काजल और सोनू की मस्तियाँ-Sex Stories

हैलो ! Sex Stories

मैं हूँ सुशीत। पिछले दो साल Sex Stories से मैं अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। इन दो सालों में मैंने यह महसूस किया है कि यहां अधिकतर, या शायद सभी, कहानियाँ झूठी हैं। फ़िर भी मुझे अन्तर्वासना बहुत पसन्द है क्योंकि यहाँ से आपको आपकी अपनी भाषा में बेहतरीन कामुक कथाएँ मिल जाती हैं।

मैंने सोचा कि अगर अपनी कल्पना से ही कहानी लिखनी है तो क्यों न सच बोल कर ही क्यों न लिखा जाए, इससे पाठकों के साथ धोखा भी नहीं होगा। इसलिए मैं आपको पहले ही बता दूँ कि यह कहानी कपोल-कल्पित है और सिर्फ़ अन्तर्वासना के पाठकों के मनोरंजन के लिए लिखी गई है।

तो प्रस्तुत है मेरी काल्पनिक कथा :

सोनू को कोलेज़ में आए अभी एक हफ़्ता भी नहीं हुआ था कि पूरे कोलेज़ के लड़कों में उसके बड़े बड़े, तने हुए गोल गोल स्तन और मोटे मोटे नितम्बों के चर्चे होने लगे थे।

सोनू ने अभी अभी कैथल के इन्ज़िनियरिन्ग कोलेज़ में आई टी ब्रांच में प्रवेश लिया था। सोनू कोहर वैसे हाँसी से थी पर ए.आई.ई.ई.ई. के कारण उसे यही कोलेज़ मिला था जो कि उसके शहर से काफ़ी दूर है। इसी कारण उसे होस्टल में रहना था।

सोनू अपने माँ-बाप की इकलौती बेटी है और अपने पापा की बहुत लाड़ली है। उसका व्यव्हार बिल्कुल बच्चों जैसा था। उसे सेक्स के बारे में कोई ज्ञान नहीं था। पर ऐसा भी नहीं था कि वो इससे बिल्कुल अनभिज्ञ थी। बस उसे सही जानकारी नहीं मिल पाई थी।

सोनू पहले दिन कक्षा में आई तो सबकी नज़र उसके गोल-गोल स्तनों पर पड़ी। पूरी कक्षा में उसके जैसे तने हुए और सुडौल वक्ष शायद किसी लड़की के नहीं थे।

उसे तंग ब्रा पहनने की आदत थी जिस कारण उसके वक्ष का ऊपरी हिस्सा फ़ूला हुआ रहता था। शायद यह कसी हुई ब्रा ही उसके वक्ष की सुडौलता का राज़ थी। उसका कद होगा कोई ५’ ४” और फ़ीगर होगी ३५-२८-३६, कन्धे तक लम्बे बाल। उसके नयन-नक्श तो साधारण थे, नाक लम्बी थी। जब वो चलती थी तो उसके स्तन उसकी चाल के साथ ही चाल मिला कर उछलते थे।

कोलेज़ में आते ही उसकी सबसे पहली सहेली अभी उसकी होस्टल की रूम-मेट काजल ढींगरा, जो कि दिल्ली से थी और कुछ खास सुन्दर नहीं थी। सोनू के सामने तो वो बदसूरत ही लगती थी।

हालांकि उसके स्तन भी काफ़ी बड़े और तने हुए थे और काजल सोनू से ज्यादा पतली कमर वाली थी, पर सोनू के गोरे रंग और गदराए बदन के सामने काजल की ओर किसी का ध्यान ही नहीं जाता था।

कोलेज़ का हर लड़का सोनू को देखते ही उसके नंगे बदन की कल्पना करने लगता था। जाने कितने लरके उसके बारे में सोच सोच कर मुठ मारते थे।

रितु दिल्ली से होने के कारण सेक्स के ममले में सोनू से कहीं ज्यादा जानती थी। जहाँ एक तरफ़ सोनू ने अपनी चूत में कभी उँगली तक नहीं घुसाई थी तो वहीं दूसरी तरफ़ काजल कई बार सेक्स कर चुकी थी बल्कि केला, बैंगन जैसी चीज़ों का इस्तेमाल भी बखूबी जानती और करती थी।

