व बातचीत करने लगे। सोनिया ने जीन्स व टी-शर्ट पहनी थी। जीन्स की वजह से उसे बैड पर बैठने में दिक्कत हो रही थी। बार-बार वो अपने पैर इधर-उधर कर रही थी।
मैंने सोनिया को कहा कि जीन्स उतार कर आराम से बैठ जाए। सोनिया मना करने लगी। मैंने ज़िद की और लगभग जबरदस्ती उसकी जीन्स उतार दी। सोनिया लाल रंग की पैंटी में अपने पैर सिकोड़ कर बैठ गई। हम दोनों फिर से बियर पीने व बातचीत करने लगे। एक बियर खत्म होते ही मैं दूसरी खोलने लगा। सोनिया ने मना किया तो मैंने सोनिया को कहा कि थोड़ी-थोड़ी और लेते है। सोनिया मान गई।
जब दूसरी बियर की बोतल भी खत्म हो गई तो मैंने स्नैक्स की प्लेटें उठा कर अलग रख दी और सोनिया को छेड़ने लगा।
सोनिया ने कहा- क्या कर रहे हो?
मैं बोला- मौके का फायदा उठा रहा हूँ।
मैंने सोनिया को खींच कर अपनी गोद में लिटा लिया। फिर मैं सोनिया के बालों में हाथ फिराने लगा। फिर मैं उसके गालों पर हाथ फिराने लगा। फिर मैं उसकी टी-शर्ट के ऊपर से उसके स्तन दबाने लगा। सोनिया ने अपनी आंखे बंद कर रखी थी। फिर मैं उसकी टी-शर्ट के गले के अन्दर से हाथ डाल कर उसके सख्त हो चुके स्तन दबाने लगा।
फिर मैं उसकी टी-शर्ट को उतारने लगा तो सोनिया बोली,”क्या करते हो? प्लीज इसे मत उतारो। मुझे डर लगता है।”
मैंने कहा,”डरने वाली क्या बात है।” कह कर मैं फिर उसकी टी-शर्ट को उतारने लगा।
सोनिया बोली,”कोई आ जाएगा?”
मैंने कहा,”कोई नहीं आएगा !” कह कर मैंने ज़िद की और लगभग जबरदस्ती उसकी टी-शर्ट उतार दी।
सोनिया के गोरे-गोरे वक्ष गुलाबी ब्रा में फँसे थे। मैंने उठ कर मेन-दरवाज़ा बंद कर दिया। फिर मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये और सिर्फ जौकी में सोनिया से लिपट गया। मैंने सोनिया का हाथ पकड़ कर उसे अपने साथ लिटा लिया। फिर मैंने लाईट बंद कर दी। कमरे में लाल रंग का नाइट लैम्प जल रहा था।
मैंने सोनिया को अपनी बाँहो में भर लिया। मैंने अपनी टांगे सोनिया की टांगों पर रख दी और मैंने अपने जलते हुए होंठ सोनिया के होंठों पर रख दिए। फिर मैं उसके नरम-नरम होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसने लगा। सोनिया ने मुझे अपनी बाँहो में कस लिया। मेरे हाथ सोनिया के जिस्म पर फिर रहे थे। कुछ देर बाद मैंने सोनिया को बैड पर सिधा लिटा दिया। फिर उसके चिकने पेट पर अपने जलते हुऐ होंठ रख दिए।
फिर मैं उसके नरम-नरम गोरे-गोरे पेट को अपने होंठों में भर कर चूसने लगा। सोनिया के मुँह से आह निकलने लगी। लगा। फिर मैं उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियों को दबाने लगा। सोनिया ने अपनी आंखें बंद कर रखी थी। फिर मैंने उसकी ब्रा के अन्दर से हाथ डाल दिया।
कुछ देर बाद मैंने उसकी ब्रा भी उसके तन से जुदा कर दी। सोनिया ने कोई विरोध नहीं किया, उसके गुलाबी निप्पल को हल्के-हल्के मसलने लगा, फिर मैं अपने होंठों में भर कर चूसने लगा। सोनिया के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी। फिर मैं उसके पेट पर हाथ फिराते हुए उसकी पैन्टी के ऊपर से पाव रोटी की तरह उभरी हुई उसकी चूत को दबाने लगा। सोनिया ने अपनी आंखें बंद कर रखी थी। मैं उसकी पैन्टी के अन्दर से हाथ डाल कर उसकी चिकनी और क्लिन-शेव चूत पर हाथ फिराने लगा।
थोड़ी देर बाद मैं उसकी पैन्टी को उतारने लगातो सोनिया बोली “प्लीज इसे मत उतारो।” सोनिया ने मेरा हाथ पकड़ लिया, बोली “नहीं इसे मत उतारो !”
