Sex Stories
मैं एक लड़का हूं और मेरा नाम सुरेश कुमार है।अभी मैं देल्ही में रहता Sex Stories हूं। बात उन दिनों की है जब मैं इंजिनियरिंग कॉलेज में पढ़ता था।मैं ट्रेन से घर जा रहा था गर्मी की छुट्टियों में। डिब्बे में काफ़ी भीड़ थी। शाम का टाइम था मैं अपनी रिज़र्व्ड सीट पर जा कर लेट गया तो देखा कि सामने वाली सीट पर एक परिवार था जिसमें एक १९-२० साल की थोड़ी मोटी सी लड़की २४-२५ साल का पतला सा लड़का और उसकी माँ थी जिसकी उमर लगभग ४७ -४८ होगी।एकदम दुबली पतली।
वो लोग अपना समान सेट करने लगे। वो औरत मेरे पास आकर बैठ गई। मैं लेटा हुआ था। फिर पूछने लगी कि तुम कहाँ तक जाओगे मैंने कहा गुवाहाटी जाना है। तो उसने बताया कि वो लोग बिहार के किसी स्टेशन तक जाने वाले थे। फिर बोली कि तुम्हारी सीट खिड़की के पास है बड़ी अच्छी हवा आ रही है। मैं यहाँ थोड़ी देर बैठ लेती हूं। मैं उसे बात करने मैं इंटेरेस्ट नहीं ले रहा था|क्योंकि मुझे डर था कि कहीं किसी को मेरी सीट पर एड्जस्ट न कर दे। आंटी ने कहा बेटा दिल्ली से आ रहे हो। मैंने कहा हां तो वो बोली कि दिल्ली में तो बड़ी बेशरम लड़कियां रहती हैं, मैं जहाँ रहती हूं वहाँ पड़ोस मैं तीन चार लड़कियाँ रहती हैं जो ब्रा और चड्डी में ही बाहर निकल आती है ऐसे थोड़े होता है मैने कहा। वो कहने लगी कि हमारा और उनका बाल्कनी पास पास है। वो चड्डियों में ही कपड़े सुखाने चली आती हैं मैं ने कहा आंटी आप भी कैसी बात करती हो। पर पैंट में मेरा लंड फड़फड़ाने लगा था।
आंटी ने अब एक हाथ मेरी जांघ पर रख दिया था और सहला रही थी बात करने के साथ साथ मुझे अपने लंड पे काबू रखना मुश्किल हो रहा था। फिर धीरे धीरे अपना हाथ मेरे लंड के उपर रख दिया। साथ ही साथ वो कुछ बोलती भी जा रही थी जिससे आस पास वालों को शक न हो पर वो क्या कह रही थी मेरी समझ में बिल्कुल नहीं आ रहा था क्योंकि एक तो ट्रेन की आवाज़ हो रही थी दूसरे मेरा पूरा ध्यान अपने लंड पर था कि वो झड़ न जाए।
तभी आंटी ने धीरे धीरे मेरे पैंट की जिप खोल दी और लंड को पकड़ लिया। लंड इतना सख़्त हो रहा था कि उसमें दर्द होने लगा। आंटी बड़बड़ा रही थी कि कितना प्यारा और सख़्त लंड है, लगता है और कितना सख़्त भी। कोई भी औरत इससे चुदने को तैयार हो जायेगी मैं सोचने लगा पहली बार तो इसे किसी ने सहलाया है।तभी उसकी उंगलियों ने मेरी गोलियों की मालिश शुरू कर दी। मेरा अपने लंड पर से काबू हट गया और सारा माल इतनी तेज़ी से निकलने लगा कि बता नहीं सकता। लंड झटके पर झटके ले रहा था। जब तक आंटी ने नहीं छोड़ा जब तक की पूरा रस नहीं निकल गय।फिर लंड को थपथपाते हुए पूछा- किसी की चूत मारी है कि नहीं। जब मैं ने न कहा तो वो बोली इससे जितनी लड़कियों की चूत में डालोगे उतने ही एक्सपर्ट हो जाओगे। मैं तो अपनी साँसे ठीक करने में व्यस्त था।
तभी मेरी नज़र उपर गयी तो देखा कि उसकी बेटी हमें बड़े ध्यान से देख रही है। पर जब उसने मुझे अपनी ओर देखते हुए पाया तो एकदम नॉर्मल दिखने की कोशिश करने लगी…। Sex Stories
शेष अगले भाग में………………।