बस अब क्या होना था, सोनू को एकदम सही लड़की मिल गई थी। धीरे धीरे दोनों काफ़ी अच्छी दोस्त बन गई। अब तो अपने पसन्दीदा लड़कों की बातें करने में भी दोनों को बिल्कुल शरम नहीं आती थी।

फ़िर धीरे धीरे अपनी ड्रेस से लेकर अधोवस्त्रों तक की बातें खुलकर होने लगी। कई बार तो रितु सोनू के सामने नंगी भी हो जाती थी। शुरू में तो सोनू थोड़ी शरमा जाती थी पर फ़िर काजल के बार बार उकसाने पर वो भी कभी कभी काजल के सामने नंगी हो जाया करती थी।

शुरुआत का शरमीलापन आखिरकार खत्म होता गया और दोनों एकदम खुल गई। फ़िर तो दोनों अपनी झाँटे भी एक दूसरे से ही शेव करवाने लगी। इस से एक तो शेव अच्छी तरह हो जाती थी, दूसरा कट लगने का डर कम हो जाता था।

पहली बार तो सोनू काजल से शेव करवाने में शरमा रही थी पर जब काजल ने कई बार उस से अपनी झांटें शेव करवा ली तो सोनू भी काजल से ही अपनी झांटें शेव करवाने के लिए तैयार हो गई।

“वाह यार ! बड़ी नर्म -नर्म और सुलझी हुई झांटें हैं तेरी तो … एक दम इंग्लिश हिरोइनों की तरह … रंग भी ब्राऊन है !” जब पहली बार काजल ने सोनू की झांटें देखी तो उसके मुंह से ये निकला।

सोनू थोड़ा शरमाई पर मन ही मन अपनी झांटों की तारीफ़ सुनकर खुश भी हुई। काजल कई बार सोनू की चूत का मुआयना करने के चक्कर में भी रहती थी पर सोनू की शर्म इतनी भी नहीं खुली थी। इसलिए वो काजल को अपनी झांटों से नीचे नहीं पहुँचने देती थी।

काजल को तो शुरू से ही नंगी होकर सोने की आदत थी, पर अब उसने सोनू को भी यह आदत डालने की कोशिश में लग गई थी।

काजल ने उसे नंगी सोने के ऊपर बहुत बार लंबे -चौड़े भाषण दिए, तब कहीं जाकर सोनू को नंगी होकर सोने के लिए तैयार कर पायी। तो अंततः दोनों हॉस्टल के कमरे में एकदम नंगी होकर सोने लगी थी।

एक रात सोनू की नींद खुली तो उसने महसूस किया कि उसकी टांगों के बीच में हल्की -हल्की गुदगुदी हो रही थी जैसे कि कोई चींटी उसकी टांगों के बीच से चूत की तरफ़ बढ़ रही हो।

पहले तो सोनू ने सोचा कि इस गुदगुदी को जारी रहने दूँ क्यूंकि उसे मज़ा सा आ रहा था पर फ़िर उसने सोचा कहीं कोई और कीड़ा -मकोड़ा न हो इसलिए उसने झट से अपना हाथ गुदगुदी वाली जगह पर लगाया तो पाया कि वो कोई चींटी नहीं बल्कि काजल की ऊँगली थी।

सोनू ने काजल कि तरफ़ देखा तो पाया कि वो उसकी और देखकर मुस्कुरा रही थी।

सोनू भी पहले ज़रा मुस्कुरायी फ़िर बोली -“क्या है यार ? नींद नहीं आ रही क्या ? कम से कम मुझे तो सोने दे ! ”

काजल – मैं क्या कह रही हूँ तुझे? तू सो आराम से। लोग पहले तो कपड़े उतारकर सो जाते हैं फ़िर सोचते हैं कि किसी का हाथ तक न छू जाए।

सोनू- रहने दे, तूने ही आदत डाली है मुझे। नहीं तो मैं तो अच्छी-भली …

काजल – हाँ हाँ, बड़ी आई अच्छी-भली उन कसे तंग कपडों में अपने मोटे -मोटे स्तनों को जकड़कर सोने वाली। अरे भगवान ने ये कोमल सा बदन इसलिए दिया है क्या कि तू इसे उन तंग कपडों में बांधकर इसपर अत्याचार करे?

