दोस्त से बीवी को गर्भवती कराया


डॉक्टर भी कहते थे कि कोई कमी नहीं है, बस जब ऊपर वाले की मर्ज़ी होगी, तब उनके घर किलकारियां गूजेंगी.

जुनैद कह नहीं पाता था … पर उसे लगता था कि कमी तबस्सुम में नहीं, उसमें है.
इसीलिए वह अब दिल से चाहता था कि तबस्सुम कैसे भी गर्भवती हो, चाहे उससे या किसी और से.

तबस्सुम से जुनैद बेइंतिहा प्यार करता था और तबस्सुम भी कभी उसका दिल नहीं तोड़ती थी.
जुनैद को बहुत शौक था तबस्सुम के साथ सेक्स करते समय की फ़ोटोज़ और विडियो बनाने का.
तबस्सुम उसका भरपूर साथ देती.

जुनैद और तबस्सुम को अब बिना सेक्स किये नींद नहीं आती थी.

जुनैद के दोस्त उमेश की नौकरी पास के किसी शहर में लग गयी थी तो वह अपनी बीवी सानिया के साथ वहीं रहने लगा था.

वैसे भी उसकी बीवी गर्भवती हो गयी थी और डॉक्टर ने उसे आराम की राय दी थी तो वह कुछ महीनों के लिए अपने मायके चली गयी थी.

इधर जुनैद और तबस्सुम नए नए तरीकों से अपने सेक्स को और रोमांचक बनाते थे.
बस गम था तो एक कि इतनी चुदाई के बाद भी तबस्सुम हमल से (गर्भवती) नहीं हो पा रही थी.

डॉक्टर कहते थे कि कोई छोटी सी सर्जरी करनी होगी तबस्सुम की और जुनैद को भी दवाई लेनी होगी शुक्राणु बढ़ने के लिए. या फिर ल्ला पर भरोसा करना होगा.

तबस्सुम सर्जरी के लिए तैयार नहीं थी पर जुनैद अपनी मर्दानगी बढ़ने लिए दवाई लेने को तैयार था.

जुनैद ने तो यह भी सोचा कि अगर वह और उमेश मिलकर तबस्सुम को निरंतर चोदें तो शायद तबस्सुम को बच्चा ठहर हो जाए.
पर इसी सोच विचारी में उमेश दूसरे शहर चला गया.

तबस्सुम सेक्स में जुनैद का भरपूर साथ देती.
जुनैद ने उसके गले में एक खूबसूरत सा ताबीज़ भी डाल दिया था जो चुदते समय जोर जोर से उछलता.
यह देख कर जुनैद की चुदाई की स्पीड और बढ़ जाती.

तबस्सुम के मम्मे चूस चूस कर जुनैद ने खूब भारी कर दिए थे और तबस्सुम ने जुनैद का लंड चूस चूसकर और मोटा कर दिया था.
ऐसा जुनैद का मानना था.

ड्यूटी से वापिस आकर दोनों चाय पीते और फिर सारे कपड़े उतार कर ही रहते.

तबस्सुम खाना भी मुकम्मल नंगी होकर ही बनाती, जिसमें जुनैद भी उसका साथ देता.
वह मौक़ा देख कर कभी कभी उसके मम्मे दबाता तो तबस्सुम उसे चिमटा दिखाती कि तुम्हारा लंड इससे पकड़ लूंगी.
पर जुनैद नहीं मानता.

जैसे तैसे खाना खाकर दोनों का चुदाई सेशन शुरू हो जाता.

सबसे पहला हक़ तबस्सुम का शुरू होता.
वह टांगें फैलाकर लेट जाती और जुनैद से कहती- मेरी चूत चूसो.

जुनैद उसकी चूत में जीभ घुसाकर कभी उंगली से उसकी चूत की खूब मालिश करता.
अब तो वह कभी कभी उसकी गांड में भी थूक लगी उंगली घुसेड़ देता.

शुरू शुरू में तो तबस्सुम को तकलीफ होती, पर अब उसे भी गांड में उंगली करवाने में मजा आता.

पिछले दिनों जुनैद एक वाईब्रेटर भी ले आया था.
अब वह तबस्सुम की चूत में वाइब्रटर घुसा कर उसके मुंह में अपना लंड दे देता और अपने एक कजिन साजिद का नाम लेकर तबस्सुम को उकसाता कि साजिद का लंड उसकी चूत में है.

शुरू शुरू में तो तबस्सुम को बहुत बुरा लगा, उसने जुनैद से बोलना भी बंद कर दिया.
पर अब उसे भी मज़ा आने लगा.
अब तो वह जुनैद से कहती- ठीक से चोदो वर्ना साजिद को बुला लूंगी.

