रजनी भाभी की जल्दी जल्दी चुदाई-Sex stories

हाय दोस्तो एवम दूसरों की खूबसूरत बीवियों!Sex stories

मैं संजू जगदलपुर, बस्तर, छत्तीसगढ का Sex stories रहने वाला हूं। मैं कुछ माह से या कहें कि साल भर से शहर में नहीं हूं, इसलिये मैं अपने साथ बीते कुछ हसीन पल आप लोगों के समक्ष नहीं रख पा रहा था। मगर इस बीच मैंने दूसरे शहर में खूब मज़ा लिया। हर दूसरे तीसरे दिन कोई ना कोई नया माल मिल जाता था, जिसकी मैं जम कर चुदाई करता था।

मगर मेरे शहर में जो भाभी मेरे लन्ड का सपना देख रही थी, उससे मैं वाकिफ़ नहीं था। आज से १७ दिन पूर्व में ९ माह १० दिन तथा १२ घण्टे पूरे कर जब मैं जगदलपुर अपने घर पहुंचा तो मेरे पड़ोस में रहने वाली रजनी भाभी मुझे देख कर मुस्कुराने लगी। मैं भी उनकी खुशी के लिये थोड़ा मुस्कुराया।

अगले दिन सुबह जब घर के बाहर ब्रश कर रहा था तो वो मुझे देख देख कर मुस्कुराने लगी। मैं रजनी भाभी को कभी उस नज़र से नहीं देखता था। मगर मैं एक नम्बर का चोदरा तो जरूर हूं। न जाने ९ महीने बाद भाभी ने मुझ में ऐसा क्या देख लिया। लम्बी छुटटी के बाद मैं सुबह १० बजे आफ़िस के लिए निकला। महज १६० मीटर की दूरी पर रजनी भाभी का घर है। उन्होने मुझे रोका और कहा कि अब तक कहां थे? मैंने बताया कि भाभी मैं टरेनिंग पर था। भाभी ने कहा- ठीक है। लम्बा समय बाहर बिता कर आ रहे हो, किसी दिन खाने पर आओ। मैंने हामी भर दी मगर ये नहीं कहा कि कब। एक सप्ताह बीत गया, रोज जब मैं सुबह ब्रश करता, वो मुझे खिड़की से देख देख कर मुस्कुराती। चूंकि मेरी आदत है कि ब्रश मैं घर के बाहर ही करता हूं। मेरे जहन में यह सवाल उठता था कि वो क्यों मुस्कुराती है जबकि मैं उसे उस नज़र से नहीं देखता।

रविवार का दिन था। मैं तैयार हो कर आफ़िस के लिए निकला। रजनी भाभी मुझे देख कर अपने घर के मेन गेट के सामने खड़ी हो गई और मुझे आवाज़ देकर बुला कर खाने पर आने को कहा। मैने जवाब दिया कि भाभी मैं कुछ काम पूरा कर के आता हूं।

लगभग ११:३० बजे होंगे जब मैं भाभी के घर पहुंचा। भाभी गेट पर ही खड़ी थी और उन्होने मुझे अन्दर चलने को कहा। मैने चलते चलते भाभी से पूछा कि घर में कौन कौन है, तो भाभी भावुक होकर बोली कि घर में कोई नहीं है हम दोनो को छोड़ कर।

फ़िर भाभी ने अपना फ़िगर दिखाना शुरू किया तो मैं उत्तेजित हो गया और बिना दरवाजा बंद किए भाभी के बूब्स मसलने लगा। काफ़ी बड़े बड़े बूब्स हैं उनके। उसके बाद से तो मैं उन पर टूट पड़ा। जिस महिला को कभी उस नज़र से नहीं देखा था, वो इतनी सेक्सी होगी, मुझे मालूम नहीं था। कुछ देर बाद हम शांत हुए और दरवाजा बंद करके उनके बेडरूम में चले गये। वहां भाभी ने बताया कि उनके पति दो हफ़्ते के लिए बाहर गए हैं और मेरा लन्ड लेने की उनकी इच्छा कब से है।

खैर उस दिन भाभी के बेडरूम में जाने के बाद खाना खाने की भूख तो नहीं लगी, जिस्म की ही भूख ज्यादा थी तब।

भाभी अपने आप पूरी तरह नंगी हो गई, मैं कपड़े पहने था। मैं कुछ जल्दी में था तो फ़टाफ़ट अपने कपरे उतार कर भाभी की जम कर चुदाई की और निकल गया वहां से। उसके बाद मेरा रास्ता हमेशा के लिए खुल गया और अकसर हम मज़ा करते हैं कभी दिन तो कभी रात को। आगे की कहानी फ़िर कभी। Sex stories

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