hindi Porn Stories
दोस्तो, मैं अन्तर्वासना hindi Porn Stories का नियमित पाठक हूँ। सोचा आप लोगों को अपनी भी एक सच्ची कहानी बताऊँ।
मेरी शादी हुए 12 साल हो चुके है। शादी के समय मेरी उमर 25 साल की थी और मेरी पत्नी की 19 साल, लेकिन घर में वह सबसे बड़ी थी। मेरी दो सालियाँ हैं। बड़ी की उमर उस समय 16 की थी और छोटी की 12 साल। बड़ी साली का नाम पिंटी है। कद-काठी 5 फुट 2 इंच, रंग हल्का सांवला। फिगर 33-25-28। यह कहानी पिंटी की चुदाई की है।
10+2 पास करने के बाद जब पिंटी कालेज़ पहुँची तो उसे खुला माहौल मिलने के कारण उसके रंग-ढंग काफी बदलने लगे थे। हालांकि पहनती तो सूट-सलवार ही थी मगर कमीज़ की लम्बाई और फिटिंग दिन पर दिन टाईट होते जा रही थी। साथ ही साथ मेरे साथ अकेले में शरारत का कोई मौका वह हाथ से जाने नहीं देती थी। उसका सबसे पसंदीदा था गुदगुदी करना। शुरू में तो मैंने कोई जबाब नहीं दिया। लेकिन धीरे-2 मैं भी बराबरी करने लग पड़ा। पैरों के नीचे, पेट पर, बांहों के नीचे, गर्दन पर, मम्मों के आसपास या फिर जहाँ भी हाथ पड़ जाए। पर यह सब होता था जब आसपास कोई नहीं होता था, चाहे मैं ससुराल में होता या वो मेरे यहाँ आई होती।
एक बार कुछ काम से मैं अपने ससुराल गया था। शाम को वो रसोई में खाना बना रही थी तो मैं पानी पीने के बहाने रसोई में चला गया और पीछे से अपने दोनों हाथों से उसके मम्में बड़े आराम से पकड़ कर खड़ा हो गया। उसने मना नहीं किया और बड़े आराम से खड़ी रह कर अपना काम करती रही। धीरे-2 मैंने उन पर दबाब बढ़ाना शुरू किया और उसे गाल पर चूमना शुरू कर दिया, फिर गर्दन पर और मैंने उसका कान अपने मुँह में ले लिया तो वह कसमसा कर रह गई और कहा- क्या कर रहे हो जीजू! कोई आ जाएगा।
पर इस सबके कारण मेरा लण्ड खड़ा हो कर उसके चूतड़ों की दरार में लगने लग पड़ा था। तभी मेरी सास रसोई में आ गई और हम अलग खड़े हो बातें करने लग पड़े।
अगले दिन मैं अपने काम से बाहर गया। वापिस दोपहर को घर आया तो मेरी सास एक कमरे में तथा पिंटी और मेरा साला दूसरे कमरे डबल-बैड पर सोए हुए थे। मैंने पिंटी को उठाया तो वह ऊँ… कर के करवट बदल कर सो गई। मैंने फिर से उसे हिलाया मगर वो नहीं उठी और एक बार फिर से करवट बदल कर सो गई। लेकिन इस बार उसका मुँह मेरी तरफ हो गया। पिंटी बैड के किनारे की तरफ थी। बार-2 उठाने पर भी जब वो नहीं उठी तो लगा कि शायद वो सोने का नाटक कर रही है। मैंने धीरे से गले के ऊपर से उसकी कमीज़ में हाथ डाला लेकिन वह जरा भी नहीं हिली। कमीज़ टाईट होने के कारण मेरा हाथ ज्यादा अन्दर तक नहीं जा पाया। मैंने उसके मम्मों को सिर्फ ऊपर से ही छुआ और हाथ बाहर निकाल लिया। और फिर उसके पास बैठ कर उसके होंठ अपने मुँह में ले कर करीब 10 मिनट तक चूसता रहा। वो नींद से तो जग गई पर आराम से लेटी रही और इस सबके मज़े लेती रही। पर इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कर सका क्योंकि साला साथ ही सोया था और अगले दिन मैं वापिस आ गया। चलते वक्त वो बड़े प्यार से व जोर से जफ्फी डाल कर मिली और बोली- आई लव यू जीजू!
