यह घटना तब की है जब मेरी उम्र 22 थी, मैं अपनी पढ़ाई पूरी कर चुका था और एक ऑटोपार्ट्स की दुकान में काम करता था. मेरे बॉस दुकान के मालिक मुझे छोटू बुलाते थे, उनकी उम्र करीब 36 या 37 साल थी. उनकी पत्नी जिसका नाम मेघा था, उनकी उम्र करीब 30-31 की थी लेकिन वो अपने सुंदर चेहरे, सेक्सी बदन से दिखने पर ऐसी बिल्कुल भी लगती ही नहीं थी कि वो इतनी उम्र की भी हो सकती है, वो बहुत ही हॉट और सेक्सी औरत थी, उनकी एक बेटी भी थी.
मेरे बॉस ने अपनी शादी बहुत देर से की थी.
मुझे अपने बॉस की दुकान के काम के साथ साथ उनके घर के काम भी छोटे बड़े सभी करने पड़ते थे. जैसे कि बॉस का उनके घर से दिन में खाना लेकर आना, घर के लिए कोई भी सामान ले जाना… और भी बहुत कुछ… इससे मेरी और मेरे बॉस की बीवी की बहुत अच्छी बनती थी. उनका व्यव्हार भी मेरे लिए बहुत अच्छा था और मैं हमेशा उन्हें मजाक में बॉस ही बोलता था. लेकिन वो कभी भी मुझसे किसी भी बात पर नाराज नहीं होती थी. वो भी मुझे प्यार से छोटू ही बोलती थी.
जब भी मैं उनके घर पर काम से जाता तो हम बहुत देर तक मस्ती मज़ाक करते. मुझे उनके फिगर के साईज का तो पता नहीं हैं लेकिन वो भरे बदन की थी. उनका रंग भी बिल्कुल गोरा था. हमारा मजाक इतना होता था कि जब भी मैं अपने बॉस का खाना लेने जाता तो मैं उनसे मजाक में बोलता था- आपके पापा ने खाना मंगवाया है.
मेरे मुख से यह बात सुनकर ज़ोर से हँसने लगती और मुझसे कहती- तू बहुत बदमाश हो गया है. बहुत बड़ी बड़ी बातें करता है.
एक दिन मेरे बॉस ने मुझसे बोला- छोटू, मैं 20-25 दिन के लिए किसी जरूरी काम से अपने गाँव जा रहा हूँ तो तू क्या मेरे पीछे से दुकान सम्भाल लेगा?
मैं बोला- हाँ बॉस, कोई बात नहीं, आप आराम से बिना चिंता किए चले जाइये.
फिर बॉस मुझसे बोले- मैडम मेरे साथ नहीं जाएँगी क्योंकि बेटी का स्कूल है तो इसलिए तू दुकान बंद करने के बाद मेरे घर पर ही रहना.
मैं बोला- जी बॉस…
फिर बॉस बोले- मैं कल सुबह ही निकल जाऊंगा तो तू दुकान पर ठीक समय पर आ जाना.
दूसरा दिन आया, मैंने दुकान खोली तब तक बॉस जा चुके थे और मैं पूरे दिन बिल्कुल अकेला था.
फिर रात हुई और मैं अपने बॉस के घर पर गया और वहां पर पहुंचने के बाद मैडम ने मुझसे पूछा कि क्या तुमने दिन में खाना खाया था?
मैं बोला- जी बॉस, मैंने दिन में खाना खा लिया था.
फिर कुछ देर बाद मैडम ने खाना लगाया और हमने एक साथ ही बैठकर खाना खाया और उसके बाद हम तीनों खा पीकर सो गये.
मैं हाल में ही सोया था और ऐसे ही तीन दिन गुजर गये, सब कुछ एकदम ठीक ठाक था.
