(Biwi Ko Gair Se Chudvaya) Hindi sex stories
Hindi sex stories मेरी बीवी करीब 22 साल की, बहुत सुन्दर, पढ़़ी लिखी और भोली भाली महिला है और मैं अक्सर चुदाई के बीच सोचता रह जाता हूँ
कि काश उसे कोई और चोद रहा हो और मैं उसे चुदता देखूँ।
धीरे धीरे पता नहीं कब यह ख्वाहिश इतनी मजबूत हो गई कि मैं रात दिन इसी प्लानिंग में लगा रहता। डरता भी था कि कैसे हो कि
मेरी शादीशुदा जिन्दगी भी बनी रहे मैं उसे इतना प्यार भी तो करता हूँ।
रणवीर से मिला तो पहली ही नजर में लगा कि यह आदमी मेरे काम का है। सारा प्लान भी मेरे दिमाग में शीशे की तरह साफ था, रणवीर को बताया कि मैं अपनी बीवी को उससे चुदवाना चाहता हूँ ऐसे कि उसे शक भी ना हो। वो तो हैरान रह गया।
उसे विश्वास ही न हो कि मैं सच में अपनी बीवी को उससे चुदवाना चाहता हूँ। वो तो मैंने उससे मिलने का टाइम तय किया, उससे मिला और उसे यकीन दिलाया तब कहीं जा कर वह राजी हुआ।
मैंने एक डिटेल्ड प्लान बना कर, अपने मकान की लोकेशन, कमरे कितने हैं और कैसे कैसे वगैरह वगैरह, सब कुछ उसे अच्छे से समझा दिया।
दो दिन बाद रविवार था, सुबह दस बजे मैंने अपनी पत्नी से कहा कि मैं नाश्ते के लिये जलेबियाँ लेकर आता हूँ और लौटते हुए रणवीर को साथ लेता आया। मेरा घर पहली मंजिल पर है और प्लान के अनुसार मैंने सीढ़ियों के नीचे एक कैमरा, एक रोल रस्सी और एक नकली पिस्टल, जो दिखने में बिल्कुल असली लगती थी, छुपा कर रख दी थी। रणवीर ने गन मेरी कनपटी पर रखी, मुझे धकियाते हुए लाया, और घर में आते ही दरवाजा अन्दर से बन्द कर लिया, बोला- खबरदार ! जो कोई आवाज बाहर निकाली। मुझे यहाँ छुपना है क्योंकि मेरे पीछे पुलिस पड़ी है, बस थोड़ी देर की बात है, तुम्हारी खैरियत इसी में है कि जैसा मैं कहूँ वैसा ही करो वरना !’
और रणवीर हमें ले कर बैडरूम में आ घुसा। रेखा मेरी पत्नी, मुझे सवालिया नजरों से देख रही थी।
मैंने उसे बताया कि मैं जलेबियाँलेकर जैसे ही सीढि़यों पर आया, इसने गन मेरी कनपटी पर रख दी और जबरदस्ती अन्दर घुस आया…और रणवीर से बोला- देखो, तुम जब तक चाहो, यहाँ रहो, हम ना शोर मचाएंगे, ना किसी को कुछ कहेगें’
‘ठीक है, मगर मैं तुम्हारे हाथ बांधूगा जिससे तुम कोई चालाकी ना कर सको’
‘मेरे पति को मत बाँधो, प्लीज ! ये कुछ नहीं करेंगे’ रेखा सचमुच घबरा गई।
रणवीर ने मेरी पत्नी को डाँट कर चुप करा दिया और मेरे दोनों हाथ रस्सी से पीठ पीछे बांध दिये। मेरी पत्नी से बोला- अब तुम अपने कपड़े उतारो !’