मैं समझ गया कि कल दिन में जो कुछ भी हुआ उसके बाद यह चुदवाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुकी है। मैंने भी उसे आई लव यू ट्ठू कहा और चला आया।
बी ए के प्रथम वर्ष की परीक्षा के बाद छुट्टियों में वह मेरे पास आई। मैं बहुत ही खुश हुआ। उसका बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया। वो पूरे एक महीने के लिए आई थी। मेरी पत्नी ने उस समय एक स्कूल में नौकरी कर ली थी। सुबह 8:40 पर वह स्कूल चली जाती थी। मेरी बेटी भी उसी के साथ जाती थी। मैंने 9:45 पर दफ्तर के लिए जाना होता था। यानि कि पूरा एक घंटा मैं और पिंटी घर पर अकेले होते थे।
एक-दो दिन तो सामान्य निकल गए। तीसरे दिन सुबह अभी 6:15 मेरी पत्नी छत पर कपड़े सुखाने के लिए चली गई। दरवाजे की आवाज से मेरी नींद भी खुल गई। मैं उठा और दूसरे कमरे में देखा साली अभी सोई थी। उसने नाईट सूट पहन रखा था जिसका टॉप थोड़ा छोटा और उसके आधे पेट तक उठा था। टॉप के ऊपर से साफ दिख रहा था कि उसने ब्रा नहीं पहनी है। मैं चुपचाप उसके पास लेट गया और अपना हाथ उसके पेट पर रख दिया। फिर धीरे-2 टॉप के अन्दर से ऊपर को ले जाने लगा। पहले अपना हाथ उसके दाएँ नंगे मम्मे पर रखा और चुचूक को अपनी ऊँगलियों से पकड़ लिया। लेकिन वो नहीं उठी तो मैंने उसके मम्मे को जोर से दबाया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और धीरे-2 चूसने लगा। तो उसकी नींद खुली।
उसने पूछा- जीजू यह क्या कर रहे हो? कोई आ जाएगा।
मैंने कहा- तेरी दीदी अभी छत पर गई है और भांजी सोई है, सो कोई डर नहीं है। तेरी दीदी आएगी तो दरवाजे की आवाज होगी तो हम ठीक हो कर बैठ जाएँगें।
यह सुन कर उसने अपना टॉप ऊपर कर दिया।
मैंने पूछा- पहले भी चुसवाएं हैं किसी से क्या?
तो वह बोली- बस एक बार! वो मैं और मेरी एक सहेली आपस में, बस!
मैं मम्मा चूस रहा था, फिर मैंने पूछा- चुदाई कराई है?
तो वह बोली- अभी नहीं।
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ कि एक ताज़ी चूत चोदने को मिलेगी।
‘चुदाई कराओगी मुझसे?’
तो उसने अपना मुंह अपने हाथों से ढक लिया। मैं उसका इशारा समझ गया।
मेरी पत्नी अपने समय पर, बेटी को ले स्कूल चली गई। मैंने अखबार ली और पढ़ने बैठ गया। वह चुपके से आई और उसने मुझे गुदगुदी की। मैंने उसे कहा- मुझे अखबार पढ़ने दे।
लेकिन उसने कहा- क्या जीजू! मैं इतनी दूर से आप के पास आई हूँ और आप हैं कि अखबार में ही डूबे हुए हैं।
मैंने अखबार बंद कर दी और उसे पकड़ कर अपनी गोद में ही लिटा लिया। क्योंकि अब वो और मैं घर पर अकेले थे और किसी का डर नहीं था। वो मेरी गोद में जैसे ही गिरी मैंने उसे पकड़ कर गुदगुदी करनी शुरू कर दी। लेकिर बीच-2 में उसके मम्में भी दबा रहा था। कुछ देर ऐसे ही करने के बाद मैंने उसे उठाया और अंदर बैड पर ला कर लिटा दिया। और फिर साथ लेट कर उसके होंठ पर चूमने लगा। धीरे-2 मैंने उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए। वो बड़े आराम से इस सब का मजा ले रही थी।
मैंने उसका टॉप उतार दिया उसकी नंगी चूचियाँ अब बिल्कुल मेरे सामने थी। मैं पागलों की तरह उन्हें चूसने लगा और फिर सारे बदन पर चूमा-चाटी करने लगा। पिंटी भी मदहोश हो रही थी। मैंने अपना कुर्ता और बनियान उतार फैंकी और आधी नंगी पिंटी को नीचे लिटा कर खुद उसके ऊपर लेट कर उसके मम्मों को फिर से चूसने लग पड़ा।
