Sex Stories
अरे सुरेश, बड़े दिनों बाद दिखे, आज कल कहां Sex Stories रहते हो?’
‘मंथली एक्ज़ाम चल रहे थे न आंटी। अब इस साल मैं 12वीं में आ गया हूं।’
‘तुम्हारी क्लास में लड़कियाँ कितनी हैं?’
’12
‘और लड़के?’
’36 ‘
‘बड़ी किस्मत वाली हैं एक एक के तीन तीन लौंडे।’
‘पर मुझे तो कोई घास नहीं डालती।’
‘अरे कोई नहीं, मैं सिखा दुंगी तुम्हे लड़की कैसे पटाते हैं।’
‘प्लीज़ आंटी जल्दी सिखाओ।’
‘तुम्हारी कोई गर्ल फ़्रेण्ड है या नहीं?
‘है न, रीता।’
‘क्या करते हो उसके साथ?’
‘बातें, और क्या?’
‘क्या गर्ल फ़्रेण्ड के साथ केवल बातें करते हैं?’
‘नहीं, आंटी, वो न थोड़ी कंज़रवेटिव है।’
‘कंज़रवेटिव न होती तो क्या करते?’
‘तो सब कुछ कर देता।’
‘मतलब क्या-साफ़ साफ़ बताओ मुझे?’
‘मुझे शरम लगती है।’
‘मैं तुमको कैसी लगती हूं?’
‘बहुत अच्छी।’
‘मतलब क्या क्या अच्छा लगता है?’
‘आपका चेहरा बहुत अच्छा लगता है।’
‘मतलब मैं बुड्ढी हो गयी हूं चेहरे के सिवा कुछ अच्छा ही नहीं है।’
‘है न।’
‘तो बताओ न।’
‘आप गुस्साओगे तो नहीं?’
‘मैं क्यों गुस्साऊं, अपनी बढ़ाई किस को अच्छी नहीं लगती।’
‘आप का न फ़्रंटसाइड बहुत अच्छा है।’
‘फ़्रंटसाइड मतलब?’
‘वो ब्लाउज़ के भीतर।’
‘उसमे अच्छा क्या है तुमने अंदर देखा है कभी?’
‘नहीं पर बहुत बड़ा है न।’
‘मतलब तुम्हें बड़ी चूची पसंद हैं।’
‘हां।’
‘तो सीधे बोलो न मुझे आपके बड़े ब्रेस्ट पसंद हैं।’
‘बोलो बोलो।’
‘मुझे आपकी बड़ी चूची पसंद हैं।’
‘गुड, शाबाश, और क्या क्या पसंद है तुम्हें?’
‘आपका बैकसाइड।’
‘पर उसमें क्या?’
‘आपका बैकसाइड छोटा और स्लिम है न।’
‘मतलब तुम्हें छोटे बटक्स चाहिये।’
‘हां।’
‘बड़े परखी हो।’
‘तुम्हारी रीता की बैक साइड कैसी है?’
‘छोटी और स्लिम, पर पता नहीं आगे जाकर फ़ैल न जाये।’
‘क्यों? क्या पीछे से डाल कर फ़ैलाने का इरादा है?’
‘धत्।’
‘और तुम्हारी गर्ल फ़्रेण्ड की चूची कैसी हैं?।’
‘मीडियम है, आप जैसे बड़े नहीं हैं।’
‘बार बार दबाने से न बढ़ जाते हैं। चूत और चूची को जितना मसलो उतना बढ़ते जाते हैं।’
‘अब अब दबायेगा रोज रोज?
‘दबवायेगी तब न।
‘कभी मसला है उसकी चूची को?’
वो तो छूने ही नहीं देती।
क्या? छूने ही नहीं देती?
अपने ब्रेस्ट ।
हिन्दी में बोलो पूरा एक बार में
वो अपनी चूची छूने ही नहीं देती।
चिन्ता मत करो मैं तुम्हें ऐसे ट्रिक्स बताऊंगी और सिखाऊंगी कि वो खुद तुम्हें चूची मसलवाने की रिक्वेस्ट करेगी।
सचमुच। आप बड़ी अच्छी हो।
अच्छा अगर मैं तुम्हें फ़्री छोड़ दूं तो क्या करोगे?