तबस्सुम जानती थी कि जुनैद को लंड चुसवाना बहुत अच्छा लगता है.
वह पूरा लंड मुंह में लेती.

जुनैद का लंड मोटा और लम्बा था पर तबस्सुम पूरा लंड मुंह में लेती और जीभ से पकड़ मजबूत करके लपर-लपर चूसती.

कई बार जुनैद को लगता कि वह उसके मुंह में ही झड़ जाएगा.

तबस्सुम जुनैद को चुदाई में पूरा सहयोग करती; चाहे जुनैद उसे घोड़ी बना कर चोदे या नीचे लिटाकर, तबस्सुम उसे भरपूर मज़ा देती.

उसे जुनैद ऊपर चढ़ा कर चुदाई जरुर करता जिससे उसका तावीज़ उसके मम्मों के साथ खूब उछले.
जुनैद उसके मम्मे खूब मसलता, तबस्सुम को कभी कभी दर्द भी होता पर वह जुनैद को कभी नहीं रोकती या टोकती.

जब से जुनैद ने नया मोबाइल लिया है, उसने अपनी चुदाई की ढेरों विडियो बना डालीं.
शुरू में तो तबस्सुम को अजीब लगता था विडियो बनवाना या नंगी फोटो खिंचवाना … पर अब उसे आदत पड़ गयी है.

एक रात जुनैद ने चोदते समय तबस्सुम को बताया कि उसका कजिन साजिद दो-तीन दिन के लिए आ रहा है, घर पर ही रुकेगा.

जुनैद ने स्पीड बढ़ाते हुए कहा- साजिद के साथ मिल कर मस्ती करेंगे, हो सकता है अल्लाह मियां उनकी सुन लें और तबस्सुम की गोद भर जाए.

साजिद का नाम और थ्रीसम चुदाई सुनकर तबस्सुम की चूत में आग और भड़क उठी.
पर वह दिखावटी गुस्सा करती हुई बोली- नहीं मैं किसी और से नहीं करुँगी.

जुनैद बोला- क्यों? तुमने उमेश के साथ इतनी बार तो किया है.
तबस्सुम बोली- जो हो गया सो हो गया, अब नहीं. कल को मेरी गोद भर गयी तो साजिद सोचेगा वह मेरे बच्चे का बाप है.

इस पर जुनैद बोला- मैं साजिद के आते ही बता दूंगा कि तुम गर्भवती हो. तो अगर उनकी फ़रियाद ऊपर वाला सुन लेता है तो साजिद यही सोचेगा कि तुम तो पहले से ही गर्भवती थीं.
तबस्सुम बोली- फिर भी मुझे जच नहीं रहा. उमेश तो दोस्त था और ये रिश्तेदार है. चलो छोड़ो यह बात … अभी तो तुम चुदाई करो बढ़िया सी वरना मैं …

दोनों हंस पड़े और गुत्थम गुत्था हो गए.
पर अब तबस्सुम भारी पड़ रही थी जुनैद पर.
उसने निचोड़ दिया आज जुनैद को!

अगले दिन जुनैद ने तबस्सुम को बताया- साजिद कल आयेगा. उमेश वाला कमरा साफ़ कर लेना. वह दो दिन रुकेगा.

तबस्सुम दिन में पास के ब्यूटी पार्लर में जाकर फेशियल वगैरा करा आई.
उसे साजिद को लेकर एक उत्सुकता थी.
वह जानती थी कि अगर जुनैद के मन में है तो वह खुराफात जरूर करेगा, चाहे अंजाम कुछ भी हो.

उसने जुनैद से पूछकर हाथों में मेहंदी भी लगवाई और रात को नहाने से पहले अपनी चूत चिकनी कर ली.
वैसे वह हमेश चूत चिकनी रखती ही थी, पर कल शायद कुछ स्पेशल होने को था.

रात को जुनैद काम से काफी लेट लौटा तो थका हुआ था.
उसने परसों की छुट्टी ले ली थी.
कल तो साजिद उसके साथ ही शाम तक घर आने वाला था.

रात को जुनैद बिना सेक्स के सो गया और सुबह उठकर उसने तबस्सुम को जबरदस्ती अपने साथ ही नहलाया और हंसी मज़ाक में छेड़ते हुए कह दिया कि अब दो दिन उसकी चूत की खैर नहीं.
तबस्सुम ने भी उससे कह दिया- आप और साजिद अलग कमरे में सो जाना और जैसे आप उमेश की गांड मारते थे, आपस में निबट लेना. मुझे मत घसीटना अपने साथ.
जुनैद बोला- देखा जाएगा.