उसके अगले दिन रात के करीब 2:30 बज रहे थे और मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी तो मैं पेशाब करने उठा और जब मैं वापस आया तो मेरी नज़र मैडम के रूम की तरफ चली गई. मैंने देखा कि रूम का दरवाजा थोड़ा सा खुला हुआ था तो मैंने सोचा कि शायद मैडम जाग रही है तो इसलिए मैं रूम के बहुत करीब गया और जैसे ही मैंने अंदर देखा तो देखकर मेरे होश उड़ गये और मेरी दोनों आँखें फैल गई, क्योंकि उस समय मेरी बॉस मेक्सी के ऊपर से ही अपनी चूत को सहला रही थी और आअहह उउफफफ्फ़ हनमम्म कर रही थी.
मेरा मन किया कि मैं जाकर उनसे चिपक जाऊँ लेकिन मेरी इतनी हिम्म्त नहीं हुई और मैं किसी तरह अपने आप पर कंट्रोल करके या शायद उनसे डरकर मैं वापस आकर सो गया.
फिर सुबह हुई और हम नाश्ता कर रहे थे, मैं अब चोर नज़र से मैडम को ही बार बार देख रहा था और तभी मैडम मुझसे बोली- क्या बात है, आज तुम बहुत चुपचाप हो?
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है.
फिर मैं दुकान पर जाने के बाद पूरे दिन भर बॉस की बीवी की चुदाई के बारे में ही सोचता रहा और सोचते सोचते मेरा लंड टाईट हो जाता!
आज मैं रात को सोया ही नहीं, बस उनके बारे में ही सोचता रहा और रात को करीब दो बजे मैं फिर से उठा और मैडम के रूम की तरफ जाकर देखा, लेकिन आज दरवाजा अंदर से बंद था तो मैं करीब गया और वहीं पर बैठ गया और कुछ देर बाद अंदर से फिर वही सिसकारियों की आवाज़ आने लगी और मैं बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा.
ऐसे ही पूरे 6 दिन निकल गये.
मेरा मन अब बॉस की बीवी की चुदाई को चोदने का बहुत कर रहा था और फिर वो रात आ गई, रात के 1 बज रहे थे, मैं दरवाजे के बिल्कुल पास ही था और मैडम की आवाज़ सुन रहा था. मैंने अब दरवाजे पर ज़ोर से हाथ मार दिया और जिसकी वजह से दरवाजा खुल गया और मैं मैडम से बोला- क्यों आपकी तबीयत तो ठीक है ना?
मैडम बोली- हाँ क्या हुआ? मैं तो एकदम ठीक हूँ.
मैं बोला- जी मैडम!
और फिर मैं जाकर हॉल में बैठ गया.
थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला और मैडम बाहर आई. मैं उस समय सोफे पर बैठा हुआ था तो वहीं पर मैडम भी आकर बैठ गई और वो बोली- क्या हुआ, क्यों चिल्ला रहे थे मैं डर गई थी?
फिर मैं बोला- मैडम, मैंने आपकी आवाज़ सुनी तो मैंने सोचा कि शायद आपकी तबीयत खराब है.
मैडम बोली- नहीं, मैं एक सपना देख रही थी.
मैंने पूछा- कैसा सपना?
मैडम बोली- वो एक बहुत डरावना सपना था.
अब मैं उनसे नाटक करने लगा- क्या मैडम आप भी सपनों से डरती हो?
अब वो कुछ नहीं बोली.
फिर मैंने उनसे पूछा- क्या हुआ मैडम, क्या आप ज़्यादा डर गई हो?
मैडम बोली- नहीं तो!
मैं बोला- फिर आप बिल्कुल चुप क्यों हो?
तो मैडम बहुत ही धीरे से बोली- मुझे बहुत प्यास लगी है.
मैं तुरंत समझ गया लेकिन फिर भी मैंने नाटक किया- हाँ ठीक है, मैं अभी पानी लाता हूँ!
और मैं उठकर पानी लाया, उनसे बोला- यह लीजिए!
तो मैडम ने देखा तो मुझे हँसी आ गई.
फिर मैडम मुझसे पूछने लगी- तुम ऐसे हंस क्यों रहे हो?
मैं उनसे बोला- लीजिए अपनी प्यास बुझा लीजिए!
तभी मैडम ने मेरा एक हाथ खींचकर मुझे सोफे पर बैठा लिया और वो मेरी गर्दन को दबाकर मुझसे बोली- क्या बात है, तुझे बहुत हंसी आ रही है? प्यास नहीं जानते तुम या नाटक कर रहे हो? और अब मैडम के बूब्स मेरी छाती से टकरा गये.
