सुहागरात दोस्त की बीवी के साथ-1 Hindi Porn Stories

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मेरे प्यारे दोस्तो!इस कहानी को पढ़ने वाली लड़कियों, भाभियों Hindi Porn Stories और आंटियों को मेरा प्यार!मेरे बचपन के दोस्त राहुल की शादी को तीन महीने ही हुए थे। उसकी पत्नी का नाम पूनम है। उसकी शादि चूंकि पूनम के परिवार वालों ने हमारे शहर में आकर की थी तो उनकी देखरेख का काम मैंने ही किया था। इसी कारण पूनम भी मुझे पहचानने लगी थी। जब मैंने उसे पहली बार देखा तो मैं मन ही मन सोचने लगा कि बेटा राहुल तेरी तो किस्मत ही खुल गई क्योंकि पूनम बहुत सुन्दर है, 5’4″, लम्बे बाल, गुलाबी होंट, आंखें बड़ी बड़ी और नशीली और आवाज कोयल की तरह है। पूनम और राहुलदोनों एम एस सी पढ़े हैं।

अब मैं राहुल के घर कम ही जाने लगा और राहुल इस बात की शिकायत भी करता कि मैं उसके घर नहीं आता। तो मैंने एक दिन कहा कि मैं आने लगूंगा तो भाभी मन ही मन कहेंगी कि अमन जब देखो यहीं पड़ा रहता है। यह बात सुन कर वो नाराज़ हो गया और कहने लगा कि अमन तू ऐसी बात करता है और पूनम कहती है कि अमन जी आते ही नहीं हैं, क्या अमन जी मुझसे नाराज़ हैं। यह बात सुनकर मुझे कुछ अजीब सा लगा पर मैंने राहुलसे कल आने का वायदा किया, वैसे तो हमारे घर पास पास ही हैं।

अगले दिन मैं उसके घर गया तो मुझे पूनम भाभी मिली, वो रसोई में नाश्ता बना रही थी। मैंने भाभी को हेलो बोला और राहुलके बारे में पूछा।

पूनम मुझे देख कर काफ़ी प्रसन्न हुई और बोली- अमन जी! आज आप कैसे सुबह सुबह आ गए! चलो आए हो तो अपने दोस्त से ही मिलने आए होंगे।

मैंने कहा- नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं, बस काफ़ी दिनों से कुछ ज्यादा काम आ गया था, इसलिए नहीं आया।

पूनम बोली- राहुलबाज़ार गए हैं, आज शाम को उन्हें ओफ़िस के काम से इन्दौर जाना है, इसलिए घर का सामान लेने गए हैं। आप बैठिए, मैं नाश्ता लाती हूँ।

मैंने कहा- नहीं भाभी, मैं नाश्ता नहीं करूंगा।
तो पूनम बोली- अमन जी! एक बार नाश्ता कर के देखें कि मैं कैसा नाश्ता बनाती हूँ।
तो मैं पूनम भाभी को मना नहीं कर पाया। फ़िर भाभी ने पूछा- आप चाय लेंगे या जूस?
तो मैंने कहा- भाभी, मैं तो सुबह चाय ही लेता हूँ।

भाभी दो कप चाय ले आई और हम साथ साथ ही नाश्ता करने लगे। मैंने पूनम की ओर देखा, वो काले रंग के गाऊन में थी। पूनम के दूध के समान गोरे रंग पर काला गाऊन काफ़ी जच रहा था। शायद पूनम ने ब्रा नहीं पहनी थी फ़िर भी उसकी छाती काफ़ी आगे को उभरी हुई थी। उसे देख कर मेरे मन में अजीब सी हरकत होने लगी लेकिन मैंने ऐसा कुछ नहीं किया जो पूनम को बुरा लगे।

थोड़ी देर बाद राहुलभी आ गया और मुझे देख कर बहुत प्रसन्न हुआ, बोला- अच्छा हुआ अमन तुम मुझे यहाँ पर ही मिल गए।

मैंने पूछा- कुछ काम था क्या?