यह बात कहते हुए काजल ने अपनी ऊँगली सोनू के स्तनों से लेकर नीचे उसकी चूत तक हलके से फिर दी। सोनू भी एक बार तो सिहर सी गई।

फ़िर थोड़ा संभलकर बोली -“वो तो ठीक है यार, अब फ़िर से शुरू मत हो। मैंने कब कहा कि तू ग़लत कहती है ! तेरा बस चले तो तू तो दिन भर कॉलेज में भी नंगी ही घूम आए !”

काजल – “हाय … तूने तो मेरे मुंह की बात छीन ली मेरी जान। ला वापिस दे दे …” इतना कहकर काजल ने अचानक सोनू के होठों पर एक हल्की सी पर ज़रा लम्बी चुम्मी कर दी।

सोनू थोड़ा शरमाकर बोली – “हट पागल, ये क्या कर रही है तू?”

काजल – “शायद इसे किस कहते हैं। तू क्या कहती है वैसे ?” काजल अब सोनू के ज़रा करीब खिसक आई थी और उसने ये बात थोड़े नशीले अंदाज़ में कही।

सोनू ज़रा पीछे मुंह खींचते हुए बोली – “मुझे भी पता है इसे किस कहते हैं। पर तू मुझे क्या सोचकर किस कर रही है ? मुझे अपना बॉय फ्रेंड समझा है क्या?

काजल – जो चाहे समझ ले यार, चाहे तो रात को मेरा बॉय फ्रेंड ही बन जाया कर।

सोनू – ऐसा क्या मिलेगा तुझे मुझे बॉय फ्रेंड समझ कर?

काजल – एक लड़की रात को बिस्तर पर अपने बॉय फ्रेंड से क्या चाहती है?

सोनू थोड़ा सोचकर बोली – तेरा मतलब सेक्स …

काजल – वाह मेरी जान ! सामान्य ज्ञान अच्छा है तेरा।

सोनू – क्या ख़ाक सामान्य ज्ञान है? मुझे तो ये तक नहीं पता कि सेक्स में सही-सही होता क्या है ?” सोनू की भी नींद उड़ चुकी थी।

काजल – वो तो मुझे पता है की तू इस मामले में अभी ज़रा कच्ची है।

सोनू – ह्म्म्म … पर यार मैं १८ साल की हो गई हूँ। तुझे नहीं लगता की मुझे सबकुछ पता होना चाहिए?

काजल – हाँ -हाँ, क्यूँ नहीं पता होना चाहिए? अब तक तो तेरे प्रैक्टिकल भी हो जाने चाहिए थे।

सोनू थोड़ा हिचकिचाई फ़िर बोली – शायद तू सही कह रही है। अच्छा तो बता न, क्या होता है सेक्स में?

काजल – ज़ल्दबाजी नहीं माय डीयर, पहले तू बता कि तुझे कितना पता है?

सोनू – वो … बस पहले तो लड़का -लड़की कपड़े उतार लेते हैं, फ़िर एक -दूसरे को किस करते हैं और फ़िर बिल्कुल चिपक कर सो जाते हैं। इतना ही …” सोनू कुछ सोचते हुए बोली।

काजल सोनू के एक स्तन को हाथ से भींचते हुए बोली – “ये जो किस और चिपक के सोने के बीच में जो होता है न, दरअसल वो सेक्स है।”

सोनू एकदम से उसका हाथ पकड़ते हुए बोली – “क्या मतलब ? चिपक कर सोने से सेक्स नहीं होता?” पर सोनू ने उसका हाथ अपने स्तनों पर से हटाया नहीं।

काजल हँसते हुए बोली – “अरे नहीं। सेक्स में तो बहुत -कुछ होता है और चिपक कर सोने से कहीं ज़्यादा मज़ा भी आता है।”

सोनू – “अच्छा ? बता न फ़िर क्या होता है?”

