मुझे आशा है कि आपको ये रियल हस्बैंड वाइफ ककोल्ड पोर्न कहानी अच्छी लगेगी.
मेरी उम्र 38 साल है और मेरी वाइफ की उम्र 31 साल है. उसका नाम रिया है.
शादी से पहले मेरी दो गर्लफ्रेंड थीं.
पहली गर्लफ्रेंड 7 साल तक रही और दूसरी 12 साल तक … पर किसी से भी शादी नहीं हो पाई.
मैंने उन दोनों की चुदाई बहुत की.
उन दोनों के साथ मैं बहुत चुदाई कर चुका था.
दूसरी वाली गर्लफ्रेंड जाते जाते मेरी ऐसी गांड फाड़ कर गई कि मुझे बिल्कुल बर्बाद कर गई.
साली ने पैसे से भी बर्बाद किया, मन से भी और शारीरिक तौर पर भी वह मुझे बहुत तोड़ गई.
मैं उससे बहुत प्यार करता था पर वह बहुत बड़ा धोखा देकर गई.
हर स्टोरी में सिर्फ सेक्स होता है, पर आज मैं सबको सिर्फ एक ही बात कहूंगा कि आदमी की किस्मत और औरत का चरित्र कभी भी बदल सकता है. इसलिए चूत को कभी दिमाग में मत घुसने देना. ये सिर्फ लौड़े के लिए बनी है. इसलिए इसे बस लंड तक रखना.
एक बात और कहना चाहूंगा कि लड़कियों की हमेशा इज्जत जरूर करना.
हमेशा उसूल ये होना चाहिए कि लो उसी से, जो दे खुशी से.
आपको किस चीज़ से खुशी मिलती है. ये आप तय करेंगे, इसका हक सिर्फ आपको है.
सही और गलत की क्या परिभाषा, जो आपके मन को सही लगे … वही सही है.
लाइफ आपको एक बार मिली है, आपको जो करना है … इसी लाइफ में करना है.
फिर क्या सोचना.
मैं बहुत ही सेक्सी प्रवृत्ति का इंसान हूँ.
मेरी दोनों गर्लफ्रेंड्स से रिश्ता खत्म होने के बाद मेरे मम्मी पापा ने मुझसे शादी के लिए पूछा.
मैंने कह दिया- आप जो भी कहोगे मुझे मंजूर है.
क्योंकि खुद की ढूँढी हुई लड़कियों से गांड फट चुकी थी.
जब मन की करने के बाद आदमी की गांड फट जाती है तो अंत में मां बाप ही याद आते हैं.
खैर … मेरे लिए लड़की ढूंढने का काम शुरू हुआ.
भगवान जोड़ी भी सोच कर बनाता है.
आखिर मेरे लिए भी लड़की मिल गई.
देहरादून से कुछ दूर ही मेरा रिश्ता हुआ.
लड़की मुझसे सात साल छोटी थी.
सुंदर थी, हल्की सी सांवली थी. लंबाई 5 फुट 2 इंच थी पर बॉडी बहुत मस्त थी.
उसका फिगर 36-32-38 का था, बूब्स उठे हुए थे और गांड भी गोल मटोल एकदम मस्त.
सोलह दिसम्बर सन 2015 में हमारी शादी हुई.
सुहागरात पर हमने खूब चुदाई की.
वह शादी से पहले दो चार बार चुदी हुई थी पर चूत टाइट थी.
मैंने उसकी चुदी हुई चूत को लेकर कोई शिकवा नहीं किया बल्कि उसे प्यार से चोदा और खुद की चुदाई की बातें भी उसे बता दीं.
मेरी इन बातों से उस पर यह असर हुआ कि वह मुझसे बेइंतिहा प्यार करने लगी.
शादी के दो तीन साल तो सेक्स में खूब मजा किया,
फिर उसके साथ चुदाई में मुझे कोई खास मज़ा नहीं आता था.
मैं लगातार अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ता रहता था.
वहीं मैंने वाइफ के साथ थ्री-सम की स्टोरी पढ़ी.
मेरे दिमाग में रिया को चुदते देखने का मन करने लगा.
मैंने रिया की किसी गैर मर्द से चुदाई के लिए प्लान बनाने शुरू कर दिए.
रिया की चुदाई करते समय मैंने उसकी चूत में दो उंगली डाल दीं और उसकी गांड में लौड़ा पेलना शुरू कर दिया.
वह लंड खा गई.
कसी हुई गांड चोदने में मुझे भी मजा आया.