मैंने कहा,”देखो सोनिया हम कुछ करेंगे नहीं ! बस कपड़े उतार कर नंगे एक दूसरे से लिपट कर लेटेंगे और प्यार करेंगे !” कह कर मैंने उसकी पैन्टी उतार दी।
सोनिया का नंगा बदन और उसकी चिकनी चूत लाल रौशनी में नहाकर लाल हो गये। मेरा लण्ड तन कर खड़ा हो गया था और जौकी को फ़ाड़ कर बाहर आने को हो रहा था। मैंने जौकी उतार कर फेंक दी। फिर मैं सोनिया से लिपट गया।
मैंने सोनिया को अपने साथ सटा कर लिटा लिया। मेरा लण्ड तन कर सोनिया की चिकनी चूत से टकरा रहा था। मैं सोनिया की चिकनी टांगों पर हाथ फिराने लगा। फिर मैं सोनिया की चूत पर हाथ फिराने लगा। फिर हाथ फिराते-फिराते मैंने अपनी उँगलियाँ सोनिया की चूत के अन्दर डाल दी। फिर उंगलियों से सोनिया की चूत की फाँक को खोलने और बन्द करने लगा। फिर सोनिया की चूत के दाने को रगड़ने लगा। सोनिया के मुँह से सिसकियां निकलने लगी।
मेरा लण्ड सोनिया की जांघों से रगड़ खा रहा था। मैंने सोनिया का हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख दिया। सोनिया ने मेरा लण्ड अपने हाथ में थाम लिया। वो मेरे लण्ड को अपने हाथ में दबाने लगी। मेरा लण्ड तन कर और भी सख्त हो गया था। सोनिया मेरे लण्ड को मुठ्ठी में भर कर उपर-नीचे और आगे-पीछे करने लगी। मैं सोनिया की चूत मारने को बेताब हो रहा था।
मैंने सोनिया को कहा “सोनिया जरा सा इसे ऊपर घिस लूं क्या ? बहुत मन हो रहा है !”
सोनिया कुछ नहीं बोली। मैंने इसे ही सोनिया की हाँ समझ लिया। मैं सोनिया के ऊपर लेट गया। सोनिया का नंगा जिस्म मेरे नीचे दबा हुआ था।
मैं अपने लण्ड को मुठ्ठी में भर कर सोनिया की चूत के दाने के उपर-नीचे करके रगड़ने लगा। फिर मैं अपने लण्ड को पकड़ कर सोनिया की चूत के अन्दर डालने की कोशिश करने लगा। सोनिया ने मेरा लण्ड अपने हाथ में थाम लिया। वो मेरे लण्ड को अपने हाथ में दबाने लगी। फिर सोनिया मेरे लण्ड को मुठ्ठी में भर अपनी चूत के दाने के ऊपर रगड़ने लगी। कुछ देर बाद सोनिया की चूत से कुछ चिकना-चिकना सा निकलने लगा था।
शायद उसको यह करना अच्छा लग रहा था। वो मेरे लण्ड को अपनी चूत से रगड़े जा रही थी। मुझे बहुत ज्यादा उत्तेजना हो रही थी। इसी उत्तेजना में मैंने सोनिया का हाथ पकड़ लिया।
मैंने सोनिया को कहा,”कुछ करें क्या ? बहुत मन हो रहा है। लाओ मैं करता हूँ।”
सोनिया कुछ नहीं बोली।
उसके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी थी। वह बोली,”प्लीज ऐसे ही करते रहो !”