‘ये क्या बकवास है?’, मुझे बोलना पड़ा।
‘जैसा कहता हूँ, करती जा, वरना अच्छा नहीं होगा’, रणवीर ने मेरी बात को अनसुना कर दिया।
‘मगर आपने तो केवल शोर मचाने को मना किया था’, मेरी पत्नी बोली।
‘मैं ये सब तो अपनी सेफ्टी के लियेकर रहा हूँ, तुम्हारे साथ कोई ऐसा वैसा काम नहीं करूंगा। जल्दी करो नहीं तो इसे अभी गोली मारता हूँ।’
मेरी पत्नी ने मेरी तरफ देखा तो मैंने लाचारी दिखाते हुए तुरन्त गरदन हिला कर उसे रणवीर की बात मान लेने को कह दिया। अपनी पत्नी रेखा के बारे में बता दूँ, अभी पच्चीस साल की है, हाइट 5 फुट 3 इंच और 34-24-36 का जानदार फिगर। उस दिन कुर्ता शलवार डाले हुये थी। हिचकिचाते हुये, उसने कुर्ते के नीचे हाथ लाकर नाड़े की गांठ खोली, शलवार हिप्स पर से नीचे खिसकाई और टांगों में से बाहर निकाल दी। इसके बाद उसने अपनी कुर्ती को भी ऊपर किया और गले से बाहर निकाल दिया। अब उसके शरीर पर सिर्फ काले रंग की ब्रा और पैण्टी ही बची, वह अधनंगी हो चुकी थी।
रणवीर की आंखों में चमक देख, उसके दोनों हाथ जैसे अपने आप उठे और कुहनियों से मुड़ कर खुले बदन को ढकने की नाकाम कोशिश करने लगे। रणवीर कैसे मानता, ‘ये हाथ तो हटाओ…बिल्कुल सीधे करो’,
रेखा का सिर अभी भी झुका हुआ था और बदन शर्म संकोच से दोहरा हुआ जा रहा था। मगर फिर भी उसे हाथ हटाने पड़े, लम्बी गरदन से नीचे गोरे बदन पर काली ब्रा में कैद उसके सुडौल उरोज, पतली होती गई कमर, जो हिप्स पर फिर से चौड़ी होने लगी थी, काले रंग की मैचिंग पैण्टी, जिसकी इलास्टिक उसके पेट पर ऐसी कस के चिपकी थी कि…नाभि थोड़ी सी और गहरी हो गई थी।
‘इन्हैं भी उतारो’, रणवीर का इशारा ब्रा और पैण्टी की ओर था।
मेरी पत्नी ने ब्रा का हुक खोला और बाहों से सरकाते हुए उतार कर एक तरफ डाल दिया। उसके भरे भरे उरोज आजाद होकर फैले तो जैसे और बड़े हो गये। उन पर हल्के बादामी रंग के घेरांे के बीच गुलाबी रंग की घुन्डियाँभी अब सामने दिख रही थीं। हाथ एक पल को कूल्हों पर टिके, अॅंगूठे पैण्टी के अन्दर गये, इलास्टिक पर अटके और पैण्टी नीचे सरकाते चले गये। अब वह बिल्कुल नंगी थी। उसके चिकने सपाट पेट पर, नाभि से जरा नीचे हल्की हल्की झांटों के बीच से झांकती चूत बहुत प्यारी लग रही थीं। रणवीर ने नजदीक जा कर उसके उभारों पर हाथ रखा तो वह उछल पड़ी।
‘यह क्या कर रहे हो?, तुमने तो कहा था कोई ऐसा वैसा काम नहीं करोगे।’
‘हां, मतलब अगर तुम प्यार से मेरी छोटी छोटी बाकी बातें मानती जाओगी, और मुझे मजा लेने दोगी तो मैं तुम्हारी चूत नहीं मारूंगा।’
खुल्लमखुल्ला चूत का जिक्र सुन मेरी पत्नी तो सन्न रह गई। चेहरा फक्क और मुँह से कोई बात ना निकले। सारा शरीर थर थर कांपने लगा।
‘इतना समझ लो जानी ! हमसे शरमाओगी तो हमें मजा नहीं आयेगा और हम तुम्हैं बिना चोदे छोड़ेंगे नहीं।
बचोगी तभी जब चुदाई से पहले ही हमारा निकलवा दो। बिन्दास बोलो, खुल के और मजे लेने दो हमें। तुम्हारी चूत की हिफाजत खुद तुम्हारे हाथ में है, क्या कहती हो, चुदवाओगी?’
‘अरे यह जैसा कह रहा है मान जाओ, कम से कम इज्जत तो बच जायेगी’, मैंने भी हां में हां मिलाई।
‘बोलो, मैं आपसे चुदवाने को बेताब हो रही हूँ’
‘जी, मैं आपसे चुदवाने को बेताब हो रही हूँ’
‘मतलब?, कुछ अपनी तरफ से भी तो कहो’
‘मुझे चोदिये,…मेरी चूत में अपना लण्ड घुसा दीजिये और खूब जोर से चोदिये।
‘बस…अच्छा दिखाओ तो तुम्हारी है कैसी?’
मेरी पत्नी ने कमर आगे कर, उॅंगलियों से वी बनाते हुए चूत की फांकों को फैलाया तो अन्दर का छेद दिखने लगा। रणवीर ने आगे बढ़ कर अपनी उॅंगली उसी छेद में अन्दर डाल कर तुरन्त बाहर निकाल ली और धयान से देखने लगा।
‘ये तो सूखी पड़ी है। ऐसे ही डलवाओगी?’