वो बस आंखें बंद कर मजा ले रही थी और आह-ऊँह की आवाजें निकाल रही थी। ऊपर लेटे हुए ही मैंने अपना लण्ड उसकी फुद्दी पर रगड़ना शुरू कर दिया जिससे वह और भी ज्यादा पागल हो गई और अब अचानक ही वो एकदम से उठी और मुझे नीचे लिटा कर मेरे ऊपर आ गई। मेरे होंटों को चूसने लग पड़ी। लेकिन साथ ही साथ एक हाथ से मेरे लण्ड को भी मेरे पाजामे के ऊपर से ही सहला रही थी।
मैंने अपना नाड़ा खोला और पाजामा और कच्छा खोल दिया। मेरा लण्ड जो बुरी तरह से तन चुका था एक दम से बाहर निकल कर खड़ा हो सलामी देने लग पड़ा। पिंटी ने उसे अपने हाथों में सहलाना शुरू कर दिया और उसको सुपाड़े को अपनी जीभ से चाटने लगी। मैं तो बस स्वर्ग की सैर कर रहा था। धीरे-2 वो चाटना, चूसने में बदल गया। अब मेरा लण्ड उसके मुँह के अन्दर-बाहर हो रहा था और मैं सातवें आसमान में उड़ रहा था। वो काफ़ी देर तक लण्ड को लॉलीपॉप की तरह चूसती रही और चूस-2 कर उसने पहली ही बार मेरा लण्ड चूस कर सारा माल निकाल कर गटक लिया। यह देख कर मैं उत्तेजना से भर गया। मेरा लण्ड शांत हो चुका था। मैं कुछ देर यूँ ही लेटा रहा।
इस बीच उसने कब उठ कर अपनी सलवार खोल दी थी मुझे पता ही नहीं चला। वो सिर्फ पेंटी में ही मेरे सामने खड़ी थी। ये देख वासना एक बार फिर से सिर पर सवार होने लगी। मैंने उसे हाथ पकड़ कर अपने ऊपर गिरा लिया और बड़े प्यार से चूमने लगा। धीरे-2 मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी में डाला और उसकी फुद्दी को सहलाने लग पड़ा। उसकी फुद्दी बिल्कुल चिकनी थी।
मैंने पूछा- कब साफ करी थी?
तो वो बोली- परसों!
मैंने उसे नीचे लिटाया और उसकी पेंटी भी उतार दी। अब हम दोनों एकदम नंगे थे। मैं उसे पूरी तरह से नंगा देख बस देखता ही रह गया।
वो बोली – जीजू देखते ही रहोगे या…
यह सुन मेरी तंद्रा टूटी तो मैं बोला- पिंटी कद में तो तू कुछ छोटी ही है मगर सेक्सी तू बहुत है।
मैंने उसे सिर से पांव तक हर एक जगह पर चूमा और उसकी टांगें ऊपर उठा उसकी फुद्दी को अपने मुँह में ले लिया। उसकी सिसकारी निकल गई। फुद्दी मैंने जीभ से चाटनी शुरू कर दी। थोड़ी ही देर के बाद वो एक बार मेरे मुँह में ही झड़ गई। लेकिन मैंने चुसाई चालू रखी। इस बीच मेरी नज़र घड़ी पर पड़ी 10 बजने में सिर्फ 5 मिनट ही बचे थे। लेकिन उधर लोहा गर्म था। मैंने आफिस फोन किया कि मैं कुछ लेट आऊँगा थोड़ा काम है। यह सुन पिंटी बहुत ही खुश हुई। फिर मैंने उसकी फुद्दी में अपनी जीभ से चुदाई शुरू की।
वो पागलों की तरह कह रह थी- जीजू बस करो! अब चोद डालो अपनी साली को! पेल दो अपना लण्ड मेरी फुद्दी में! मुझे आज बस आधी से पूरी घरवाली बनालो! पूरी तरह से अपना बना लो!
लेकिन मैं कहाँ इतनी जल्दी निपटाने वाला था। उस दिन मैं लंच के बाद करीब 2 बजे दोपहर को आफिस गया। तब तक मैं उसे तीन बार चोद चुका था।
तो जीजाओ और प्यारी-2 सालियो, कैसा लगा अभी तक का किस्सा।
आगे की कहानी तभी, जब मुझे इस बारे में लिखेंगे और आगे की कहानी की मांग करेंगे। hindi Porn Stories