मदर इन लॉ Xxx फक स्टोरी में पढ़ें कि कैसे सासू माँ हमारे घर आई तो उनकी बेटी को चोद रहा था. उन्होंने देख लिया. तभी लॉक डाउन लग गया. उन दिनों में मेरी सास मुझसे चुद गयी.
‘उन्ह आन्ह मर गई …’ मेरी बीवी मोना घोड़ी बनी चिल्ला रही थी, मैं पीछे से उसकी चूत में लंड पेले हुए उसे ताबड़तोड़ चोद रहा था.
मैंने उसकी आंखों पर काली पट्टी बांध रखी थी.
तभी मैंने देखा, कमरे के दरवाजे पर मेरी सास श्वेता खड़ी थीं.
मैं और मोना घर पर अकेले थे, बाहर मेनडोर लॉक किया था इसलिए बेडरूम का दरवाजा खुला था.
लेकिन सासु मां के पास हमारे फ्लैट की एक चाबी थी, शायद उसी से वो अन्दर आ गई थीं.
मैं सासू माँ को देख कर रूका … पर वो मुझे ‘कैरी ऑन’ का इशारा करके चली गईं.
तब मैं जल्दी से खलास हुआ.
सासू माँ बाहर निकल गईं. उन्होंने बाहर जाकर फिर से डोरबेल बजाई.
मैं मोना को नंगी छोड़कर, बेडरूम का दरवाजा बंद करके बाहर आ गया.
सासू माँ दरवाजे पर थीं.
उनके चेहरे पर मुस्कान थी.
मैं अपनी पत्नी को आवाज देते हुए बोला- मोना, मम्मी जी आई हैं.
मोना की आवाज आई- ठीक है, मैं आती हूँ.
वो गाउन पहन कर बाहर आ गई.
माँ बेटी गले मिलीं.
उस वक्त दोपहर के 4 बजे थे.
मोना बोली- मम्मी, कॉफी बना रही हूँ.
सासू माँ ने हामी भरी- ठीक है.
घर पर दूध नहीं था, मैं नीचे जाकर लाने को हुआ तो मोना बोली- मैं खुद जा रही हूँ. मुझे नीचे दुकान वाली आंटी से कुछ पुराना हिसाब करना है.
यह कह कर मोना नीचे चली गई.
मैं और सासू माँ घर पर अकेले रह गए थे. मैं उनसे नज़रें नहीं मिला पा रहा था.
वे बोलीं- सॉरी … मुझे ऐसे अचानक नहीं आना चाहिए था.
मैं बोला- कोई बात नहीं मम्मी जी, आपका ही तो घर है.
वे मंद मंद मुस्कुराती हुई बोलीं- शर्माओ मत ज़्यादा, मैं मोना से कुछ नहीं कहूंगी.
हम दोनों शांत बैठे रहे.
मोना कॉफी बना लाई.
सासू माँ, मेरे हाल में स्वर्गवासी हुए ससुर जी की कुछ प्रोपर्टी और बैंक के काम से यहां आई थीं.
कल मुझे उन्हें ले जाना था.
उस रात मैंने और मोना ने सेक्स नहीं किया.
अगले रोज देश भर में लॉक डाउन लग गया; कोई कहीं नहीं जा सकता था.
हमारी अपार्टमेंट भी कोरोना के कारण सील कर दी गई.
सासू माँ अब यहीं फंस गई थीं.
शुरू के 4-5 दिन तो जैसे तैसे कटे, फिर ऊब शुरू हो गई.
हम टीवी देखते रहते, मोबाइल देखते रहते. मैं घर में पूरे कपड़े पहने रहता, सासू माँ साड़ी.
मोना ज़रूर हल्के कपड़े पहने रहती.
मेरे फ्लैट में दो ही कमरे थे.
एक में मैं और मोना रहते, दूसरे में सासू माँ.
एक हॉल था, जहां टीवी लगी थी.
मोना को चोदे हुए सात दिन हो गए थे, अब मेरा लंड तन्ना रहा था.
सासू माँ जब बाथरूम में थीं, तब मैंने मोना को धर दबोचा.
वो छटपटा उठी- मम्मी हैं अभी!
मैं मुँह बना कर वापस आ गया. मैं फिर मोना से बोला ही नहीं.