‘मेरी पत्नी ने आगे और कुछ नहीं कहा और सिर झुका कर, जैसे रणवीर के सामने जैसे समर्पण कर दिया। अब रणवीर ने अपना हाथ फिर से मेरी पत्नी के स्तन पर रख दिया और उसे टटोलने लगा। पत्नी से कोई विरोध नहीं हुआ तो वहां से उसका हाथ नीचे कमर पर से होता हुआ कूल्हों पर आया और एक पल रुक चूतड़ों की गोलाइयों से होकर वापस सामने पेट पर आ गया और उॅंगलियाँनाभि से खेलने लगीं। अॅंगूठे और दूसरी उॅंगली ने नाभि पर जगह बनाई तो पहली उॅंगली अन्दर घुस कर जैसे गहराई नापने लगी। हाथ और नीचे
आया तो झांटो से होता हुआ चूत पर आ गया। उसने अपनी बड़ी उॅंगली चूत पर हाथ फेरते की दरार पर फेरते फेरते अन्दर कर दी। सारे वक्त उसका ध्यान तो मेरी पत्नी के अंगों पर था, मगर दूसरे हाथ में गन की नाल मेरी ओर ही थी। और पकड़ लिया लगा।
‘देखो, मुझे तो तुमने बांध ही दिया है और मेरी बीवी तुम्हारा मुकाबला कर नहीं सकती। इस गन को मेरी तरफ से हटा लो, अगर धोखे से भी चल गई तो मैं तो बेमौत मारा जाऊॅंगा। हम तुम्हारी सारी बातें तो मान ही रहे हैं, गन एक तरफ रख दो ना प्लीज ! हम कुछ नहीं करेंगे।’
रणवीर ने गन एक तरफ मेज पर रख दी और अब मेरी पत्नी को अपनी तरफ खींच उसके बदन पर खूब प्यार करने लगा। पीछे आकर उसने दोनों स्तनों पर एक एक हाथ रख दिया और आराम से हाथ फिराते हुए दबा दबा कर जैसे गोलाइयों को मापने लगा। फिर दोनों निपल उसने चुटकी मे ले लिये और उन्हैं हल्के हल्के दबाते हुये आगे पीछे घुमाने लगा। बीच बीच में उन्हैं अपनी और खींचता भी जाता। मेरी पत्नी ने भी अपना बदन ढीला छोड़ दिया था। एकाएक वह मेरी पत्नी की ओर मुड़ा,
‘अब तुम मेरे कपड़े उतारो’
मेरी पत्नी ने चुपचाप उसकी कमीज के बटन खोले और उतार दी तो रणवीर ने अब पैण्ट की तरफ इशारा किया। रेखा ने अब पहले उसकी बैल्ट खोली, फिर पैण्ट के बटन, जिप नीचे की और पैण्ट नीचे सरकाते हुए टांगों से उतार दी। रणवीर अब सिर्फ अण्डरवीयर में रह गया था जिसके झीने से कपड़े में उसका लम्बा और भारी लण्ड हिलता डुलता साफ दिख रहा था। रणवीर अपनी कमर कुछ ऐसे हिला रहा था कि, अन्डरवीयर पहने पहने भी, घड़ी के पेण्डुलम सा झूलता लण्ड साफ दिख रहा था। रणवीर का अगला इशारा इसी ओर था।
‘अपना हाथ अन्दर डाल कर इसे पकड़ लो’
मेरी बीवी पहले तो थोड़ा झिझकी मगर फिर उसने एक हाथ अन्डरवीयर में डाल कर लण्ड पकड़ ही लिया और धीरे धीरे दबाने लगी। कुछ देर बाद रणवीर ने अपना अन्डरवीयर खुद ही उतार दिया और मेरी पत्नी को बैड पर लिटा कर खुद उसके बराबर कुछ ऐसा जा लेटा कि उसका लण्ड तो मेरी पत्नी के मुंह के पास लटक रहा था, और मेरी पत्नी की चूत उसके मुंह के नजदीक थी।
‘अब मैं तुम्हारी चूत चाटूंगा और तुम मेरा लण्ड चूसो ’
‘मैं नहीं चूसूंगी इसे ’, मेरी पत्नी ने विरोध किया।
‘देखो, मेरी बात प्यार से मान लो नहीं तो मुझे जबरदस्ती करनी पड़ेगी’
बेबस होकर मेरी पत्नी ने मुंह खोल रणवीर का लण्ड अन्दर ले लिया और होठों से पकड़ हौले हौले चूसने लगी। रणवीर ने उॅंगलियों से रेखा की चूत फैलाई और जीभ अन्दर डाल कुरेदने लगा। डबल मजे से उसका लण्ड धीरे धीरे बड़ा होता जा रहा था, इधर रेखा की