“बताना क्या है ! मैं तुझे करके दिखाती हूँ .” काजल ने सोनू के दोनों स्तनों पर एक -एक किस करते हुए कहा।

सोनू – “तो क्या लड़के के बिना ही …”

काजल – “यार सिर्फ़ सिखा रही हूँ। इस सबसे तुझे थोड़ा आईडिया हो जाएगा न ! फ़िर जब तेरा बॉय फ्रेंड हो तो उसके साथ असली वाला सेक्स कर लेना !”

सोनू – “हाँ। ये सही रहेगा। चल फ़िर हो जा शुरू .” सोनू के लिए इंतजार करना मुश्किल हो रहा था। वो ज़रा नर्वस भी थी पर सेक्स के बारे में जानने की इच्छा उसपर हावी हो रही थी।

सोनू का इतना कहना था कि एकदम से काजल ने उसे अपनी तरफ़ खींच लिया और ख़ुद से कसकर चिपका लिया। फ़िर वो सोनू के होंठों पर अपने होंठ रखकर उसे किस करने लगी। सोनू के मुंह से एक बार सिसकी निकली और फ़िर सिर्फ़ “म्मम्मम्म … म्मम्मम …” की आवाजें आने लगी।

कोई अनजान भी ये बता सकता था कि यह आवाजें पूरी तरह वासना से भरी हुई थी। काजल और सोनू दोनों कि आँखें बंद थी और सोनू को ऐसा आभास हो रहा था जैसे कि वो कोई सपना देख रही हो। अपने होंठों को सोनू के होंठों से चिपकाए हुए ही काजल अपना हाथ धीरे -धीरे सोनू की चूत की तरफ़ बढ़ाने लगी। सोनू को लगा कि आज तो वो उसकी चूत को अच्छे से स्कैन करके ही रहेगी।

पर फिलहाल काजल का ऐसा कोई इरादा नहीं था। काजल अपना हाथ नीचे ले जाकर सोनू की टांगें खोलने की कोशिश करने लगी।

सोनू ने भी समय की नजाकत को समझते हुए टाँगे ज़रा ढीली छोड़ दी। काजल तुंरत सोनू की दोनों टांगों को खोलकर उनके बीच में आ गई। अब काजल ने दोनों हाथों को सोनू की कमर पर ले जाकर उसे पूरी ताकत से भींच लिया और फ़िर धीरे -धीरे कमर पर हाथ फिरने लगी।

सोनू को काफ़ी मज़ा आने लगा। दोनों के चूचुक आपस में टकरा रहे थे और न सिर्फ़ टकरा रहे थे बल्कि पूरी ताकत के साथ एक-दूसरे को दबा रहे थे। आखिरकार काजल ने सोनू के होंठों को छोड़ा और सोनू को साँस लेने के लिए कुछ सेकंड का वक्त दिया। और फ़िर ये कहकर कि “थोड़ा तू भी साथ दे न यार …” फ़िर से उसके होंठों को चूसने लगी।

इस बार सोनू भी काजल के होंठों को चूस रही थी। सोनू को महसूस हो रहा था कि उसकी चूत की अंदरूनी दीवारें धीरे -धीरे नम हो रही थी और फ़िर पूरी तरह गीली हो गई थी।

सोनू को तो ये भी शक था कि कहीं पानी की कुछ बूँदें बेड की चादर पर न टपक गई हों। पर इस सबकी चिंता करने का उसके पास वक्त नहीं था, वो तो जैसे स्वर्ग में तैर रही थी।

अब सोनू को एहसास हो रहा था कि वाकई सेक्स में चिपक कर सोने से कहीं ज़्यादा मज़ा है। हलाँकि उसे अंदाजा नहीं था कि काजल अभी उसके साथ और क्या -क्या करने वाली थी।

दूसरी तरफ़ काजल की भी चूत पूरी तरह से पानी में तर थी। अचानक काजल की चूत से निकली पानी की एक बूँद सोनू की टांग पर गिरी तो सोनू को विश्वास हो गया कि काजल का भी वही हाल हो रहा था जो कि उसका, बस सोनू का ये पहला एहसास था और काजल तो गिनती करना छोड़ चुकी थी।

