Antarvasna
दोस्तो और सजनियो ! कहानी एकदम सच्ची है और मेरा यह Antarvasna दावा है कि दोस्तों के लन्ड फ़नफ़ना जायेंगे और आन्टियों, भाभियों और कुवांरी कन्याओं की चूतें पानी छोड़ जायेंगी।
मैं एम पी का रहने वाला हूं। बात उस समय की है जब मेरी बीवी ने कहा कि मेरी भाभी को शहर से बुला कर ले आओ। अभी उसके स्कूल की छुटटी भी हैं, घूम जायेगी।
मैं जब उसे लेने गया तो साले ने अपनी पत्नी सुनीता (मेरी सलहज) को हंस कर मेरे साथ भेज दिया। वो २२ साल की है। उसको तब तक बच्चा नहीं हुआ था। लेकिन उसके दूध बड़े बड़े मल्लिका शेरावत की तरह हैं। गाड़ी में जब ए सी कोच में चढ ही रहे थे कि भीड़ के कारण मेरा लन्ड उसकी गोल गान्ड से लग गया।
मुझे तो मानो करंट लग गया और साथ ही उसे भी अहसास हुआ कि जीजाजी का लन्ड खड़ा है।
१८ घण्टे के सफ़र के दौरान मैं सोचता रहा कि इसे कैसे चोदूं। खैर घर आ गये हम।
पड़ोस की एक भाभी को बच्चा होने वाला था, इस कारण मेरी बीवी एक रात उनके साथ अस्पताल में रही। उस रात को सुनीता जो कि दूसरे कमरे में सोती थी, ने लाईट जलाई। मैं तुरन्त उठा और पूछा- क्या बात है?
उसने कहा- मेरी कमर में बहुत तेज़ दर्द हो रहा है।
मैंने उसे बाम की शीशी दे दी। वो अपने कमरे में चली गयी। लेकिन मुझे नीन्द नहीं आ रही थी। मैं अपने दोनो बच्चों को सोते छोड़ कर उसके कमरे में पहुंच गया और बोला कि लाओ मैं बाम लगाता हूं।
पहले तो उसने आनाकानी की परन्तु फ़िर मान गयी। लेकिन बाम लगाने के लिये मैक्सी को ऊपर उठाना पड़ता, इसलिये उसने संकोच करके फ़िर मना कर दिया। परन्तु दर्द तेज होने के कारण उसने मुझे फ़िर बुलाया।
मैने कहा- सुनीता, एक दर्द निवारक गोली खा लो ठीक हो जायेगा। पर उसे डर था कि अगर उसे प्रेगनैन्सी हो चुकी हो तो कुछ नुकसान ना हो जाये।
आखिर उसने बाम लगवाने के लिये हां कर दिया। जैसे ही मैंने उसकी मैक्सी उठाई, उसकी चिकनी जांघे देख कर मेर लन्ड बेकाबू हो गया। मालिश करते करते मेरे हाथ उसकी साईड से दब रही चूचियों को भी स्पर्श कर रहे थे।
मैंने धीरे धीरे उसके चूतड़ों की तरफ़ मालिश शुरू कर दी। मैंने महसूस किया कि उसके रौंगटे खड़े हो रहे हैं थोड़ी देर में सुनीता पलट गयी और मुझे ऐसी नज़रों से देखा कि वह मुझे धन्यवाद देना चाहती है।
सुनीता मेरा हाथ अपने हाथ में ले कर सहलाने लगी। बस मुझे ग्रीन सिगनल मिल गया। मैंने तुरन्त अपने दोनो हाथों से उसकी चूचियां दबा दी। उसने मुझे कस कर पकड़ लिया। मैने धीरे धीरे अपना हाथ उसकी चूत में घुसा दिया। अब वह कराह रही थी।
आखिर उसने मेरे लन्ड को हाथ में लेकर कहा- जीजाजी, अब इसे अन्दर करो। फ़िर उसके बाद जो सुबह चार बजे तक चुदाई का दौर चला कि पूछो मत।
चुदाई करते समय उसने बताया कि जीजाजी आपका लन्ड मेरे पति से बड़ा और मोटा भी है। शादी के बाद आज प्यास बुझी। आज मुझे पूरा विश्वास है कि मैं इस बार प्रेगनैन्ट हो जाउंगी
और ऐसा ही हुआ। ठीक नौ महीने बाद सुनीता को एक सुन्दर सा बेटा हुआ। एक दिन सुनीता ने मेरी ससुराल में ही पूछ लिया कि इस उपकार के लिये क्या गिफ़्ट दूं। मैंने जो बहुत दिन से सोच रखा था, मांग लिया, कि मुझे तुम्हारी गान्ड मारनी है।
सुनीता ने कहा- जीजाजी, गान्ड क्या जितने भी मेरे पास छेद हैं आप सब में अपना लन्ड डाल सकते हैं।
तो एक दिन अवसर मिलने पर दिन में ही मैंने सुनीता की तीन बार गान्ड मारी। परन्तु तीसरी बार जब गांड मार कर उठ रहे थे, तक तक सास आ गयी। उन्हें तेल की शीशी गलत जगह पड़ी मिली। शायद उन्हें शक हो गया था।
सभी दोस्तों से निवेदन है कि यदि शादीशुदा होकर बीवी की गान्ड नहीं मारी तो समझो कुछ नहीं किया। Antarvasna