राहुलबोला कि मैं एक सप्ताह के लिए इंदौर जा रहा हूँ और तुम्हारी भाभी को बाज़ार से कुछ सामान की आवश्यकता थी इसलिए तुम और पूनम बाज़ार से सामान ले आना।
मैंने कहा- तुम चिन्ता मत करो।

फ़िर अगले दिन पूनम का फ़ोन आ गया कि अमन जी आज हम बाज़ार चलें अगर आप को कोई और काम ना हो तो।

मैंने पूनम को शाम पांच बजे का समय दिया और शाम को जब मैं भाभी के घर गया तो वो बाज़ार जाने के लिए तैयार थी। आज भाभी ने सफ़ेद कमीज़ और काले रंग की जींस पहन रखी थी और आज भी काफ़ी सुन्दर दिख रही थी। मैंने भाभी को बताया कि मैं कार ले कर आया हूँ तो भाभी ने कहा कि बाज़ार में कार बहुत तंग करती है इसलिए आओ अपनी बाईक ले लो। फ़िर मैं बाइक ले आया और वो बाईक पर लड़कों की तरह बैठी। ब्रेक लगने पर भाभी की चूची मेरी कमर से लग जाती। मुझे बहुत खुशी हो रही थी कि कम से कम भाभी और मैं आपस में स्पर्श तो हुए।

खरीदारी के बाद मैंने भाभी से पूछा कि आप क्या खाएंगी तो वो बोली कि कुछ भी जो आप खाएं। हमने एक होटल में जाकर कुछ खाया पिया और घर की ओर चल दिए। शाम के साढ़े सात से ज्यादा बज गए थे तो भाभी को घर छोड़ कर मैं बोला- भाभी मैं चलता हूँ।

भाभी बोली-मैं चाय ला रही हूँ, काफ़ी थक चुके हैं! फ़िर मैंने और भाभी ने चाय पी और थोड़ी देर बाद मैं अपने घर आ गया।

आज भाभी के साथ रहने से हम दोनों काफ़ी खुल गए थे और मजाक भी कर लेते थे। अगले दिन रविवार होने के कारण मैं पूनम के घर गया तो भाभी एक किताब पढ़ रही थी। मुझे देख कर बोली- अच्छा हुआ अमन जी आप आ गए, मैं बहुत बोर हो रही हूं। अगर आप कहें तो कोई मूवी देखने चलें?

मैंने हाँ कर दी तो भाभी बोली- मैं तैयार हो कर आती हूँ।

जब भाभी आई तो मैं देखता ही रह गया क्योंकि भाभी लाल रंग की साड़ी और ब्लाऊज़ में थी। मैं भाभी को देखता ही रहा तो वो बोली- अमन जी क्या हुआ! कहाँ खो गए?

मैंने तुरन्त कहा- भाभी जी! आपको देख कर खो गया हूँ, आप बहुत सुन्दर लग रही हैं। तो भाभी हंसने लगी। फ़िर हम दोनों माल आ गए और मूवी देखने लगे। अच्छी मूवी थी। जैसे ही हम माल से बाहर निकले तो मेरे एक अच्छे मित्र ने मुझे देखा और पुकारा- अमन!

मैंने देखा तो वो रमण था। मैं रुका और रमण और उसकी पत्नी से मिला और पूनम से मिलवाते हुए कहा- यह पूनम है…

मेरी बात पूरी भी नहीं हुई थी कि रमण बोल पड़ा- भाभी जी नमस्ते! और मुझसे बोला- यार! शादी भी कर ली और बताया भी नहीं!

मैंने कहा- ऐसी कोई बात नहीं…!

लेकिन मेरी बात काट कर रमण बोला- भाभी चलो, हमारे घर चलते हैं, तो मैंने मना किया और कहा कि बाद में आऊँगा। पर रमण ने कहा कि नहीं आज ही!

तो हम रमण के घर चल दिए। घर आकर रमण ने कहा- यार! शादी में क्यों नहीं बुलाया? इससे पहले कि मैं कुछ कहता। पूनम बोल पड़ी- रमण जी! हमारी लव मैरिज़ है और अचानक ही हो गई, इसी कारण किसी को भी नहीं बुला पाए। रमन और उसकी बीवी ने हमें खाना खाने के बाद ही आने दिया। अब रात भी हो चुकी थी। हम घर के लिए निकले और मैंने कहा- भाभी जी! आपने ऐसा क्यों कहा?

तो भाभी बोली- आपको बुरा लगा क्या?
मैंने कहा- नहीं ऐसी कोई बात नहीं!
तो वो बोली- फ़िर क्या बात है?
मैंने कहा- भाभी! हमारी ऐसी किस्मत कहाँ कि आप हमारी पत्नी बनें!
भाभी बोली- पत्नी नहीं पर भाभी तो हूं!
मैंने कहा- हाँ! यह तो है!

फ़िर हम घर आ गए और मैंने कहा कि भाभी रात के ग्यारह बज गए, मैं चलता हूँ।

भाभी ने कहा- रुको! ज़रा मैं कपड़े बदल लूँ! और भाभी काले रंग का गाऊन पहन कर मेरे पास बैठ गई और बोली- अमन जी, शादी कब करोगे?

