प्रेषक : मोहन वर्मा Indian Sex Stories
हाय !मेरा नाम मोहन है, मैं जयपुर से हूँ।मैं आज Indan Sex Stories अपनी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ, इससे पहले सभी प्यासी चूतों को मेरे लंड का सलाम !
मेरे दोस्त ने एक लड़की से दोस्ती करी हुई थी। उस लड़की के साथ उसकी एक दोस्त आती थी, मुझे उसकी दोस्त बहुत पसंद थी वो बेचारी जब भी उसके साथ आती थी अकेले तरसती रहती थी मन मेरा भी बहुत करता था उससे बोलने के किए।
एक दिन मुझे मौका मिल गया उससे बात करने का। मैंने उसको विश किया। आग उसके अन्दर भी जल रही थी ! जब भी मेरा दोस्त अपनी फ्रेंड के साथ अंदर किस्सिंग कर रहा होता था, वो शोला बन जाती थी।
मैंने उसको लॉन्ग ड्राइव पे साथ चलने के लिए प्रोपोज़ किया। मेरे मन ही मन में लड्डू फूट रहे थे। हम कार में बैठे, कुछ खाने का लिया, वो चाह रही थी मैं उसे स्पर्श करूँ, मैं चाह रहा था वो शुरुआत करे, फिर मैंने सैंडविच निकाले, उसको खिलाने के लिए उसके लिप्स के पास ले गया, मैंने महसूस किया कि वो सैंडविच कम खा रही है, मेरी ऊँगली ज्यादा। बस फिर क्या था मैंने तो उसके लिप्स को चूसना चालू किया वो तड़पने लग। इतनी देर में एक होटल आ गया। हम दोनों कार से उतरे और एक कमरा लिया।
वो तो जाते ही बेड पे आँखे बंद कर के लेट गई मै समझ गया रास्ता साफ़ है। मैं भी उसके उपर लेट गया उसकी टीशर्ट में से उसके बूब्स हाथ में ले के मसलने लग गया। वो सिसकारियाँ भरने लग गई, उसने मुझे अपनी बाहों में कस के पकड़ लिया। उसके सख्त स्तन मुझे चुभने लग गए। कसम खा कर कहता हूँ कि इतने सख्त स्तन मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार देखे थे। और चूचूक तो ऐसे गुलाबी कि पूछो मत, बिल्कुल गुलाबी मैंने जैसे ही मुह में लेकर चूसना शुरू किया वो पागलों की तरह मुझे चूमने लग गई। उसने मेरे कपड़े कब उतार दिए मुझे पता ही नहीं चला।
उसने मेरा सख्त लंड मुँह में ले के चूसना चालू किया। वो पागलों की तरह चूसे जा रही थी मेरा भी मन उसकी गर्मागर्म चूत चूसने का कर रहा था फिर बड़ी मुश्किल से मैंने उसको पोसिशन बदलने के लिए तैयार किया। अब हम ६९ की पोसिशन में थे। मैंने उसकी चूत का रस जैसे ही मुँह में लिया, वो अपनी चूत को मेरे लंड के पास ले आई। मेरा तना हुआ गर्मागर्म लंड अपनी चूत के मुँह पर लगा लिया। चूत इतनी कसी हुई कि लंड छिलने जैसा हो गया वो तड़पने लग गई और बोली- और जोर से ! और जोर से !और जोर से ! बोले जा रही थी। फिर हमने पोसीशन बदली, उसको घोड़ी बनाया, उसको तस्सल्ली से खूब चोदा।
इस बीच मैंने क्या महसूस किया कि वो मेरे लंड को पकड़ के अपनी गांड में डालने की कोशिश कर रही थी। मैंने उसकी मदद की और जोर जोर से धक्के मारना शुरू किया। वो मेरे लंड को एक बार आगे चूत में डाले, एक बार पीछे ले ! ऐसे करते करते वो डिस्चार्ज हो गई अब वो मुझे तृप्त लग रही थी, फिर हम साथ-साथ फ़व्वारे के नीचे नहाए और हल्के नाश्ते के बाद फिर चुदाई का आनंद लिया।
अब उसकी शादी हो गई है। पर आज भी जब वो हमारे शहर में आती है तो मुझसे जरूर चुद के जाती है !
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