उसने भी मुझसे अपनी कुंवारी गांड चुदवा ली.
वह शायद खुद से मुझे अपना सीलपैक छेद देना चाहती थी.
फिर एक दिन मैंने उससे बोल दिया- रिया यार, अब चुदाई में इतना मज़ा नहीं आ रहा है ना!
रिया- आप ऐसे क्यों बोल रहे हो … कुछ कमी है क्या मुझमें?
मैंने कहा- नहीं यार, वह बात नहीं है. बस कुछ नयापन नहीं है.
वह बोली- तो फिर क्या करना है?
मैंने कहा- कहीं घूमने चलते हैं और वहीं कुछ अलग मज़े करेंगे.
उसने कहा- ठीक है.
ऐसे ही कुछ दिन निकल गए.
फिर दिसम्बर में मैंने मनाली जाने का प्रोग्राम बनाया और 12 दिसंबर को हम दोनों मनाली के लिए निकल गए.
मनाली पहुंच कर हमने पूरा दिन आराम किया.
शाम के समय हम घूमने के लिए निकल गए.
मनाली के बाज़ार में घूम रहे थे पर मेरे दिमाग में बस वही रिया की चुदाई करवाने का ख्याल चल रहा था.
तभी एक लड़का हमारे पास आया.
वह शिमला का रहने वाला था.
उसका नाम रवि था और मनाली में रोहतांग पास के लिए गाड़ी चलाता था.
वह 5 फुट 7 इंच का गोरा और एकदम फिट लड़का था.
उसने हमसे कहा- सर आप रोहतांग पास घूमने चलेंगे क्या?
उससे हमारी बात होनी शुरू हुई.
मैंने उससे पैसे के लिए पूछा.
वह मेरी वाइफ की ओर देख कर बोला- 7000 रुपये दे देना.
कुछ देर बात करने के बाद वह पांच हजार रूपयों में मान गया.
अगले दिन सुबह के टाइम वह गाड़ी लेकर हमारे होटल आ गया.
उसके पास आल्टो थी.
फिर हम तीनों गाड़ी में बैठ कर चल दिए.
कुछ ही दूर जाने के बाद हम आपस में बात करने लगे.
रवि भी अब हमसे बातें कर रहा था कि हम कहां के रहने वाले हैं.
मेरी वाइफ भी उससे पूछ रही थी कि यहां घूमने के लिए और कौन सी जगह है!
रवि भी बात करता रहा.
वह शादीशुदा था.
उसकी एक लड़की थी.
वह अच्छा इंसान था.
हम काफी घुल-मिल गए थे.
मैंने गौर किया कि रवि मेरी वाइफ रिया में काफी इंटरेस्ट ले रहा था और रिया भी उससे अच्छे से बात कर रही थी.
मैं समझ गया था कि मेरी इच्छा यहां पूरी हो सकती है.
इसलिए मैं बार बार रास्ते में पड़ने वाली सामान की दुकानों पर रुक कर सामान देखने लगता था ताकि उन दोनों को बात करने का मौका मिले.
औरत हो या आदमी … अगर मौका मिले तो सब मज़ा लेने की सोचते हैं.
शायद रिया के मन में भी यही बात आई.
मैं भी यही चाहता था कि जो भी हो, खुल कर हो. क्योंकि चोरी करके रिश्ते में फूट पड़ सकती है. इसलिए मैंने दोनों को छूट दी ताकि इस काम में खुल कर मजा आए.
आखिर हम सब रोहतांग पहुंच गए.
उधर बहुत बर्फ थी.
हमने रास्ते से कपड़े ले लिए थे जो वहां किराए पर मिलते हैं.
मैं कुछ दूर बर्फ में चला तो मुझे ठण्ड लगने लगी.
मैं वहीं कॉफी पीने के लिए रुक.
उधर कॉफी के लिए गाड़ी खड़ी थी, मैं वहां चला गया.
मैंने रिया से कहा- तुम दोनों बर्फ में घूम लो.
रवि ने रिया से कहा- भाभी जी, ऊपर की तरफ काफी अच्छी बर्फ है. आप वहां चलिए.
रिया मेरी ओर देखने लगी.
मैं रिया के पास गया और उसके कान में बोल दिया- देखो रिया, हम यहां मज़ा लेने आए हैं. तुम इसके साथ दिल खोल कर मज़े लो, यहां कोई नहीं है जो हमें जानता हो.
यह बात सुन कर रिया की आंखों में चमक सी आ गई और वह रवि के साथ ऊपर बर्फ के पहाड़ों पर चढ़ने लगी.
