तीन बहनों की चुत चुदाई की कहानी- 2

(Hot Sisters Chudai Kahani) चुदाई की कहानी

हॉट सिस्टर्ज़ चुदाई की कहानी में पढ़ें कि तीन सगी बहनें चुदाई के लिए तड़प रही थी. आखिर वे पढ़ाई के बहाने अपने प्रोफेसर के घर गयी. वहां वे तीन सिस्टर्स कैसे चुदी?

दोस्तो, तीन बहनों की चुदाई की कहानी के पहले भाग
चुदाई की प्यासी तीन सगी बहनें
में मैंने अब तक आपको बताया था कि प्रोफेसर आलोक ने सोनम की चुत को उसकी पैंटी के ऊपर से ही सूंघना शुरू कर दिया था. सोनम भी आलोक के लंड को चाट रही थी.

अब आगे हॉट सिस्टर्ज़ चुदाई कहानी:

जैसे ही सोनम आलोक का लंड अपने मुँह में भर कर चूसने लगी, आलोक ने सोनम की पैंटी को भी उतार दिया और सोनम को पूरी तरह से नंगी कर दिया.

सोनम नंगी होने से शर्मा रही थी और उसने अपना चेहरा आलोक के सीने में छिपा लिया.
इसी दौरान आलोक ने सोनम की चूचियों को चूसना फिर से चालू कर दिया.
सोनम की चूची अब पत्थर के समान कड़ी हो गई थीं.

तब आलोक ने सोनम को फिर बिस्तर पर चित लिटा दिया और उसकी बुर को अपनी जीभ से चाटने लगा; अपनी जीभ सोनम की बुर के अन्दर बाहर फिराने लगा.

अपनी बुर में आलोक की जीभ घुसते ही सोनम को बहुत मजा आने लगा. वो जोर से आलोक का सिर अपने बुर के ऊपर पकड़ दबाने लगी और थोड़ी देर के बाद अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी.

आलोक चुदाई के मामले में बहुत माहिर खिलाड़ी था, वो सोनम की कसमसाहट से समझ गया कि अब सोनम की बुर में लंड पेलने का समय आ गया है.
उसने सोनम का मुँह चूम कर धीरे से उसके कान पर मुँह रख कर पूछा- सोनम रानी, अपनी कमर क्यों उछाल रही हो? क्या तुम्हारी चूत में कुछ कुछ हो रहा है?

सोनम बोली- हां मेरे डियर सर, कुछ कुछ नहीं … मेरी बुर में चींटियां सी रेंग रही हैं … मेरा सारा बदन तप रहा है, अब तुम ही जल्दी से कुछ करो.
आलोक ने पूछा- क्या तुम अपनी चूत को मेरे लंड से चुदवना चाहती हो?

सोनम ने झुंझला कर कहा- अरे यार, आपने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी कपड़े भी उतार दिए और अब भी पूछ रहे हो कि क्या चुदाई करवानी है … मुझे जल्दी से आपका लंड मेरी चुत में चाहिए.
आलोक ने ये सुना तो उसने सोनम से बोला- ठीक है मेरी जान, अब मैं तुमको चोदूंगा, लेकिन तुमको पहले पहल थोड़ा दर्द होगा, पर मैं तुम्हें बहुत ही प्यार से और धीरे धीरे चोदूंगा … मैं कोशिश करूंगा कि तुमको दर्द महसूस न हो.

अब आलोक उठा और सोनम के दोनों पैर उठा कर घुटनों से मोड़ दिए.
उसने सोनम के दोनों पैरों को अपने हाथों से फैला दिया.

इसके बाद उसने ढेर सारा थूक अपने हाथ में लेकर पहले अपने लंड में लगाया, फिर सोनम की बुर पर लगाया.

थूक से सनी बुर के छेद पर आलोक ने अपने खड़े लंड को रखा और धीरे से कमर को आगे बढ़ा कर अपना सुपारा सोनम की बुर में घुसा दिया और सोनम के ऊपर लेटा रहा.
अनचुदी बुर में लंड घुसा तो सोनम की चुत परपराने लगी.

मगर अभी लंड ने चुत को चीरा नहीं था तो सोनम को ख़ास दर्द नहीं हो रहा था.

थोड़ी देर के बाद जब सोनम नीचे से अपनी कमर हिलाने लगी तो आलोक ने धीरे धीरे अपना लंड सोनम की बुर में पेलना शुरू किया.