पहले बॉलकनी में बैठा रहा मैं … फिर अन्दर कमरे में आ गया.
मेरा फ्लैट टॉप फ्लोर पर था तो छत पर घूम आया जबकि ऊपर जाने की मनाही थी.
मोना समझ रही थी कि मैं नाराज़ था, वो भी क्या करती.
एक दिन मुझसे रहा नहीं गया.
सुबह के दस बजे थे, रामायण खत्म हुई.
मैंने सासू माँ के सामने ही मोना को गोद में उठाया, बेडरूम में जाकर दरवाजा बंद किया.
मोना चिल्लाती रह गई- ये क्या बदतमीजी है?
मैंने उसकी गाउन ऊपर चढ़ा कर उसकी चूत में लंड पहुंचा दिया.
दो मिनट में वो भी मेरा साथ देने लगी.
प्यासी वो भी थी 7 दिनों से … साली खुल कर चिल्लाई, सिसकारियां ले लेकर खूब चुदी वो!
सासू माँ शर्तिया बाहर से सुन रही थीं.
बाथरूम होकर मैं केवल अंडरवियर पहने बाहर गया.
सासू माँ कुछ बेचैन सी बैठी टीवी देख रही थीं.
मैं अधिकार से बोला- आप खाना बना लेना और हमें भी पहुंचा देना. आज दिन भर आपकी बेटी के साथ यही होगा.
मोना मेरे पीछे आकर बोली- ये क्या बदतमीजी है सुंदर, मेरी मम्मी से ऐसी बात कर रहे हो?
मैं पलटा और मोना को फिर बेडरूम में ले गया, उसकी गाउन उतार दी और ब्रा भी.
उसे बेड के सिरहाने टिका कर घोड़ी बनाया और फिर से चोदने लगा.
मैं बोला- भोसड़ी की, आज दिन भर चुदेगी तू … तो खाना कब बनाएगी?
मोना को फिर मज़ा आने लगा था.
अबकी बार मैंने कमरे का दरवाजा भी नहीं बंद किया था, मैं पूरे दम से चोद रहा था.
अबकी बार 20 मिनट मैंने मोना को चोदा.
वो निढाल पड़ी थी.
मैं बाहर निकला.
सासू माँ खाना बना रही थीं.
मेरे बदन पर केवल अंडरवियर था.
अन्दर मोना नंगी पड़ी थी.
मैं टीवी देखने लगा.
थोड़ी देर में गाउन पहन कर मोना भी बाहर आई.
सासू माँ साड़ी में ही थीं.
जब वे खाना लाईं, तब मैं बोला- आई एम सॉरी सासू माँ. मैं खुद पर काबू नहीं रख पाया.
वे मुस्कुरा कर बोलीं- कोई बात नहीं. मैं टिपिकल कंजरवेटिव सासू माँ नहीं हूँ. कॉन्वेंट में इंग्लिश टीचर हूँ, फ्रांस, इटली और डेनमार्क रही हूँ. बगैर सेक्स के इतने दिन कैसे रहोगे, अभी तो ये लॉक डाउन कम से कम दो महीने रहेगा.
मैंने आज गौर से सासू माँ को देखा.
सामान्य से लम्बा कद, थोड़ा मांसल शरीर, सुंदर चेहरा, हमेशा मुस्कुराती रहती थीं.
स्टाइलिश साड़ी पहनती थीं. फिगर श्वेता तिवारी से कम नहीं था और उनका नाम भी श्वेता तिवारी ही था.
मेरी सासु मां श्वेता तिवारी 43 साल की लखनऊ के टॉप कॉन्वेंट स्कूल में इंग्लिश टीचर थीं.
उनके पति का खेती के अलावा सरकारी टीचर थे, स्वर्गलोक सिधार गए थे.
बड़ी बेटी टीना 22 साल की विशेष नाम के एक बिजनेसमैन से शादीशुदा थी.
छोटी बेटी मोना मेरी बीवी थी. वो 20 साल की है.
श्वेता अपनी दोनों बेटियों से ज़्यादा सुंदर और सेक्सी दिखती थीं.
मैंने पूछा- आप फ्रांस कब गई थीं?