किस करते करते काजल अपनी जीभ से सोनू के होंठों को खोलने के लिए ज़ोर लगाने लगी तो सोनू ने उसकी इस हरकत पर कुछ कहने के लिए अपने होंठ खोले ही थे कि काजल ने अपनी जीभ सोनू के मुंह में घुसा दी।

अब काजल सोनू के पूरे मुंह का जायजा ले रही थी। सोनू का आनंद अपने चरम पर पहुँचने लगा। इसका असर सीधा उसकी चूत पर पड़ा और उसकी चूत और ज़्यादा गीली होकर ज़ोर ज़ोर से फड़कने लगी।

थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा। फ़िर एकाएक काजल की जीभ सोनू की जीभ से टकराई और उस से खेलने लगी। सोनू पहले तो ज़रा हैरान हुई पर फ़िर वो भी उत्सुकता से अपनी जीभ को काजल की जीभ से रगड़ने लगी।

अब तो दोनों के मुंह से “म्मम्मम … म्मम्मम … म्मम्मम …” की आवाजें आने लगी। ये आवाजें धीरे -धीरे और तेज़ होने लगी।

थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा, फ़िर अचानक सोनू के शरीर में एक सरसर्राहट सी दौड़ गई और उसका अंग -अंग अकड़ने लगा। काजल उसका ये हाल देखकर समझ गई कि सोनू अब झड़ने वाली है। उसका अंदाजा सही था।

सोनू के मुंह से एक लम्बी सी “आः ” निकली और उसकी चूत से एकदम से काफ़ी ज्यादा पानी की फुहार निकली। उसके बाद तो एक के बाद एक कई फुहारें निकलती चली गई। सोनू की चूत से निकला ज्यादातर पानी काजल की चूत से टकराकर नीचे बहने लगा। काजल की चूत और जांघें सोनू की चूत से निकले जूस से नहा गई थी।

इस जूस की गर्माहट काजल भी ज्यादा देर तक सहन नहीं कर पायी और “आआह्ह्ह्ह्छ …. सोनू …. मैं भी बस्स ….. आआह्ह्छ …” कहते हुए वो भी झड़ गई। इस तरह सोनू की चूत से निकले पानी में नहाई हुई काजल की चूत एक बार फिरसे उसके ख़ुद के पानी से नहा गई।

हलाँकि काजल की चूत से निकला पानी सोनू की चूत से निकले पानी से काफी कम था।

आखिरकार दोनों निढाल होकर गिर गई। थोड़ी देर तक वो दोनों एक -दूसरे से चिपक कर लम्बी -लम्बी साँसे लेती रही।

कुछ देर के बाद दोनों सामान्य हुई तो काजल ने कहा – “तो कैसा रहा मैडम ?”

“कमीनी, इतने दिन से तेरे साथ नंगी सो रही हूँ और तू मुझे ये सब आज सिखा रही है?” सोनू की आंखों में वासना साफ़ दिखाई दे रही थी और उसकी आवाज़ भी कामुक लग रही थी।

काजल ने सोनू की चूत पर ऊँगली फिराई और सोनू ने उसे बिल्कुल नहीं रोका। फ़िर वो उसी ऊँगली को चूसते हुए बोली – “हर काम सही समय पर करने में ही मज़ा आता है। अगर मैंने पहले ही दिन तेरे साथ कोई ऐसी वैसी हरकत की होती तो तू दोबारा कभी नंगी सोती क्या?”

पर सोनू का ध्यान काजल की बात पर नहीं था, वो तो उसकी ऊँगली की और ही देखे जा रही थी। आखिरकार जब उस से नहीं रहा गया तो वो बोल उठी – “ये तू मेरी उस में से निकला हुआ पानी क्यूँ चाट रही है ? तुझे घिन्न नहीं आती क्या ?”