इससे सोनम का बदन दर्द से कांपने लगा और वो चिल्लाने लगी- आह बाहर निकाल लो सर … आह मेरी बुर फटी जा रही है. हाय मैं मर गई … मेरी बुर फटी जा रही है. आप तो कह रहे थे कि थोड़ा सा दर्द होगा और आप आराम आराम से चोदोगे. मुझे नहीं चुदवाना है, आह … आप अपना लंड बाहर निकालो.

आलोक ने सोनम के मुँह में अपना हाथ रख कर कहा- बस मेरी रानी बस, अभी तुम्हारा सारा दर्द खत्म हो जाएगा और तुम्हें मज़ा आने लगेगा. बस थोड़ी सी देर और बर्दाश्त करो.
सोनम – आह उई … मेरी बुर फटी जा रही है … और आप कह रहे हो कि थोड़ी देर और बर्दाश्त करो. अरे मुझे नहीं चुदवानी है अपनी बुर, आप अपना लौड़ा मेरी बुर से बाहर निकालो!

सोनम की आंखों से आंसू आ गए.

इतनी देर में आलोक अपनी कमर उठा कर एक जोरदार धक्का मारा और उसने महसूस किया कि उसका सारा का सारा लंड सोनम की बुर में घुस गया है और सोनम की बुर से खून निकल रहा है.

सोनम दर्द के मारे तड़पने लगी और आलोक को अपने हाथों से अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगी.

आलोक सोनम को मज़बूती से पकड़े हुए था और उसका हाथ सोनम के मुँह के ऊपर था इसलिए सोनम कुछ ना कर सकी .. वो बस छटपटा कर रह गयी.

आलोक ने अपना लंड सोनम की बुर के अन्दर ही थोड़ी देर के लिए रहने दिया.
उसने सोनम की एक चूची को अपने मुँह में लेकर जीभ से सहलाना शुरू कर दिया और दूसरी चूची को हाथ से सहलाना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर बाद सोनम की चुत का दर्द गायब हो गया और अब उसे मज़ा आने लगा. उसने नीचे से अपनी कमर को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया.

आलोक भी धीरे धीरे अपनी कमर हिला हिला कर अपना लौड़ा सोनम की बुर में अन्दर-बाहर करने लगा.

कुछ ही देर में सोनम ने भी अपनी गांड उठा कर जोरदार धक्के देना शुरू कर दिए.

जब आलोक का लंड उसकी बुर में अन्दर घुसा होता तो सोनम उसे कस कर जकड़ लेती और अपनी बुर को सिकोड़ लेती थी.
इससे चुदाई की रगड़ उसे भरपूर मजा दे रही थी.

यह महसूस करके आलोक भी समझ गया कि सोनम को चुदाई का मज़ा आने लगा है.

ये समझते ही आलोक ने अपनी कमर को ऊपर खींच कर अपना पूरा का पूरा लंड सोनम की बुर से बाहर निकाला … उसने सिर्फ लंड का सुपारा ही फांकों में फंसा छोड़ा था.
फिर उसने एक जोरदार झटके के साथ अपना लंड सोनम की बुर में पेल दिया.

इस झटके से सोनम बुरी तरह से कलप उठी और आलोक से लिपट गई.

उसने आलोक को अपने हाथ और पैर से जकड़ लिया था. सारे कमरे में सोनम और आलोक की सिसकारियां और उनकी चुदाई की ‘फच … फच .. फट फट …’ की आवाज ही गूंज रही थी.

सोनम अपने मुँह से सीत्कार रही थी- अह अह … ओह हां और जोर से आह और जोर से … हां ऐसे ही अपना लंड मेरी बुर में पेलते रहो … मजा आ गया सर.

आलोक भी पूरी गति से सोनम की बुर में अपना लंड अन्दर-बाहर करके उसको चोद रहा था.
सोनम बुरी तरह से आलोक से चिपकी हुई थी.

काफी देर तक सोनम की बुर चोद रहे आलोक का लंड अब झड़ने वाला हो गया था.
उसने 8-10 धक्के काफी जोरदार लगाए और उसके लंड से ढेर सारा पानी सोनम की बुर में गिर कर समा गया.

आलोक के झड़ जाने के साथ ही साथ सोनम की बुर ने भी पानी छोड़ दिया.
उसने अपने हाथ पैर से आलोक को जकड़ लिया.

आलोक हांफ़ते हुए सोनम के ऊपर गिर गया और थोड़ी देर तक दोनों एक दूसरे से चिपके रहे.