मैं और पीछे हुआ और मैडम बैठ गई.
फिर मैं बोला- मैडम, मुझे पता है कि आप क्या सपना देखती हो?
अब मैडम ने हल्की सी स्माईल की और बोली- क्या पता है?
मैं बोला- यही कि जो सपना आप देखती हो तो उससे आपको प्यास लग जाती है.
और फिर मैं ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा.
मैडम ने फिर मेरी गर्दन को दबाया और बोली- ज्यादा हंस मत!
और इस बार उनके बूब्स मेरी छाती से पूरी तरह चिपक गये और मेरा लंड एकदम टाईट होने लगा. मेरी नज़र मैडम के बूब्स पर गई और तभी वो उठने लगी तो मैंने देर ना करते हुए उनके गाल पर एक किस कर लिया तो वो पहले थोड़ा सा शरमाई, फिर हंसकर मेरे होंठों को चूमने लगी और अब मैडम सोफे पर एकदम सीधा होकर मेरे ऊपर लेट गई.
मैंने अपने दोनों पैर फैला लिया, मैडम मेरे पैर के बीच में आ गई, मेरा लंड उनकी उभरी हुई गीली चूत से दब रहा था और वो खुद जान बूझ कर अपनी चूत को मेरे लंड पर दबा रही थी, मैं उन्हें ज़ोर से चिपकाए हुए था और हम दोनों ज़ोर से किस कर रहे थे.
तभी मैं अपना एक हाथ उनकी चूत पर ले गया और चूत को सहलाने लगा, मैंने धीरे से मैडम की चूत में एक च्यूंटी काट ली और जिसकी वजह से वो उछल गई और मैं हँसने लगा.
वो मुझसे बोली- कमीने रुक… मैं अभी तुझे बताती हूँ!
यह कह कर उन्होंने ज़ोर से मेरी छाती पर अपने दाँत से काट लिया, उस दर्द की वजह से मैं चिल्ला पड़ा तो उन्होंने तुरंत मेरे मुख पर अपना एक हाथ रख दिया, बोली- ज्यादा चिल्ला मत, वरना मैं और भी ज़ोर से काट सकती हूँ.
फिर हम दोनों सोफे से सीधे नीचे फर्श पर लेट गये, मैडम अब तक मेरे ऊपर चढ़ी हुई थी, वो लगातार मेरे लंड पर अपनी चूत को मसल रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैडम का वजन थोड़ा ज़्यादा था.
अब मैडम मेरे ऊपर से हटी, पास में आकर बिल्कुल सीधा लेट गई, हम ऐसे ही नीचे लेटे हुए थे.
फिर मैडम मुझसे बोली- तुम कभी किसी को कुछ भी मत बोलना!
तो मैंने उनसे कहा- आप बिल्कुल भी चिंता मत करो, कभी भी किसी को पता नहीं चलेगा!
मैडम मेरी तरफ मुस्कुराई और मैं उनके ऊपर चढ़ गया, अब मैं मैडम के ऊपर बिल्कुल सीधा लेटा हुआ था, मैं उस समय नाईट पैन्ट पहने हुए था जिससे मेरा लंड मैडम की चूत से होते हुए उनकी जाँघों के बीच में घुस रहा था.
अब हम किस कर रहे थे और मैं एक हाथ से मैडम का एक बूब्स बहुत ज़ोर से दबा रहा था, मैं मैडम की गर्दन को चूम रहा था और साथ ही एक बूब्स को दबा भी रहा था और जिसकी वजह से मैडम उह्ह्ह्ह ऑश आहह अफफफफफ छोटू अह्ह्ह्ह की आवाज़ निकाल रही थी.
अब मैडम ने मुझे अपने ऊपर से हटाया और वो सोफे पर बैठ गई, मैडम ने अपनी नाईट पैन्ट को उतार दिया, उन्होंने अंदर काली पेंटी पहनी हुई थी. उसने अपने दोनों पैर फैला दिए और फिर वो मुझसे बोली- चल अब आ जा, जल्दी से मेरी प्यास बुझा दे.