“हनीमून पर तुम्हारे पापा ले गए थे. शादी के पहले फैशन कॉम्पटीशन में पार्टिसिपेट किया था. मैं मिस इंडिया में तीसरे नम्बर पर थी, मॉडल थी.”
मैं बोला- तभी आप इतनी स्टाइलिश हो, कमाल की दिखती भी हो.
श्वेता बोलीं- मैं पहले ही दिन से कहना चाह रही थी कि तुम लोग खुल कर रहो. मेरा लिहाज मत करो. तीन महीने कम से कम हम फ्लैट से नहीं निकल पाएंगे. सो हमें खुलना ही पड़ेगा.
एक पल रुक कर उन्होंने मुझे देखा और आगे कहा- मनोरंजन के नाम पर टीवी मोबाइल लूडो … और करने के नाम पर खाना पीना सेक्स ही तो बचे. अगर तुम दोनों की इजाज़त हो तो मैं भी साड़ी पहनना छोड़ दूँ! मैं घर पर कभी साड़ी नहीं पहनती, मोना को पता है.
मोना बोली- इट्स ओके मॉम.
मैं भी बोला- हां मुझे क्या दिक्कत है!
श्वेता बोलीं- ठीक है.
वो अन्दर गईं फिर जब थोड़ी देर बाद वो बाहर आईं तो मेरी आंखें फ़टी की फटी रह गईं.
सासु मां के शरीर पर एक हद से ज़्यादा छोटी जिम शॉर्ट्स और स्पोर्ट्स ब्रा थी.
वो मुश्किल से उनके चूतड़ ढाँप रही थी. ऊपर ब्रा से उनके दूध छलक रहे थे
मेरे गले में कुछ फंस सा गया; मैं बोल नहीं पा रहा था.
वे आकर हम दोनों के सामने खड़ी हुईं- अब रिलैक्स लग रहा है. मैं साड़ी पहने पहने परेशान थी.
काले रंग के प्यूमा के इस लेडीज़ एथलेटिक्स ड्रेस में वो कमाल लग रही थीं.
लम्बी चिकनी टांगें, पतली कमर, भारी चूचे, बड़े बड़े हिप्स.
वो बोलीं- उफ्फ … अब आराम मिला. मैं साड़ी पहने पहने मरी जा रही थी.
मोना बोली- मम्मी घर पर इसी ड्रेस में रहती हैं… किसी के आने पर ऊपर गाउन डाल लेती हैं, बस!
सासू माँ मुस्कुराती हुई बोलीं- क्या हुआ … शॉक हुए सुंदर?
मैं कुछ न बोला.
उस दिन एक बार शाम को मोना को फिर से चोदा और उस वक्त मैंने अपनी सासू मां की चूचियों को याद करके उसे चोदा.
अचानक से एक दिन हमारे घर पर कोरोना टीम आई.
पूरे अपार्टमेंट में केस बढ़े थे इसलिए हमारी चैकिंग हुई और मोना को कोरोना पॉजिटिव बता दिया गया.
हमारे अपार्टमेंट के नीचे एक अस्थायी कोरोना हॉस्पिटल चालू किया गया था.
मोना को उसमें जाना पड़ा.
अब घर पर केवल मैं और सासू माँ थे.
दोपहर में मोना नीचे शिफ्ट हुई, शाम को मैं परेशान बैठा था.
सासू माँ कॉफ़ी लाईं- परेशान मत हो, डॉक्टर बोला है हल्के लक्षण हैं… बस 14 दिन रखेंगे.
वो अभी साड़ी में थीं.
हम लोगों ने 8 बजे डिनर किया.
फिर मैं टीवी देखने लगा.
सासू माँ अब केवल शॉर्ट्स ब्रा में थीं. उन्होंने मुझसे रिमोट लेकर नेटफ्लिक्स लगाया और उस पर एक वेब सीरीज़ लगा दी.
दस मिनट बाद ही उसमें चुदाई का सीन आने लगा.
माहौल में तनाव बढ़ रहा था.
मैं उठ कर अपने कमरे में चला गया और लेट गया.
मोना की वजह से मेरा मूड खराब था.
पता नहीं कब सो गया.
गर्मी थी, मैं अधजगा था.
आज सुबह मेरा लंड अचानक टन्ना गया था.
