पड़ोसन को चोदा- Antarvasna

Antarvasna

अन्तर्वासना के प्यारे पाठको और सभी आंटियों और लड़कियों को मेरा प्यार…Antarvasnaआप लोगों को मेरी पहली कहानी मकान मालिक की बीवी को चोदा अच्छी लगी होगी ! मैं आज फिर एक नई कहानी लेकर आया हूँ…

ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए मैं कहानी शुरू करता हूँ…….

मेरी उमर २२ साल हैं.मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ। मैं बचपन से ही लड़कियों और आंटियों से शरमाता था। मेरे पड़ोस में एक नई लड़की गुंजन आई हुई थी। उसकी उमर भी १९-२० के आस पास होगी, देखने में वो एकदम मस्त थी। जब मैंने उससे पहली बार देखा था तो तभी से उसे चोदने की सोचने लगा। उसे देखते ही मेरा लण्ड खडा हो जाता था। आख़िर में भगवान ने मेरी सुन ही ली। मेरे घर के सारे लोग सर्दियों की छुट्टी में गाँव चले गए। मेरे पेपर चल रहे थे सो मैं नहीं गया। खाना खाने के लिए पड़ोस में बोल गई थी मेरी मम्मी।

एक दो दिन तो सब कुछ सामान्य रहा।

तीसरे दिन दोपहर को वो घर में अकेली थी। मैं दोपहर का खाना खाने के लिए उनके घर गया। उसने खाना लगा दिया, मैंने कहा- तुम नहीं खाओगी क्या?

तो वो बोली- मैं पहले नहा कर फिर खाना खाऊँगी ! और वो नहाने चली गई। मुझे पेट की नहीं चूत की भूख लग रही थी सो मैं भी उसके पीछे हो लिया।

मैंने बाथरूम के दरवाज़े के छेद से देखा- उसने एक-एक करके सारे कपड़े उतार दिए।

मेरे शरीर में अजीब सा करंट दौड़ गया। यह सब देख कर मुझे मजा आ रहा था और डर भी लग रहा था कि कहीं कोई आ ना जाए। मेरा लण्ड एक दम ९० डिग्री पर सीधा खडा हो गया था और ऐसा लग रहा था कि पैन्ट को फ़ाड़ कर बाहर निकल आएगा। कुछ देर बाद गुंजन ने कपड़े पहनने शुरू कर दिए। मैं जल्दी से आकर खाने के पास बैठ गया।

नहाने के बाद गुंजन एकदम परी की तरह लग रही थी। उसने पूछा कि तुमने अभी तक खाना क्यों नहीं खाया?

मेरा लण्ड अभी भी खड़ा था। उसकी निगाह उस पर पड़ गई। मैं अब उससे नज़र नहीं मिला पा रहा था। मैंने बात बदलते हुए कहा कि दोनों मिलकर खाना खा लेते हैं।

पर वो मेरा लण्ड खडा देख कर मुझसे मज़े लेना चाहती थी। पर पहल मेरी तरफ से हो, इसके लिए उसने कहा कि खाना ठंडा हो गया हैं, तुम इसे गरम कर लाओ, मैं अभी नहा कर आई हूँ।

मैं अपने लण्ड को दुबका कर बिठा था। गुंजन बोली- यह क्या छुपा रहे हो?

मैं पूरी तरह झेंप गया था। मैंने कहा- कुछ नहीं !

तो वो बोली- यह छुपाने के लिए नहीं होता !

इतना कहते ही मैंने उसे पकड़ लिया और किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा।

धीरे -२ उसे भी मज़ा आने लगा। वो मेरे लण्ड को हाथ से सहलाने लगी। हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े एक-२ करके उतार दिए। मैंने जैसे ही उसकी चूत में ऊँगली की, उसके मुँह से उह आह उह्ह आह्ह्ह की आवाजें निकलने लगी। मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहा था कि जिसे मैं चोदने के सपने देखता था, आज उसे चोद रहा हूँ।

वो पूरे जोश में आ गई थी और तेज़-२ बोल रही थी- चोद दो मु्झे आज ! जी भर कर चोदो !

मैंने भी लण्ड उसके छेद पर रख कर एक जोरदार धक्का लगाया !

लण्ड का सुपारा अंदर जाते ही वो ज़ोर से चिल्लाई और बोली- थोड़ा धीर करो !

मैंने उसकी एक ना सुनी और एक और जोरदार धक्का लगते हुए लण्ड को पूरा घुसेड़ दिया उसकी चूत में।

फिर धीरे-२ धक्के लगाने शुरू किए। अब वो भी गांड हिला कर मेरा साथ दे रही थी।

२०-३० धक्कों के बाद वो और मैं दोनों झड़ गए।

मुझे पहली बार एहसास हुआ कि पृथ्वी पर स्वर्ग सिर्फ़ चूत मारने में हैं।

आगे भी मैंने कई बार गुंजन को चोदा !

वो कहानी बाद में !

आप लोगों को यह कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर मेल करें.. Antarvasna

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