फिर सोनम उठ कर अपनी बुर में हाथ लगाए हुए बाथरूम की तरफ़ चली गयी.

आलोक इस समय बुरी तरह से थक चुका था और वो बेड पर पड़ा रहा लेकिन उसका लंड अभी भी खड़ा था.

उधर मीनाक्षी और डिंपल दोनों एक दूसरे को बुरी तरह से चूम चाट रही थीं.

पांच मिनट बाद आलोक ने आंखें खोलीं और उन दोनों को इस तरह से खेलते देखा तो वो अपनी जगह से उठ कर उन दोनों के पस चला गया.

वो मीनाक्षी की चिकनी जांघ पर अपना हाथ फेरने लगा.

मीनाक्षी जो पहले ही मदहोश थी, अपने पैर पर आलोक का हाथ लगते ही अपने आप पर काबू नहीं रख सकी.
उसने डिंपल को छोड़ दिया और वो आलोक की तरफ़ मुड़ गयी.

उसके सामने आलोक बिल्कुल नंगा अपना खड़ा लंड लिए खड़ा था.

आलोक एक बार फिर से चुत चोदने के मूड में आ गया था.

मीनाक्षी ने आलोक के चूतड़ों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और अपना मुँह उसके लंड पर रगड़ने लगी.

आलोक का लंड अब भी सोनम की चूत के खून और रस से भीगा हुआ था.
उसने मीनाक्षी को अपने दोनों हाथों में बांधा और उसे चूमने लगा.

आलोक का हाथ मीनाक्षी की नंगी सेक्सी जवानी पर घूमने लगा था. उसका हाथ मीनाक्षी की चूचियों पर गया और वो उसकी दोनों कड़क चूचियों को अपने हाथों में लेकर मसलने लगा.

मीनाक्षी अपनी चूचियों पर आलोक का हाथ पाते ही और जोश में आ गयी और उसने अपना हाथ आलोक के खड़े लौड़े पर रख दिया.

आलोक ने अपना लंड मीनाक्षी की मुट्ठी में पाते ही उसकी एक चूची को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा.
वो दूसरी चूची को अपने हाथ में लेकर उसका निप्पल मसलने लगा.

कुछ ही देर में मीनाक्षी ने आलोक के लंड को अपने हाथों में पूरा ले लिया और उसके सुपारे को एक बार खोल कर बंद किया.

उसे लंड देख कर गर्मी चढ़ गई और एकाएक मीनाक्षी ने आलोक के लंड के सुपारे को अपने मुँह में भर लिया.
वो लंड चाटने लगी.

जैसे ही मीनाक्षी ने आलोक का लंड अपने मुँह में लिया, वैसे ही आलोक ने अपनी कमर को हिला कर अपना लंड मीनाक्षी के मुँह के अन्दर पेल दिया.

वो बोला- ले ले मेरी रानी … मेरा लंड अपने मुँह में लेकर इसको खूब चूस … इसके बाद मैं इसको तुम्हारी चूत में डाल का इसे चूत चुसाऊंगा.

मीनाक्षी ने अपने मुँह से आलोक का लंड निकाल कर कहा- बस सिर्फ मेरी चूत से ही अपना लंड चुसवाओगे, गांड से नहीं? मैं तो तुम्हारा लंड अपनी चूत और गांड दोनों से खाऊंगी. क्या तुम मुझको अपना लंड दोनों छेदों में खिलाओगे?

आलोक की तो मानो लॉटरी निकल आई थी. वो तो अब तक तीन छेद ही समझ रहा था, जबकि उसे अब छह सील बंद छेदों की जुगाड़ दिखाई देने लगी थी.

थोड़ी देर के बाद आलोक ने मीनाक्षी को पलंग पर ले जाकर चित करके लेटा दिया और उसके पैरों के पास बैठ कर उसकी सलवार को खोलने लगा.
सलवार खोलने में मीनाक्षी ने भी आलोक को मदद की और नाड़ा खुलते ही उसने अपनी गांड उठा कर सलवार को नीचे सरका दी, फिर अपनी टांगों से उसे अलग कर दिया.

सलवार उतरने के बाद आलोक ने मीनाक्षी की पैंटी को भी इसी तरह खींचते हुए उतार दिया.

अब मीनाक्षी की गुलाबी कुंवारी चूत उसकी संगमरमर सी चिकनी जांघों के बीच चमकने लगी.

आलोक मीनाक्षी की गुलाबी चूत को अपनी दम साधे देखने लगा और अपनी जीभ होंठों में फेरने लगा.