मैं सोफे के करीब गया और उनकी चूत पर पेंटी के ऊपर से हाथ फेरने लगा. फिर मैंने पेंटी के ऊपर से ही चूत पर एक किस किया तो मैडम ने उफ़फ्फ़ स्सीईईइ करके अपनी दोनों आँखों को बंद कर लिया.
फिर मैंने मैडम की पेंटी को उतारा और उनकी चूत को अपनी एक उंगली से सहलाने लगा, फिर मैंने अपनी उंगली को चूत में घुसा दिया, जिसकी वजह से मैडम सिसकारियाँ लेने लगी और आअहह उफ्फ्फ्फ़ करने लगी.
अब मैं उस बैचेन, तड़पती हुई, प्यासी चूत के पास अपना मुंह ले गया और अपनी जीभ से उनके चूत के दाने को सहलाने लगा.
मैडम मुझसे बोली- उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह छोटू तू यह क्या कर रहा आईईइ… है?
मैं उनकी चूत को चाटने, चूसने लगा और मैं अपनी जीभ को उनकी चूत में अंदर तक घुसाकर चाट रहा था.
मेरी मैडम अब मेरा सर पकड़कर अपनी चूत के ऊपर ज़ोर ज़ोर से दबा रही थी और वो आहह उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफफ्फ़ उईईईई की आवाज़ निकाल रही थी.
थोड़ी ही देर में उन्होंने मेरा सर अपनी चूत पर और भी ज़ोर से दबा दिया और अब उन्होंने अपनी चूत का पानी मेरे मुँह पर निकाल दिया जिसको मैं चूसने लगा.
उसके बाद मैं उठा, अब हम दोनों पूरे नंगे हो गये, मेरा लंड पूरा टाईट था तो मैडम लंड देखकर बोली- साले कमीने, तेरा कितना बड़ा है?
मैंने कहा- हाँ, यह आपके लिए ही है.
मैडम बोली- अच्छा रुक, मैं अभी तुझे बताती हूँ!
और वो अब मेरा लंड पकड़ कर ज़ोर से ज़ोर मसलने लगी, मैं ऑश उफ्फ्फ बाप रे मैडम करने लगा.
मैडम मुझसे बोली- क्यों क्या हुआ बच्चू? दर्द हो रहा है?
मैं बोला- क्या आज इसे तोड़ ही दोगी क्या?
मैडम हँसने लगी.
फिर वो बहुत आराम से मेरे लंड से खेलने लगी और मैं उनके एक बूब्स को दबाने तो दूसरे को चूसने लगा.
कुछ देर बाद मैं रुका और मैडम से बोला- मैं एक मिनट में अभी वापस आता हूँ!
मैं जल्दी से पास वाले रूम में गया और दो तकिए लेकर आ गया. अब मैडम फर्श पर लेटी हुई थी, मैंने एक तकिए को मैडम की गांड के नीचे रख दिया, मैडम की चूत बहुत मोटी थी, बहुत मस्त चूत थी.
मैंने उनके दोनों पैर फैलाए और एक बार फिर से उनकी चूत को चाटने लगा.
मैडम सिसकारियाँ लेते हुए मुझसे बोली- तू चूत को बहुत अच्छा चाटता है.
मैं उनके मुँह से यह बात सुनकर और भी ज़ोर से उनकी चूत को चाटने लगा, लेकिन थोड़ी देर चूत चाटने के बाद मैडम मुझसे बोली- छोटू मैं गई!
मैं ज़ोर से चाटने लगा.
मैडम का पानी निकल गया जिसकी वजह से उनकी पूरी चूत गीली हो चुकी थी.
मैं अब मैडम के दोनों पैरों के बीच में बैठ गया और अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़कर गीला करने लगा और मैडम बोलने लगी- उफफफ्फ़ आह्ह्ह्ह कमीने, जल्दी से इसे अंदर डाल दे, कुत्ते तू यह क्या कर रहा है? थोड़ा जल्दी से डाल दे… स्सीईईई आह्ह्ह… क्या बस ऐसे ही करता रहेगा?