मैं फ्रेंचकट ब्रीफ पहने था.
मैंने आंखें खोलीं, सासू माँ मेरे लंड पर झुकी लंड को बहुत गौर से देख रही थीं.
उन्होंने मेरी चाय लाकर बेड के पास की रैक पर रखी थी.
वो बेड के नीचे बैठी लंड को घूर रही थीं.
उनका चेहरा मेरे खड़े लंड से थोड़ी ही दूर था.
मेरे दिमाग में शैतान आ गया था. मैंने एक हाथ उनके सर पर ले जाकर उनका सर अपने लंड पर झुका दिया.
उनके मुँह से ब्रीफ के ऊपर से लंड टच हुआ, तो वो हड़बड़ा उठीं.
मैं उनके बाल पकड़े पकड़े बोला- रिलैक्स सासू माँ, रिलैक्स.
वो मेरी तरफ देख नहीं रही थीं.
मैंने लेटे लेटे अपनी ब्रीफ के एक कोने से लंड बाहर निकाल दिया और ज़बरदस्ती सासू माँ का मुँह अपने लंड पर झुकाया.
मैं बोला- ले लो सासू माँ … अब शर्माओ मत!
वो मेरा हाथ अपने सर से हटाकर वहां से बाहर चली गईं.
उनकी बदन पर शॉर्ट्स ब्रा ही थी बस!
मैंने बस एक पल सोचा और फिर उठा. ब्रीफ उतार कर एक हाथ से अपना लंड पकड़े मैं बाहर आया.
सासू माँ बाहर किचन में खड़ी चाय पीने जा रही थीं.
मैं अपना लंड लेकर उनके सामने पहुंचा.
सासू माँ कहते हुए मैंने उनके हाथ से चाय ली, एक सिप लगाया और उन्हें घूरा.
मैं दरवाजे पर रास्ता खड़ा था तो वो बाहर नहीं निकल सकती थीं.
वे घूम गई थीं.
‘सासू माँ.’ मैंने उनके चूतड़ थपथपा दिए- चाय मैं पी लूँगा. आज आपको आपका लॉलीपॉप चूसना है.
वे चुपचाप खड़ी थीं.
मैं बोला- देखिए, मैं औरतों की बहुत इज़्ज़त करता हूँ. कभी ज़बरदस्ती नहीं करता. मुझे आप पसन्द हैं अगर आपको भी मैं पसन्द हूँ तो बाहर आकर अपना लॉलीपॉप ले लीजिए. वरना आज मैं भी नीचे हॉस्पिटल में क्वारन्टीन हो जाऊंगा.
मैं वापस जाने को हुआ कि वो पलटीं.
उनके चेहरे पर स्माइल थी.
नज़रें झुका कर उन्होंने मुझे देखा, फिर मेरे आगे घुटनों के बल बैठ गईं और मेरा लंड पकड़ कर मेरी आंखों में झांका.
इतना सब किया मगर वो बोलीं कुछ नहीं.
मैंने प्यार से उनके सिर पर हाथ फेरा और दोनों हाथों से उनका सर पकड़ कर अपने लंड पर लगा दिया.
‘उम्म पुच्च..’ उन्होंने मेरा लंड चूमा और फिर मुँह में भर लिया.
आह… मैंने संतुष्टि से आंखें बंद कीं और वो मेरा लंड चूसने लगीं.
मैं दोनों हाथों से उनका चेहरा पकड़े लंड उनके मुँह में अन्दर बाहर कर रहा था.
कुछ मिनट में ही मेरा लावा उबला और उनके मुँह में मेरा वीर्य भर गया.
वो पी गईं, थोड़ा पौंछ लिया.
फिर वो उठ कर बाथरूम में गई और मुँह धोकर लौट आईं.
उन्होंने शिकायत की- मैं नहा चुकी और तुम फ्रेश भी नहीं हुए!
तो मैं बोला- अब जा रहा हूँ न!
मैं नहा कर लौटा.
मेरे बदन पर ब्रीफ और बनियान थी.
हमने नाश्ता किया, मोना से मिलकर आए.
अब 10 बजे थे.
आते ही सासू माँ ने साड़ी उतार दी.
अगले कुछ पलों में वो अपनी पसन्दीदा शॉर्ट्स ब्रा में थीं.