“तेरी किस में से?” काजल जानबूझकर अनजान बनते हुए बोली।

सोनू – “मेरी उस में से यार !” सोनू अपनी चूत की और इशारा करते हुए बोली।

“पहले तो मैं तुझे ये बता दूँ की इसे ‘चूत ’ कहते हैं, क्या कहते हैं ?” काजल ‘चूत ’ शब्द पर ज़ोर देते हुए बोली।

सोनू – “चूत। पर तुझे कैसे पता?”

काजल – “मेरा एक बॉय फ्रेंड था १२वीं में, कुशल। उसने बताया था कि सब लड़के इसे चूत ही कहते हैं .”

सोनू – “क्या ? १२वीं में तेरा बॉय फ्रेंड था?”

काजल – “इस में क्या बड़ी बात है ? मैंने तो १२वीं में ही अपनी सील भी तुड़वा ली थी।”

सोनू – “क्या तुड़वा ली थी?”

काजल – “सील। तुझे सील नहीं पता? कभी अपनी चूत में ऊँगली डालने की कोशिश की है?”

सोनू – “हाँ एक बार नहाते हुए … पर ज़्यादा अन्दर नहीं गई।”

काजल – “वो सील की वजह से अन्दर नहीं गई। जब लड़की पहली बार सेक्स करती है तब वो सील टूट जाती है।”

“पर मुझे नहीं लगता कि मेरी सील टूट गई है।” सोनू अपनी चूत में ऊँगली घुसाने की कोशिश करते हुए बोली।

काजल – “अरे मेरी जान, अभी कहाँ सेक्स हुआ है?”

सोनू – “तो वो सब??”

काजल – “वो तो बस मैं तुझे और खुद को गरम कर रही थी, मतलब सेक्स के लिए तैयार कर रही थी।”

सोनू – “ओह्ह … और ये तू मेरी चूत का पानी क्यूँ चाट रही थी?”

काजल – “क्यूंकि मुझे अच्छा लगता है। ये सब सेक्स का ही हिस्सा है। तू भी सीख जायेगी धीरे धीरे। चल अब टाइम ख़राब मत कर। अभी बहुत कुछ बाकी है। कल रविवार है इसलिए हम लेट भी उठ सकते हैं। फ़िर कभी इतना टाइम नहीं मिलेगा। दिखा ज़रा …” कहकर काजल ने सोनू के दोनों स्तन अपने हाथों में जकड़ लिए और उन्हें दबाने लगी।

सोनू को पहले तो थोड़ा दर्द हुआ पर साथ ही साथ अच्छा भी लगा इसलिए उसने काजल को रोका नहीं। सोनू के स्तनों को दबाते -दबाते उसने एक बार सोनू के चुचूक को अपनी उँगलियों के बीच में पकड़ा और ज़ोर से मसल दिया।

सोनू लगभग चीख उठी थी, पर तभी काजल ने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उन्हें चूसने लगी। पर उसने सोनू के चुचूक को मसलना और उसके स्तनों को दबाना जारी रखा।

थोड़ी देर बाद सोनू को आदत सी पड़ गई और उसे अब सिर्फ़ मज़ा आ रहा था। सोनू के मुंह से कामुक सिस्कारियां निकलने लगी थी और उसकी चूत अन्दर से गीली होने लगी थी पर अबकी बार सोनू इस एहसास को अच्छे से समझती थी।

थोड़ी देर सोनू के स्तन दबाने के बाद काजल ने उसका एक चुचूक अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी, पर उसने दूसरे चुचूक को मसलना जारी रखा। सोनू की चूत अब और ज्यादा गीली होने लगी थी।

चूत तो काजल की भी सूखी नहीं थी, उसकी चूत भी भीगकर गरम हो गई थी। उसने और ज्यादा तेज़ी से सोनू के चुचूकों को बारी बारी से चूसना शुरू कर दिया। अब तो वो कभी कभी सोनू के चुचूक के आसपास का भूरा हिस्सा भी पूरा मुंह में भर लेती थी और कई बार तो इस से भी ज्यादा।

सोनू तेज़ी से कामुक सिस्कारियां ले रही थी और उसकी चूत से गरम -गरम पानी की बूँदें तापकने लगी थी।