धत्। आप तो आंटी हो?
फ़िर ये तुम्हारे पैंट के भीतर कड़ा कड़ा क्यों हो गया ये सवाल सुनकर?
आई एम सोरी, आप गुस्सा न करो।
एक शर्त पर अगर तुम सच सच बोलोगे, ये कड़ा कैसे हो गया?
आप भी सेक्सी हो न इसलिये।
तो बताओ न फ़्री मिल गये तो क्या क्या करोगे?
फ़्री थोड़े ही न छोड़ेंगे आप।
लेसन 1- हाथ की सफ़ाई
तो तुम्हारा पहला लेसन है हाथ की सफ़ाई। आदमी और औरत हाथ से क्या कुछ कर और करा सकते हैं और कितना मजा दे और ले सकते हैं?
तुम बताओ हाथ से क्या कर सकते हो?
हाथ से चूची को पकड़ सकते हैं?
और?
और क्या अपना हाथ जगन्नाथ।
तुम सच मुच घामड़ हो।
क्यों और कुछ भी करते हैं? प्लीज़ बताइये न आंटी।
अच्छा बताती हूं। आदमी औरत के हर अंग को दबा के सहला के उसे मजे दे सकता है।
कैसे?
अभी दिखाती हूं।
आज मेरे बदन में बड़ा दर्द है, थोड़ा बोडी लोशन लगा दोगे?
हां।
पर कुछ और तो नहीं करोगे, फ़्री समझ के?
नहीं।
तो लो ये लोशन मेरे कंधे, पीठ और कुल्हों पे लगा दो।
मैं पेट के बल लेट जाती हूं।
अपना टी शर्ट तो उतार दो आंटी।
लो उतार दिया अब ब्रा उतारने को मत कहना। और ये लेट गयी मैं पेट के बल। कंधे को धीरे धीरे दबाओ और बोडी लोशन लगाओ। हां, ऐसे ही, अब थोड़ा प्रेस करो, वेरी गुड। अब यही मेरे पीठ पर करो। वाह! शाबाश। अब मेरी जीन्स को थोड़ा नीचे सरकाओ और पैंटी को भी। थोड़ा लोशन मेरे चूतड़ों पर लगाओ और धीरे धीरे उस पर मालिश।
अरे नहीं, गांड में मत डालो लोशन, शैतानी नहीं। बस, हो गया।
आंटी थोड़ा और दबाऊं न। आपने जीन्स क्यों बंद कर ली? बड़ा मजा आ रहा था।
अच्छा अब आगे दबाने की ट्रैनिंग देती हूं।
आगे मतलब ऊपर या नीचे
क्या मतलब? साफ़ बोलो।
वो ब्रा के भीतर या पैंटी के भीतर।
तू तो बड़ा सयाना हो गया है। साफ़ साफ़ क्यों नहीं पूछता चूत या चूची?
हां वही।
वही क्या?
चूत या चूची दबाने की ट्रैनिंग?
तुझको कौन सी पसंद है।
दोनो।
बड़ा लोभी है तू।
अगली ट्रैनिंग चूत दबाने की। वहां अपना हाथ डाल के धीरे धीरे सहलाना चाहिये।
कहां?
चूत पे और कहां?
फिर न, उंगली को चूत के छेद में डाल कर धीरे धीरे फ़िंगर करते हैं।
इससे न, लड़की/औरत गर्म हो जाती है, तुम न अपनी गर्ल फ़्रेण्ड पर ट्राइ करना और बताना कैसा लगा उसे।
आंटी थोड़ा प्रेक्टिस तो करा दो प्लीज़।
तुम तो बड़े लोभी निकले।
अच्छा चलो पर केवल दो मिनट।
थैंक यू ।
कहां से शुरु करें?