मैं भी ब्रीफ में आ गया था.
वो मुझे देख रही थीं.
मैंने उन्हें बांहों में भरा और चूमने लगा.
मैं चूमता हुआ बोला- उफ्फ सासू माँ यू आर टू हॉट … आई जस्ट लव यू!
वे भी मुझसे चिपटती हुई बोलीं- प्लीज लव मी सुंदर. लव मी प्लीज … और मुझे श्वेता कहो, सासू माँ नहीं.
वे फुसफुसा रही थीं.
‘ओह श्वेता माय डॉल.’ मैंने कहके उनकी ब्रा खोल दी.
उनके बड़े बड़े चूचे अब मेरे सामने एकदम नंगे थे.
मैंने उनके एक निप्पल को मुँह में भर के चूसना शुरू किया.
उनकी मादक आहें और कराहें घर को मादक बनाने लगीं.
मैं उनको गोद में उठाकर बेडरूम के अन्दर लाया और उन्हें बेड पर औंधा लिटा दिया.
मैंने पीछे से आकर उनकी शॉर्ट्स उतार दी.
अब वो मादरजात नंगी थीं.
मैंने उनके उठे हुए गोल गोल चूतड़ों पर किस किया और कहा- सासू माँ, आपके जितने अच्छे हिप्स आज तक नहीं देखे. मस्त फिगर आपका, पतली कमर चौड़े चूतड़.
सासू माँ कुछ ऐसा बोलीं- उम्ममह लव यू!
मैंने उन्हें पलट दिया.
उनकी चूत शेव्ड थी, लगता था कल ही चिकनी की थी.
मैंने उनकी चूत को प्यार से थपथपाया और उनकी चूत में एक उंगली घुसेड़ दी
‘आह…’ वो सिसकारियां भरने लगीं.
मैंने कुछ देर उंगली से उनकी चूत खोदी.
वे तड़पती रहीं, बोलीं- प्लीज अब करो ना!
मैंने अपनी ब्रीफ उतारी और उनकी टाँगों के बीच आ गया.
उनकी चूत गीली थी, मैंने लंड उनकी चूत पर टिकाया.
वे बोलीं- क्रीम लगा लो.
मैंने क्रीम ले ली, उनकी चूत में भरी, अपने लंड पर भी लगाई.
उनकी टाँगें ऊपर उठा कर चौड़ी कीं.
चूत पर लंड सैट किया और अन्दर धकेल दिया.
‘आन्ह…’ वो चिहुंकी.
थोड़ा सा लंड अन्दर घुस गया था.
उनकी चूत मुझे एकदम कसी लग रही थी.
मैं दांत पर दांत भींच कर लंड उनकी चूत में घुसेड़ता गया.
वो चीख ही पड़ीं. उनकी आंखों में आंसू थे.
‘बस बस.’
मैंने उन्हें पुचकारा, चूमा और उनकी चूची को चूमने लगा चूसने लगा.
उनकी चूत बहुत ज़्यादा कसी लग रही थी.
मैं बोला- आपकी चूत बहुत कसी है सासू माँ. मोना से भी ज़्यादा!
वे मुझे देखती हुई बोलीं- हां कुदरती है. लेकिन मुझे सासू माँ नहीं, श्वेता कहो.
‘ओके श्वेता. लेकिन तुमको श्वेता नहीं कहूंगा सासू माँ, आज से तुम्हें अपने दिए नाम से पुकारूँगा.’
मैंने उन्हें चूमा.
उन्होंने पूछा- क्या नाम दोगे?
‘छम्मक छल्लो … छमिया, मेरी छमिया.’
मैं उन्हें होंठों पर चूमते हुए बोला.
मैं उनकी चूची पकड़ कर लगातार उन्हें चोद रहा था.
‘आह ओह …’ वो भी सिसकारियां भर भर कर मुझे उकसा रही थीं.
कुछ देर बाद मैंने उन्हें ऊपर किया, उनके गोल चूतड़ हाथों में पकड़े और उन्हें अपने लंड से उछालने लगा.
वो रूक रूक कर मेरे मुँह में अपने निप्पल भर दे रही थीं.