अचानक काजल ने सोनू को पीठ के बल सीधा किया और ख़ुद उसके ऊपर आ गई। अब उसने सोनू के स्तनों को चूसना बंद कर दिया और उनपर हलके हलके किस करने लगी। पर इस से सोनू की साँसे और भी तेज़ होने लगी और उसकी चूत गरम होकर तेज़ी से फड़कने लगी थी।

अब काजल जरा ऊपर की ओर गई और सोनू के होंठों पर हल्के से किस किया। फ़िर वो ऐसे ही किस पे किस करते हुए धीरे धीरे नीचे की ओर आने लगी। पहले गर्दन पर, फ़िर दोनों चुचूकों पर, फ़िर दोनों स्तनों के बीच में, फ़िर नाभि में और फ़िर सोनू की चूत से जरा ऊपर काजल ने हल्की हल्की किस की। फ़िर काजल ने सोनू की चूत को ध्यान से देखा। एकदम सफ़ाचट गुलाबी गुलाबी चूत देख कर एक बार तो काजल को सोनू से ईर्ष्या होने लगी क्योंकि खुद उसकी चूत का रंग काला पड़ चुका था। सोनू की चूत से निकले पानी से भीगे होने के कारण उसकी चूत चमक रही थी।

फ़िर उसने सोनू की शिश्निका को देखा जो कि हल्के हल्के से फ़ड़फ़ड़ाने लगी थी। काजल ने सोनू की तांगों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर खोला और धीरे से उस पर झुकी तो उसकी गरम सांसें सोनू की शिश्निका से जा टकराई। इस से सोनू की चूत से पानी की २-४ बूंदें टपक गई और उसकी क्लिट और तेज़ी से फ़ड़कने लगी।

काजल ने अपनी जीभ के ऊपरी हिस्से को हल्के से सोनू की क्लिट पर छुआ दिया तो उसे भी पता लग गया कि उसकी क्लिट काफ़ी गर्म थी। काजल कि इस अचनक हरकत से सोनू एक बार तो उछल पड़ी और उसके गले से एक ज़ोर की सिसकी निकली। फ़िर काजल ने धीरे धीरे अपनी जीभ को सोनू कि क्लिट पर फ़िराना चालू किया तो सोनू ने भी अपने नितम्ब ऊपर उठा लिए।

उसका मन कर रहा था कि अपनी चूत को काजल के मुँह में घुसेड़ दे जिस से उसे कुछ राहत मिल सके। काजल भी सोनू की हालत को समझ गई और उसने सोनू की टांगों को थोड़ा और चौड़ा किया और उसकी क्लिट को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगी।

सोनू तो जैसे आनन्द के महासागर में गोते लगा रही थी। उसके मुँह से “आह ह आऽऽह उह म्म्म आह्म्म…” की आवाज़ें आनी बंद ही नहीं हो रही थी ।

थोड़ी देर तक यही चलता रहा। फ़िर काजल ने अपनी जीभ को सोनू की चूत में लगा दिया और ज़ोर से अन्दर घुसाने का प्रयास करने लगी। उसकी जीभ थोड़ी सी ही अन्दर जा पाई।

काजल ने सोनू की टांगों को और चौड़ा किया और उसकी चूत को अपने दोनों हाथों की उँगलियों से थोड़ा और चौड़ा किया और फ़िर अपनी जीभ तेज़ी से अन्दर -बाहर करने लग।

सोनू को और भी मज़ा आने लगा और वो “आह्ह … अआछ … आःह्छ …” करने लगी। काजल ने पहले एक ऊँगली, फ़िर दो और फ़िर तीन उँगलियाँ अपनी चूत में घुसा ली और तेज़ी से अन्दर -बाहर करने लगी।

सोनू लगातार अपने नितम्ब उछाल रही थी। काजल ने स्पीड और तेज़ कर दी। बस अब सोनू के लिए और सह पाना नामुमकिन था। सोनू के मुंह से एक बार ज़ोर की “आया … आआआअह्ह्ह … आःह्ह्ह्छ ….” निकली और सोनू ने पूरा ज़ोर लगाकर अपने नितम्ब ऊपर उठा लिए। आखिरकार सोनू बड़ी ज़ोर से काजल के मुंह में झड़ी।