अब वह मेरी तरफ से हरी झंडी पाने के बाद फ्री माइंड हो गई थी और रवि से खुल कर बातें करती हुई ऊपर चढ़ रही थी.
पूरे एक घंटे तक दोनों बर्फ मस्ती करते रहे और बातें करते हुए नीचे आ गए.
रिया ने रवि से बहुत सारी पिक क्लिक करवाई थीं और अब रिया ठण्ड से ठिठुर रही थी.
बर्फ के पानी से उसके कपड़े भीग चुके थे.
हम सब वापस गाड़ी में आकर बैठ गए.
रवि ने कार में हीटर चला दिया.
कुछ देर में गाड़ी गर्म हो गई तो रिया ने वे गर्म कपड़े उतार दिए जो वहां से लिए थे.
अब वह टी-शर्ट और जींस में थी और आगे रवि के पास फ्रंट सीट पर बैठी थी.
रवि गाड़ी चला रहा था.
फिर वह दुकान आ गई, जहां से हमने कपड़े लिए थे.
रवि ने मुझसे कहा- आप कपड़े वापस कर दीजिये.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं कपड़े वापस करने के लिए उतरा और जब वापस आया तो देखा रवि और रिया कुछ बात कर रहे थे.
रवि ने रिया के बालों में हाथ डाला और कुछ बोला.
तभी मैं गाड़ी के पास चला गया.
उन्होंने मुझे देखा और अलग हो गए.
मैं जाकर गाड़ी की पिछली सीट पर बैठ गया.
आगे रवि और रिया बैठे थे.
मैंने अपना मोबाइल निकाला और उसे चलाने लगा.
रवि ने शीशे से मुझे देखा कि मैं मोबाइल चला रहा हूँ तो उसने फिर से अपना हाथ रिया की जांघ पर रख दिया और हल्के से दबा दिया.
रिया ने उसकी ओर देखा.
उसकी आंखों में एक नशा सा दिख रहा था.
रिया ने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया.
रवि ने पीछे देखने वाले शीशे से मेरी तरफ देखा.
मैं मोबाइल में देखने का ड्रामा कर रहा था.
रवि ऐसे ही आराम आराम से रिया की जांघों को सहलाता रहा.
रिया ने अपनी आंखें बंद कर लीं और उसका हाथ हटा दिया.
शायद वह गर्म होकर पिघल गई थी.
रवि गाड़ी चलाता रहा.
फिर बीच में रिया ने कहा- मुझे भूख लगी है.
रवि ने गाड़ी मैग्गी पॉइंट पर ले ली.
मैं उतर गया.
मेरे बाहर निकलते ही रिया ने रवि से कुछ कहा और दोनों उतर कर खाने के लिए आ गए.
रिया ने आकर मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे पास बैठ गई.
कुछ देर हम दोनों ने खाना पीना किया और हम सब फिर से गाड़ी में बैठ गए.
रिया फिर से आगे बैठ गई.
अब हम लोग काफी थक चुके थे और शाम के 5 भी बज चुके थे.
मैंने रवि से कहा- सीधा होटल चलो, अब थोड़ा आराम करेंगे.
थोड़ी देर बाद हम सब होटल पहुंच गए.
मैंने रिया से कहा- अभी थोड़ा आराम कर लेते हैं. रात को पार्टी करेंगे.
रिया बोली- यहां तो हमें कहीं का कुछ भी नहीं पता. आप अपने लिए बियर और बाकी का सामान कैसे लेने जाओगे?
मैंने कह दिया- मेरे पास रवि का नंबर है. उसी को कॉल कर लूंगा.
रिया ने कहा- ठीक है, वह भी आपको कंपनी दे देगा.
मैंने कहा- हां और तुम्हें भी!
रिया ने मेरी ओर देखा और बोली- अच्छा जी … वह कैसे?
मैंने कहा- यार, हम इतनी दूर आए हैं. ये पल यादगार होने चाहिए. अगर तुम मान जाओ … तो हम तीनों खूब मस्ती कर सकते हैं.
रिया मेरी बात समझ गई और बोली- पर यार, क्या आपको ये सब अच्छा लगेगा?
मैंने कहा- मैं मिलकर मस्ती करने की बात कर रहा हूँ. मेरा बहुत मन है कि सब एक साथ बिस्तर वाला खेल खेलें.
रिया मुस्कुरा कर बोली- अगर आपकी इसमें खुशी है तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है.