‘आह मेरी छमिया, तेरी चूत बहुत प्यारी है रे … उछल कुतिया, लंड पर उछल मेरे!’ मैं अंडबंड बक रहा था.
‘ले ले मादरचोद, चोद ले अपनी छमिया.’ वो गाली देती हुई मेरे लंड पे उछल रही थीं.
थोड़ी देर में वो थक गईं.
मैंने उन्हें नीचे किया.
कुछ ही देर में वीर्य का फव्वारा मैंने उनकी चूत में उड़ेल दिया.
वे संतुष्ट थीं.
मैं थक कर सो गया था.
दो बजे उठा, हमने खाना खाया.
शाम को हम दोनों फिर से मोना मिले.
डिनर के बाद मैं छत पर टहलने गया.
लौटा तो देखा सासू माँ मेरे बेड पर बिना कपड़ों के घोड़ी बनी हुई थीं,
वे अपने चूतड़ हिलाते बोलीं- कम ऑन बच्चे, आई एम वेटिंग!
मैंने उनके गोल गोरे चूतड़ सहलाये, चूमे फिर उनके पीछे आकर उनकी चूत में लंड घुसेड़ा.
वे Xxx फक में सिसकारी लेती हुई बोलीं- आह पागल … बहुत सीधा है रे तू!
मैं बोला- क्या हुआ?
उन्होंने पलट कर मुझे चूमा- मैं समझती थी, तू मेरी गांड मारेगा.
वे बोलीं और मुझे इनविटेशन दे रही थीं.
‘तो अभी क्या हुआ? ये बोलकर मैंने चूत से लंड निकाला, उनकी गांड में क्रीम लगाई और अपना लंड गांड में घुसेड़ दिया.
‘आह …’
वो केवल हल्के से चीखीं.
मेरा लंड उनके गांड में आसानी से घुस गया था.
मैं बोला- सासू माँ, आपकी गांड में बहुत ईजिली घुस गया!
‘हां, बेटा.’ वो हंसी.
ऐसे ही इन हिप्स की ये शेप नहीं आई है. मेरे सारे लवर्स अपना सारा प्यार मेरी गांड में ही घुसेड़ते थे. मुझे भी आदत हो गई.
सासू माँ बोलीं- तुम्हारे पापा भी इसी के शौकीन थे. अब तुम भी मज़े लो.
मैं आराम से हल्के हल्के धक्के दे रहा था.
वे बोलीं- अभी कच्चे खिलाड़ी हो बेटे, तुम्हें बहुत कुछ सिखाना पड़ेगा. गांड मारी जाती है. चोदी नहीं जाती.
फिर वो पलट कर मेरी आंखों में देखकर फुसफुसाती हुई बोलीं- एक बात और सुनो. बिस्तर पर औरत पर रहम खाने वाले लोग मुझे पसन्द नहीं आते. यही वो जगह होती है, जहां मर्द औरत को उसकी जगह दिखाता है. एंड आई लव डर्टी टाक.
‘अच्छा मेरी रानी …’ कह कर मैंने उन्हें नीचे किया और उनको कायदे से घोड़ी बनाया, मुँह नीचे चूतड़ ऊपर करके और दोनों चूतड़ पकड़ कर दे दनादन उनकी गांड में लंड पेलने लगा.
साथ ही मैं रह रह कर उनके चूतड़ों पर चपत मारता, उनके बाल पकड़े खींचता.
मैं बोल रहा था- देख भोसड़ी की, देख … गांड मरवा रही है अपने दामाद से तू कुतिया. तेरी माँ की चूत, साली रंडी, मादरचोदी, तेरी बेटी चोद दी, अब माँ को लगा दिया.
वो चूतड़ पीछे करके लगातार जवाब दे रही थीं- मेरी माँ भी चोद देगा हरामी तू, गांड भी मारेगा न सासुचोद साले!
पन्द्रह मिनट तक मैंने उनकी गांड मारी फिर उनकी गांड में वीर्य छोड़ दिया.
चौदह दिन मोना कवरन्टीन रही और 14 दिनों तक मैंने मदर इन लॉ Xxx फक का मजा लिया.
मोना के आने के बाद सासू माँ अपने घर चली गईं.
मेरी सास और मेरे यौन सम्बन्धों का मोना को कुछ पता नहीं चला था.