चूत में भी गजब की गुदगुदी होने लगी थी। रह रह कर उसकी कमर भी सिहरन से उठ उठ जाती।
थोड़ी देर बाद रणवीर अचानक उठा और रेखा के ऊपर आ कर उसके उरोजों से खेलने लगा। उसका लण्ड, जो मेरी पत्नी की चूत के ठीक ऊपर था, रह रह कर चूत से टकरा रहा था। खड़ा था तो बीच बीच में जरा मरा सुपाड़ा भर अन्दर भी हो जाता। रेखा शर्म और चुदास की दुविधा में थी।
‘देखो तुमने वादा किया था मेरे साथ ये सब नहीं करोगे’
‘ठीक है तुम मेरे लण्ड को अपनी चूत पर रगड़ो, खूब जोर जोर से, छेद के ऊपर ही, ऐसे कि मेरा निकल जाये। फिर तुम्हारे साथ कुछ भी करने की बात ही नहीं रहेगी’
सुन कर मेरी पत्नी की जान में जान आई कि चलो ये रगड़ने से ही डिस्चार्ज हो जायेगा और मेरी फजीहत बच जायेगी। उसने रणवीर का लण्ड हाथ से पकड़ा और अपनी चूत पर जोर जोर से रगड़ने लगी। अब चूत और लण्ड, दोनों इतनी देर के फोर प्ले से गीले हो ही रहे थे।
रेखा रणवीर के लण्ड को अपनी चूत की फांकों के बीच में लाकर रगड़े जा रही थी जिससे कि रणवीर का जल्दी से निकल जाये और रणवीर बारी बारी उसके उरोजों और नाभि पर प्यार किये जा रहा था। साथ साथ उसकी कमर भी आगे पीछे हो रही थी इस बीच लण्ड का सुपाड़ा कई बार चूत में घुसा मगर फौरन बाहर भी आ गया।
रेखा को यही लगा कि रणवीर जानबूझ कर ऐसा नहीं कर रहा है और वो लण्ड को चूत में जाने से रोकने की कोशिश भी साथ साथ करती जा रही थी।
जरा छेद पर रख कर जोर से रगड़ो, मेरा निकलने वाला है’
मेरी पत्नी ने टांगें फैला कर चूत के छेद पर लण्ड को करीब करीब घुसाते हुए जोर जोर से रगड़ना शुरू कर दिया। रणवीर ने भी इस बार कमर को जोर से झटका तो करीब आधा लण्ड चूत में घुस गया जिसे रणवीर ने फौरन सॉरी कह कर बाहर निकाल लिया।
‘देखो अब तुम अन्दर भी करते जा रहे हो?’
‘मैंने जानबूझ कर अन्दर थोड़े ही किया था, तुम ऐसे ही रगड़ती रहो मैं अन्दर नहीं करूंगा।’
मेरी पत्नी ने लण्ड फिर से अपनी चूत के छेद पर रगड़ना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद रणवीर ने फिर से कमर झटकाई और इस बार लण्ड आधे से ज्यादा अन्दर कर दिया। मेरी पत्नी ने लण्ड छोड़ जैसे ही कमर को पकड़ा, रणवीर ने अपना लण्ड और अन्दर किया और पूरा का पूरा चूत के अन्दर घुसा दिया और जोर जोर से आगे पीछे करने लगा। धीरे धीरे अपना पूरा लण्ड चूत से बाहर लाता और सारा का सारा एक झटके में फिर से अन्दर कर देता। दोंनों हाथों से वह मेरी पत्नी के स्तनों को मसल रहा था।
इस समय मेरी पत्नी भी कुछ नहीं कह रही थी। उसकी आंखें मुंदीं थी और मुंह से हल्की हल्की सिसकियाँनिकल रही थीं, शायद वो भी अब एन्जाय कर रही थी। ये चुदाई कुछ देर तक और चली और फिर रणवीर ने जल्दी से अपना लण्ड चूत से बाहर निकाला। निकालते ही झटकों के साथ लण्ड से एक के बाद कई पिचकारियाँछूटीं और ढेर सारा वीर्य मेरी पत्नी के उरोजों और पेट पर बिखर गया। उसकी गहरी नाभि भी लवालब भर गई।
रणवीर ने उसी हालत मेरी नंगी पत्नी के अनेक फोटो ले लिये जिनका डर दिखा दिखा कर उसने रेखा को कई बार चोदा। बहुत बार मैंने भी उसके साथ ही रेखा को चोदा। Hindi sex stories