सोनू के पानी की फुहार से काजल का पूरा मुंह भर गया और उसका पूरा चेहरा भी गीला हो गया। काजल ने अपनी ऊँगली की स्पीड भी बढ़ा दी और कुछ ही सेकंड में वो भी झड़ गई।

उसने सोनू की ओर देखा तो उसका मुंह लाल हो चुका था और वो आँखें बंद करके लेटी हुई थी। ऐसा लग रहा था जैसे वो एक लम्बी रेस लगाकर आई हो। मुंह लाल होने के कारण सोनू और भी ज्यादा सेक्सी लग रही थी। वैसे भी सोनू का शरीर इतना नाज़ुक था कि अगर कोई उसका हाथ भी कसकर पकड़ लेता था तो वो लाल हो जाता था, फिर इतना कुछ करने के बाद मुंह तो लाल होना ही था।

थोड़ी देर तक सोनू और काजल यूँ ही लेटी रही। फ़िर सोनू ने काजल से पूछा – “क्या अब मेरी सील टूट गई है?”

काजल ने मुस्कुराते हुए कहा – “नहीं यार ! जब कोई लड़का अपना लण्ड तेरी चूत में घुसायेगा तभी वो सील टूटेगी।”

सोनू – “तो इसका मतलब तू …”

ऋतू – “हाँ ! मैं तो बहुत से लड़कों का लण्ड अपनी चूत मैं घुसवा चुकी हूँ।”

“और ये लंड क्या होता है?” सोनू ने भोली सी सूरत बनाकर पूछा तो काजल भी उसके भोलेपन पर मुस्कुराये बिना न रह सकी। कहाँ एक तरफ़ थी सोनू जिसने लण्ड देखना तो दूर उसका नाम भी पहली बार सुना था और कहाँ दूसरी तरफ़ थी काजल जो न जाने कितने लड़कों के तरह तरह के लण्ड अपनी चूत में ले चुकी थी, कई बार तो २-२ एक साथ।

आखिरकार काजल ने एक लम्बी साँस ली और बोली – “चलो मैडम, अब मैं आपको लण्ड का पाठ पढाती हूँ।” और फ़िर काजल ने सोनू को विस्तार से लण्ड के बारे में बताया .

उस दिन के बाद तो जैसे यह मस्तियाँ काजल और सोनू कि दिनचर्या का हिस्सा बन गई। अब तो सोनू को २-३ बार झड़े बिना नींद नहीं आती थी। दिन में मौका मिल जाता तो सोनू कभी खाली नहीं जाने देती थी।

काजल भी अब समझने लगी थी कि सोनू अब ज़्यादा दिन लण्ड के बिना नहीं रह सकती, इसलिए उसने सोनू को उनके क्लास के दोस्तों में से ही किसी लड़के को अपना बॉय फ्रेंड बनाने की सलाह दी। लेकिन सोनू के लिए अपने दोस्तों में से चुनाव करना इतना आसान नहीं था। हलाँकि सोनू के हुस्न के जलवे देखने के बाद कई लड़के उसे प्रोपोज कर चुके थे। पर उनपर विश्वास करना सोनू के लिए मुमकिन नहीं था। इसलिए सोनू अनजान लड़कों को हमेशा मना कर दिया करती थी चाहे कोई कितना भी स्मार्ट क्यूँ न लगे। उसे कैसे पता चलता कि कौन सा लड़का उसकी इच्छाओं को सही तरह समझ पायेगा और कॉलेज में उसकी छवि ख़राब नहीं करेगा !

आख़िर में इस समस्या का हल भी काजल ने ही निकाला।

शेष अगली बार …

दोस्तों , आप अपनी प्रतिक्रिया मुझे ज़रूर भेजें।

इससे मुझे कहानी के अगले भाग को और अच्छा लिखने में बहुत मदद मिलेगी।

कहानी का अगला भाग ज़ल्द ही लिखूंगा।

तब तक के लिए गुड बाय ! Sex Stories

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