मेरे जीन्स के बटन खोलो।
खोल दिया।
क्या मस्त जांघ है आपकी।
तुम्हें पसंद आयी?
हां।
तो चूम ले जी भर के?
चाट चाट चाट ! अब अपना हाथ मेरी पैंटी के अंदर डालो।
आंटी एक बार चूत तो दिखा दो अपनी।
आज नहीं, अगली बार।
और धीरे धीरे इसे सहलाओ।
छेद पर नहीं थोड़ा ऊपर। चूत के छेद से ऊपर जो थोड़ा उठा हुआ भाग है उसे क्लाइटोरिस बोलते हैं। औरतों को न सबसे ज्यादा मजा वहीं मिलता है।
चूत से भी ज्यादा?
हां।
आंटी आपको तो कितना पता है। आइ एम लकी कि आप मुझे सब बता रहीं हैं।
सहलाते रहो धीरे धीरे।
अब जरा स्पीड बढ़ाओ – जोर से और जोर से। बस। मैं आ गयी।
विकाश आज तुमने बड़े मजे दिये मुझे। ऐसे भी मैं किसी का उधार नहीं रखती।
मैं तुम्हें इनाम देना चाहती हूं।
क्या आइस क्रीम?
नहीं, उससे भी बढ़िया।
अरे, ये तुम्हारा पैंट के भीतर क्यों इतना कड़ा हो गया है?
कोई स्टील रोड छुपा रखा है क्या।v
नहीं तो?
क्या मैं खुद हाथ लगा कर देखती हूं।
जरा अपनी पैंट के जिप तो खोलो।
अरे तुम्हारा तो कितना मोटा लंड है।
आंटी आप इसको पकड़ते हो न तो बड़ा अच्छा लगता है।
कभी तुम्हारी गर्ल फ़्रेण्ड ने पकड़ा है इसे।
नहीं वो न शरमाती है शायद।
तो भूखों मरेगी साली। कोई नहीं मैं तुम्हें ऐसे तरीके सिखाउंगी कि इसके बिना जी नहीं पाएगी तेरी छोकरी। बस एक बार उसे आदत लगने दे। अच्छा ये जो मैं तुम्हारे लंड को दबा रही हूं ये कैसा लग रहा है?
बहुत अच्छा।
तो ले आज मैं तुझे हाथ से ही लाती हूं।
आंटी थोड़ा और जोर से दबाओ।
थोड़ा तेजी से प्लीज़।
और तेजी से।
फच फच फच।
ये मैंने आपका ब्लाउज़ खराब कर दिया और थोड़ा सा तो चेहरे पर भी पड़ गया, अरे आप इसे चाट क्यों रही हो?
तू चिंता मत कर आगली बार एक बूंद भी बाहर नहीं जयेअगा सारा मैं अंदर ले लुंगी।
आंटी आपके हाथों में तो जादु है।
तू देखता जा और कहां कहां जादु है साले। आंटी के तो अंग अंग में जादु है।
विकाश, ये जो मैंने तुम्हारी ट्रैनिंग करायी किसी को बताना नहीं।
जी ।
अपनी गर्ल फ़्रेण्ड को भी नहीं?
जी अच्छा।
और अपनी गर्लफ़्रेण्ड के ऊपर ट्राइ करके बताना उसे कैसा लगा?
जी।
पर करुंगा कहां?
सिनेमा हाल में, पार्क में, खाली क्लास रूम में, जहां मौका मिले।
वो कैसे?
और कभी ट्रैनिंग की जरुरत हो तो आ जाना।
तो आज शाम को आ जाऊं?
अरे बदमाश पहले ये ट्रैनिंग तो प्रेक्टिस करले रीता पर?
जब तुम्हारे अंकल नहीं हों तब आना ट्रैनिंग के लिये।
क्यों?
तुम्हारे अंकल न नहीं चाहते कि मैं किसी को ट्रैनिंग दूं। वो सारी ट्रैनिंग खुद ही लेना चाहते हैं
बड़े स्वार्थी हैं अंकल। Sex Stories