मेरा लण्ड तन कर और भी सख्त हो गया था। मैं सोनिया को चोदने को बेताब हो रहा था। सोनिया की चूत से फिर से कुछ चिकना-चिकना सा निकलने लगा था। फिर मैं अपने लण्ड को पकड़ कर सोनिया की चूत के अन्दर डालने की कोशिश करने लगा।
सोनिया ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली।”प्लीज कंडोम तो लगा लो ! मुझे डर लगता है।”
मैंने बैड की दमोहित में से कंडोम निकाल कर अपने लण्ड पर लगा लिया। सोनिया ध्यान से मुझे कंडोम लगाते देख रही थी। फिर मैं सोनिया के ऊपर लेट गया। सोनिया का नंगा जिस्म मेरे नीचे दब गया। फिर मैंने अपने जलते हुऐ होंठ सोनिया के होंठों पर रख दिए और मैं उसके नरम-नरम होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसने लगा। उसने भी मुझे अपनी बाँहो में भर लिया। मेरा लण्ड सोनिया की जांघों के बीच फंसा हुआ था। कुछ देर बाद मैंने अपने लण्ड को सोनिया की चूत के सुराख पर लगा दिया और फिर मैंने हल्का सा ज़ोर लगाया। मेरे लण्ड का सुपाड़ा सोनिया की चिकनी चूत में घुस गया। सोनिया के मुँह से आह निकली। उसने मुझे अपनी बाँहो में कस लिया और अपनी आँखें कस कर बन्द कर ली।
मैंने थोड़ा और जोर लगाया। मेरा लगभग आधा लण्ड सोनिया की चूत में घुस गया। सोनिया के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी। फिर मैंने तीसरा और आखिरी धक्का दिया तो मेरा पूरा लण्ड सोनिया की चूत में समा गया। सोनिया के मुँह से जोर से आह निकली और उसने मुझे अपनी बाँहो में पूरी ताकत से कस लिया। मैंने भी सोनिया को अपनी बाँहो में भर लिया। मैं उसके नरम-नरम होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसने लगा ताकि वो अपना दर्द भूल जाए। मेरा पूरा लण्ड सोनिया की चूत के अन्दर समाया हुआ था। हम दोनों ने एक दूसरे को इस कदर अपनी बाँहो में जकड़ा हुआ था कि हवा भी हम दोनों के बीच से पास नहीं हो सकती थी। सोनिया का नंगा जिस्म मेरे नंगे जिस्म के नीचे दबा हुआ था। मेरी टांगें सोनिया की टांगों के बीच में फँसी हुई थी। मैं सोनिया के माथे पर, फिर आँखों पर तथा फिर गालों को किस करने लगा। सोनिया भी मेरे गालों को किस करने लगी।
कुछ देर हम दोनों इसी तरह से एक-दूसरे को चूमते रहे। फिर मैंने अपने लण्ड को धीरे से सोनिया की चूत से थोड़ा सा बाहर निकाला और फिर अपने लण्ड को धीरे से उसकी चूत में अन्दर घुसा दिया। फिर मैं अपने लण्ड को धीरे-धीरे से उसकी चूत के अन्दर-बाहर करने लगा। कुछ देर बाद सोनिया ने अपनी टांगें ऊपर की तरफ मोड़ ली और मेरी कमर के दोनों तरफ लपेट ली। मैं अपने लण्ड को धीरे-धीरे सोनिया की चूत के अन्दर-बाहर कर रहा था। धीरे-धीरे मेरी रफ़्तार बढ़ने लगी।
हम दोनों बियर के तथा सैक्स के नशे में चूर हो रहे थे। सोनिया को भी मजा आने लगा था। वो मेरे हर धक्के का स्वागत कर रही थी। उसने मेरे हिप्स को अपने हाथों में थाम लिया। अब वो भी नीचे से मेरे धक्कों के साथ-साथ अपने हिप्स उपर-नीचे कर रही थी। जब मैं लण्ड उसकी चूत में से बाहर खींचता तो वो अपने हिप्स ऊपर उठा देती। जब मैं लण्ड उसकी चूत के अन्दर घुसाता तो वो अपने हिप्स पीछे खींच लेती। मैं तेज-तेज धक्के मार कर सोनिया को चोदने लगा।
मैं बैड पर हाथ रख कर सोनिया के ऊपर झुक कर तेजी से उसकी चूत मारने लगा। अब मेरा लण्ड उसकी चिकनी चूत में तेजी से आ-जा रहा था। वो भी अब आँखें खोल कर चुदाई का भरपूर मजा ले रही थी। मैं सोनिया को पागलों की तरह से चोद रहा था। अब मैं पूरी तेजी से सोनिया के ऊपर कूद-कूद कर उसे चोद रहा था। सोनिया इस चुदाई तथा बियर के नशे से मदहोश हो रही थी।
मैंने रुक कर सोनिया से कहा “सोनिया अच्छा लग रहा है क्या?”