यह कह कर रिया ने मेरे होंठों पर किस किया और मैंने उसके कान में कह दिया- आज तुम्हें दो लंड का मजा मिलेगा.
वह शर्मा कर मुझसे अलग हुई और वाशरूम चली गई.
बाद में मैं रिया को अपनी बांहों में लेकर सो गया और एक घंटे बाद उठा.
तब 7:30 बजे थे.
रिया मेरे बाजू में नहीं थी.
मैंने रवि को कॉल की.
उसने फ़ोन उठाया.
मैंने कहा- कहां हो रवि?
उसने कहा- यहीं दो किलोमीटर की दूरी पर हूँ.
मैंने कहा- यार थोड़ा काम कर दोगे क्या?
रवि बोला- हां बताइए क्या करना है?
मैंने कहा- थोड़ा सा सामान लेकर आना था. तुम होटल आ जाओ, फिर मुझे दिला लाओ.
उसने बोला- भैया, आप क्यों परेशान होते हो. मुझे व्हाट्सएप पर बता दो, जो सामान लाना है … वह सब मैं ला दूंगा.
मैंने कहा- ठीक है.
तब मैंने उसको सामान के लिए रेडवाइन, सिगरेट और कुछ सामान की लिस्ट सैंड कर दी.
साथ में लिख दिया कि आज रात तुम खाना हमारे साथ खाना इसलिए अपनी मर्जी से जो भी और सामान लान चाहो, ले आना.
कुछ देर बाद रिया के मोबाइल की लाइट जली.
वह अपना मोबाईल छोड़ कर गई थी.
मैंने देखा तो रवि का व्हाट्सएप मैसेज था.
उसमें लिखा था ‘आपके लिए क्या लाना है.’
ऊपर कुछ मैसेज डिलीट किए हुए थे.
मैंने रिया के मोबाइल से उसे सैंड कर दिया ‘अपनी पसंद से ले आना अच्छा सा कुछ …’
उसने रिप्लाई किया- आपको कौन से फ्लेवर पसंद है.
मैंने लिख दिया कि मुझे चॉकलेट पसंद है.
उसने लिखा- हमारा भी कुछ हो सकता है क्या?
मैंने सैंड किया- सब कुछ हो सकता है.
उसने लिखा- आपके हस्बैंड भी तो हैं.
मैंने लिखा- उन्हें सब पता है. वे भी मस्ती करना चाहते हैं.
उसने लिखा- ठीक है. मैं पूरी तैयारी करके आता हूं.
मैंने सारे मैसेज डिलीट कर दिए.
कुछ देर बाद रिया कमरे में अन्दर आई.
मैंने उससे पूछा- रवि ने तुमसे नंबर लिया था क्या?
उसने कहा- हां जब हम पहाड़ पर थे, तब लिया था.
मैंने कहा- ठीक है.
फिर मैंने सोचा कि थोड़ा सेक्सी माहौल बना कर रिया के दिल की बात ली जाए.
रिया एक टॉप ओर लांग स्कर्ट पहन कर शीशे के सामने खड़ी थी.
मैं उसके पीछे गया.
मैंने कहा- क्या बात है डार्लिंग … रात के लिए तैयारी कर रही हो क्या?
ये कह कर मैं पीछे से उसकी गर्दन पर किस करने लगा और आराम आराम से उसके कान की लौ को चूसने लगा.
वह गर्म होने लगी.
मैंने रिया से कहा- जान, आज जी भर कर मस्ती करना.
रिया कहा- हम्म!
मैंने कहा- बताओ ना कैसे करना है?
उसने कहा- जैसे आपको पसंद हो.
मैंने कहा- तुम बताओ ना!
रिया ने कहा- आज मुझे मसल देना आप.
मैंने कहा- सिर्फ मैं … या हम दोनों?
रिया शर्मा गई और मेरे सीने से लग गई.
मैंने कहा- तुम तैयार हो ना दो लंड लेने के लिए!
रिया हां कह कर मेरे होंठ चूसने लगी.
वह दो लंड का सुनकर बहुत गर्म हो गई थी.
मैंने अपना लोअर नीचे किया और लंड रिया के हाथ में दे दिया.
वह लंड को मसलने लगी.
कुछ देर ऐसे ही मस्ती करने के बाद मैं वाशरूम चला गया और आराम से नहाने लगा.
मैं वाशरूम के अन्दर अपने लौड़े को सहलाते हुए अपनी बीवी की सुन्दर चूचियों को याद करके आने वाले पलों की याद करने लगा.