मैंने उनकी तड़प को देखते हुए अपने लंड का सुपाड़ा मैडम की गीली नंगी चुत के मुँह पर रख दिया और एक ही ज़ोर के धक्के के साथ अपना पूरा लंड चूत के अंदर डाल दिया.
मैडम बोली- उईईई उफ्फ कुत्ते साले… तेरा बहुत बड़ा है! थोड़ा मेरे ऊपर रहम कर! आह्ह्ह्ह!
मैं थोड़ा रुककर ऐसे ही अपने लंड को डाले कुछ देर रुका रहा, फिर मैंने मैडम के दोनों बूब्स को एक एक हाथ में पकड़ा और बूब्स को दबाते हुए बूब्स के बीच में अपनी जीभ से चाटने लगा.
मैडम आअहह उफ्फ्फ्फ़ अर्ररर और हाँ तेज़ तेज़ सिसकारियाँ लेती हुई बोली- छोटू, मुझे किस करो!
मैं मैडम के ऊपर लेट गया और उनके गुलाबी होंठों को धीरे धीरे मज़े लेते हुए चूसने लगा.
अब मैंने लंड को धीरे से थोड़ा बाहर किया और फिर एक ज़ोर का धक्का देकर पूरा अंदर डाल दिया जिसकी वजह से मैडम की चीखने की आवाज़ मेरे मुँह में दबकर रह गई.
मैं लगातार धक्के देकर अपनी मैडम की चुदाई करने लगा, पूरे हॉल में छप छप की आवाज़ आ रही थी. मेरी मैडम ‘ऊऊहह एसस्स ऊओह मरी छोटू और ज़ोर से करो और उफ्फ्फ्फ़ मज़ा आ गया…’ बोलती रही.
करीब 20 मिनट तक हमारी चुदाई चलती रही, फिर हम एक साथ झड़ गये और मैं मैडम के ऊपर ही कुछ देर ऐसे ही पड़ा रहा, मेरा लंड अभी भी मैडम की चूत में ही था और धीरे धीरे सुकड़ कर छोटा हो रहा था.
फिर मैं उठा तो मैडम मुझसे मुस्कुरा कर बोली- क्या हुआ, थक गया?
मैं बोला- अभी कहाँ… अभी तो पूरी रात बाकी है.
फिर हम उठकर बाथरूम में चले गये, मैडम ने पेशाब किया और मैं उन्हें देख रहा था, मैंने अब पेशाब करते हुए ही उनकी चूत में अपनी एक उंगली को डाल दिया, जिसकी वजह से मैडम उछल पड़ी और हम हम दोनों हँसने लगे.
मैडम ने मुझे अपनी छाती से चिपका लिया और फिर हमने पानी चालू किया, अब हम भीगते हुए एक दूसरे को चूमने, चाटने लगे.
मैंने मैडम को अब फर्श पर सीधा लेटा दिया और फिर उनकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा जिसकी वजह से पानी मेरे ऊपर से गिरकर मैडम की चूत पर टपक रहा था और मैडम ऊओह्ह्ह आअहह ह्म्म्म्म कर रही थी.
अब मैंने अपनी मैडम के दोनों पैरों को पूरा फैलाकर चोदा और कुछ देर बाद मैडम मेरे ऊपर बैठकर मुझे चोद रही थी.
उस रात हमने सिर्फ़ दो बार चुदाई की.
अगले दिन से कई बार रात में हम चुदाई करते!
एक दिन मेरे बॉस का फोन आया कि उन्हें वापस आने में अभी 10-12 दिन और लगेंगे.
मेरे बॉस वहाँ पर नहीं थे, तब हम पति पत्नी की तरह रहने लगे.
हमने बहुत बार चुदाई के मज़े लिए और जब मेरे बॉस वापस आए तो भी मेरी मैडम मेरे बॉस को फोन करती और उनसे कहती- छोटू को घर पर भेज दीजिए, उससे मुझे कुछ सामान मंगवाना है. और इस बहाने से हम करीब 20-25 मिनट तक बहुत मज़े से चुदाई कर लेते थे.