सोनिया बोली,”प्लीज रुको मत। तेज-तेज करते रहो।”
सोनिया के मुँह से यह सुन कर मैंने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी। मैंने सोनिया के हिप्स को हाथों से जकड़ लिया और छोटे-छोटे मगर तेज-तेज शॉट मार कर सोनिया को चोदने लगा।
सोनिया के मुँह से मस्ती में “ओह्ह्ह्ह्ह्होहोहोह सिस्स्स्स्स्स्सह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाहाह्ह्हआआआआ हा-हा करो-करो ऽअआह हाहअआ प्लीज तेज-तेज करो।”
मैं सोनिया के ऊपर लेट गया और मैंने सोनिया को अपनी बाँहो में भर लिया। फिर मैंने अपने होंठ सोनिया के होंठों पर रख दिए और मैं उसके नरम-नरम होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसते हुऐ उसे और तेजी से चोदने लगा। सोनिया भी अपने होंठों से मेरे होंठों को चूसती हुई मजे से चुदाई का मजा ले रही थी। लगभग 5 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसते हुऐ चुदाई का मजा लेते रहे।
फिर अचानक सोनिया ने मुझे कस कर अपनी बाँहो में भर लिया। उसने अपने होंठ मेरे होंठों से अलग करके एक जोर से आह भरी। मैं समझ गया कि सोनिया डिस्चार्ज हो गई है। मैं भी डिस्चार्ज होने वाला था, इसलिये मैं तेज-तेज धक्के मार कर सोनिया को चोदने लगा। सोनिया आँखें बंद करके मेरे डिस्चार्ज होने का इंतजार कर रही थी। लगभग 2 मिनट तक सोनिया को तेज-तेज चोदने के बाद मैं सोनिया की चूत के अन्दर कंडोम में डिस्चार्ज हो गया।
कुछ देर तक मैं सोनिया के ऊपर लेटा रहा और अपनी तेज-तेज चल रही सांसों को काबू में आने का इंतजार करता रहा। सोनिया मेरे नीचे आँखें बंद करके लेटी हुई थी। कुछ देर बाद मैंने अपना लण्ड सोनिया की चूत में से बाहर खींच लिया।
फिर उठ कर अपने लण्ड पर से कंडोम उतार कर डस्टबिन में फेंक दिया। फिर अपने अन्डरवियर से अपना लण्ड साफ करके सोनिया की बगल में लेट गया। सोनिया आँखें बंद करके लेटी हुई थी। कमरे की लाल रौशनी में उसका गोरा और नंगा बदन लाल हो कर चमक रहा था। कुछ देर बाद सोनिया मेरी तरफ करवट ली और अपनी टांग मेरी टांगों पर रख दी। फिर वो मेरी छाती के बालों पर हाथ फिराने लगी।
फिर सोनिया बोली,”हो गई तुम्हारे मन की।”
मैंने कहा,”हाँ बहुत अच्छा लगा। मजा आ गया !” कह कर मैंने करवट ले कर सोनिया को अपनी बाँहो में भर लिया। फिर कुछ देर तक हम ऐसे ही लिपटे हुऐ बातचीत करते रहे।
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी यह कहानी ? मुझे मेल करेंगे ना ? Antarvasna Sex Stories