मीनाक्षी ने आलोक को वासना भरी नजरों से देखा और अपनी चुत को हल्की सी जुम्बिश दी तो आलोक ने झुक कर मीनाक्षी की चूत पर चुम्मा धर दिया और अपना जीभ निकाल कर उसकी चूत की घुंडी को तीन-चार बार चाट दिया.

इससे मीनाक्षी की मादक आह निकल गई; उसकी चुत को मानो जन्नत का सुख मिल गया था.

अब आलोक ने मीनाक्षी की टांगों को फ़ैलाया और ऊपर उठा कर घुटनों से मोड़ दिया.

मीनाक्षी को इस वक्त लंड का इंतजार था.

आलोक ने भी देर नहीं की … उसने अपना लंड मीनाक्षी के चूत के मुहाने पर रख दिया.

इतना करने के बाद आलोक मीनाक्षी के ऊपर झुक गया और उसकी चूचियों को चूसने लगा, भंभोड़ने लगा.
मीनाक्षी मस्त होने लगी.

नीचे उसकी चुत पर लंड की गर्मी मजा दे रही थी और ऊपर चूचियों को चुसवाने का सुख मिल रहा था.

उसके मुँह से हल्के स्वर में कामुक आहें निकलने लगीं.

थोड़ी देर के बाद आलोक ने अपना लंड मीनाक्षी की चूत की फांकों में टच किया और चुत में लंड रगड़ने लगा.

लंड के स्पर्श से मीनाक्षी चुदास से भर उठी और अपनी कमर उठा उठा कर आलोक का लंड अपने चूत में लेने की कोशिश करने लगी.

जब मीनाक्षी से नहीं रहा गया तो वो बोली- अब क्यों तड़पाते हो, कब से आपका लंड अन्दर लेने की लिए मेरी चूत बेकरार है और आप अपना लंड सिर्फ मेरी चूत के ऊपर ऊपर ही रगड़ रहे हो. अब जल्दी करो और मुझको चोदो, फाड़ दो मेरी कुंवारी चूत को. आज मैं लड़की से औरत बनना चाहती हूँ, अब ज्यादा परेशन मत करो. जल्दी से मुझे चोदो और मेरी चूत की आग को बुझा दो.

मीनाक्षी की इतनी सेक्सी मिन्नत सुनते ही आलोक एक तकिया बेड से उठा कर मीनाक्षी के चूतड़ों के नीचे लगा दिया, जिससे मीनाक्षी की चुत और ऊपर को उठ गई और खुल गयी.
लंड ने भी चुत की फांकों में से काफी रस निकाल दिया था. चुत एकदम रसीली हुई पड़ी थी.

आलोक ने अपने लंड से एक जोरदार धक्का मीनाक्षी की चूत में दे मारा.

चिकनाई के कारण उसका पूरा लंड सरसराता हुआ मीनाक्षी की चूत में जड़ तक घुस गया.
मीनाक्षी के मुँह से चीख निकल गयी और उसकी चूत से खून निकलने लगा.

लेकिन उसे इस बात का पता ही नहीं चला कि खूनाखच्ची हो गई है.
उसे तो भयंकर वाला दर्द हो रहा था इसलिए मीनाक्षी ने आलोक को जोरों से जकड़ लिया और अपनी टांगें आलोक की कमर पर कस दीं.

लंड चुत की जड़ में ठोकने के बाद आलोक ने लंड की पोजीशन को स्थिर कर दिया और वो मीनाक्षी की एक चूची चूसते हुए एक हाथ से दूसरी चूची की घुंडी को मसलने लगा.

धीरे धीरे मीनाक्षी का दर्द कम होने लगा और उसकी गर्मी फिर से बढ़ने लगी.
कोई दो मिनट बाद मीनाक्षी खुद अपनी कमर को ऊपर नीचे करने लगी.

आलोक ने भी अब अपनी कमर चलानी चालू कर दी और वो मीनाक्षी की चूत में अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा.

मीनाक्षी की चुत मोटे लंड के कारण काफी परपरा रही थी और इसी कारण से वो छटपटा रही थी. मगर उसे अपनी बहनों के जैसे चुत फड़वाने की बेचैनी थी इसलिए वो दांत भींच कर दर्द को सहन करने लगी.

हॉट सिस्टर्ज़ चुदाई की कहानी के अगले हिस्से में मीनाक्षी की आगे की चुदाई लिखूंगा … आप मेरी इस सेक्स कहानी के लिए अपने कमेंट्स करना न भूलें.

Leave a Comment