शाम को जुनैद के आने से पहले तबस्सुम ने खाना पूरा बना लिया था और अच्छे से कपड़े पहन कर वह दोनों का इंतज़ार कर रही थी.

सजधज कर तबस्सुम कयामत ढाती थी.

7 बजे करीब जुनैद और साजिद आये.

साजिद जुनैद जैसी ही कदकाठी का पर मजबूत था.
वह बहुत मजाकिया और बातूनी था.

साजिद तबस्सुम के लिए एक बहुत सुंदर सूट लाया था.
पर्दे वाले परिवार की शर्म तो अब इनके घर में नहीं थी … तो तबस्सुम भी जल्दी ही घुलमिल गयी साजिद के साथ.

पहले चाय-पकौड़े, फिर खाना!
इन सब से निबटते निबटते रात के दस बज गए.

जब वह रसोई सम्भाल कर कमरे में पहुंची तो जुनैद और साजिद हंस हंस कर बात कर रहे थे.
असल में बचपन से जवानी तक दोनों साथ पढ़े थे.

साजिद और जुनैद दोनों ही अपनी जवानी में पक्के हरामी थे.
यह बात तबस्सुम को जुनैद बता चुका था कि हमारे बीच कुछ भी छिपा नहीं है.

तबस्सुम को तो शक था कि साजिद की बीवी सुल्ताना से जुनैद का चक्कर रह चुका है और दोनों हमबिस्तर भी हो चुके हैं.

पर उसे यह नहीं पता था कि यह बात साजिद को मालूम है या नहीं.
वह कभी सुल्ताना से नहीं मिली थी.

तबस्सुम के आते ही साजिद उठ खड़ा हुआ अपने कमरे में जाने के लिए!
तो तबस्सुम ने कहा- भाई जान, आप यहीं सो जाएँ, मैं दूसरे कमरे में सो जाती हूँ.

इस पर साजिद बोला- जब मैं आपको नाम से बुलाता हूँ तो आप भी मेरा नाम ही लीजिये. हम सभी दोस्त ही तो हैं.
जुनैद ने भी उसकी बात का समर्थन किया और कहा- मैं भी इसकी बीवी को नाम से ही बुलाता हूँ. यह हम लोगों का शुरू से तय था कि हम सब आपस में दोस्त रहेंगे.

तबस्सुम ने नैन मटकाकर जुनैद से पूछा- और क्या क्या आप लोगों का पहले से तय है?
इस पर जुनैद ने बदमाशी से कहा- तय तो हमारा यह भी है कि आपस की सभी चीज़ मिल-बाँट कर इस्तेमाल करेंगे.
उसका इशारा समझ कर तबस्सुम बोली- मैं चली सोने … आप आपस में मिल-बांट कर लीजियेगा.

अब साजिद हँसते हुए खड़ा हो गया, बोला- मैं चला सोने, थक भी गया हूँ, सुबह जल्दी जाना है काम से!

उसके जाते ही तबस्सुम ने कमरे की किवाड़ बंद कर लिए.
जुनैद ने उसे बेड पर भींच लिया और बोला- जानेमन, आज तो कयामत ढा रही हो. साजिद तो हलाल हो गया आपकी ख़ूबसूरती के आगे! आपकी मेहंदी तो जुल्म ही ढा रही है आज! अब देर मत करो, कल का भी हिसाब चुकता करना है.

तबस्सुम भी चुदासी हो रही थी.
उसने कपड़े उतार फेंके और लेट गयी टाँगें फैलाकर.

ज़ुनैद भी नंगा होकर बेड पर आया और हमेश की तरह उसने पहले तबस्सुम को चूमा और फिर उसकी चूत की फांकों के बीच अपनी जीभ दे दी.
जल्दी ही तबस्सुम की आहें निकलने लगीं.

जुनैद तो चाहता था कि आज पोर्न वाइफ तबस्सुम की आवाज़ साजिद के कमरे तक जाए.
इसलिए उसने चुदाई शुरू कर दी और पेलम पाल में पूरा दम लगा दिया.

तबस्सुम थोड़ी देर को यह भूल गयी कि घर में एक मेहमान भी है.
उसकी आवाजें रोज़ की तरह निकलने लगीं.

अब जुनैद ने चुदाई धीमी करते हुए उसके कान में फुसफुसाकर कहा- बुला लूं साजिद को? वह तो जब से आया है, तुम्हारे हुस्न की तारीफ कर रहा है.

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