मैंने कहा- जब आप जैसी कोई मिल जाएगी तो कर लूंगा, आज मिले तो आज ही कर लूंगा।
पूनम ने कहा- अगर मैं ही मिल जाऊँ तो?
भाभी की इस बात को सुन कर मैं दंग रह गया और कुछ बोल नहीं पाया।

भाभी बोली- अमन जी! क्या हुआ, सांप सूंघ गया क्या?
मैंने कहा- नहीं भाभी पर मैं समझ नहीं पाया कि आपने क्या कहा।
तो पूनम ने कहा- मैं आप से प्यार करती हूँ।
मैंने कहा- सिद्धार्थ?

भाभी ने कहा- राहुलको कुछ पता नहीं चलेगा। इतना कह कर भाभी मेरे पास लेट गई और मुझे किस किया। मैंए भी उसे पसन्द करता था इसलिए मैं भी विरोध ना कर सका।

फ़िर भाभी बोली- अमन, अगर आपको मैं पसन्द नहीं तो रहने दो।
मैंने कहा- नहीं भाभी! ऐसी कोई बात नहीं, आप मुझे अच्छी लगती हो।
पूनम ने कहा- तो मुझे पूनम नाम से पुकारो!

मैंने कहा- पूनम! मैं तुमसे प्यार करता हूँ और मैंने पूनम को उसके लाल रंग के होटों पर किस किया और फ़िर तो मैं और पूनम एक दूसरे के मुँह में जीभ देने लगे। आधे घण्टे इस तरह एक दूसरे के साथ चिपके रहे। तब पूनम ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए, मैंने भी पूनम के कपड़े उतारने शुरू कर दिए।

पूनम बोली- अमन, आज तुम्हारी मेरे साथ पहली सुहागरात है, अभी रुको, आज हम सुहागरात मनाएंगे, मैं तैयार होती हूँ।, तुम एक अच्छी सी नग्न फ़िल्म लगाओ।

मैंने एक ब्लू फ़िल्म लगा दी और देखता रहा। काफ़ी देर बाद पूनम आई तो उन्हीं कपड़ों में थी जो उसने अपनी शादी के दिन पहने थे और काफ़ी सुन्दर दिख रही थी। आते ही मैंने उसे अपनी तरफ़ खींच लिया और किस करने लगा। मैं कुछ जल्दी कर रहा था तो पूनम ने कहा- जल्दी ना करो, पूरी रात बाकी है।

मैं पूनम की चूची जोर जोर से दबाने लगा तो पूनम गर्म हो गई। मैंने एक एक कर के पूनम के सारे गहनें उतार दिए और फ़िर उसका ब्लाउज़ भी उतार दिया। फ़िर जब लहंगा भी उतार दिया तो पूनम के शरीर पर केवल ब्रा और पेंटी ही बची थी। उसकी आंखें बंद थी और वो गर्म सांसें छोड़ रही थी। मैं पूनम के शरीर के सब हिस्सों पर किस करने लगा और फ़िर मैंने उसकी ब्रा को भी फ़ाड़ के उसके शरीर से अलग कर दिया। जैसे ही मैंने उसकी पेंटी को हाथ लगाया तो वो गीली थी।

मैंने पूनम से कहा- पूनम! तुम तो झड़ चुकी हो।
उसने कहा- हाँ!

लेकिन मैं तो अब भी पागल हो रहा था, शायद मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि यह सच है। मैंने पूनम के शरीर से पेंटी अलग कर दी और उसकी पेंटी अपने लण्ड से रगड़ने लगा तो पूनम ने कहा- इसे छोड़ो, मैं हूँ ना!

उसके बाद पूनम ने मेरे लण्ड को पहला स्पर्श किया तो लण्ड पहले से भी ज्यादा गर्म और कड़क हो गया। वो मेरे लण्ड को आगे पीछे कर रही थी और मैं उसकी चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा। पूनम के मुँह से सी सी की आवाज़ें आने लगी और वो अपने चूतड़ ऊपर करने लगी।

फ़िर पूनम ने मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू किया तो ऐसा लगा कि मैं उसके मुँह में झड़ जाऊँगा।

मैंने पूनम से पूछा- पूनम, तुमने राहुलसे पहले किसी के साथ यह काम किया है?
तो उसने कहा- पहले मुझे पता ही नहीं था कि इसमें इतना मजा आता है।
मैंने कहा- तुम्हें राहुलके साथ मजा नहीं आता क्या?

तो पूनम ने कहा- आता है! लेकिन मैं तुमसे प्यार करती हूँ और तुम्हारे ही बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ। अगर मैं तुमसे प्यार ना करती तो क्या मैं ऐसे सुहागरात मनाती।

यह सुन कर मुझे अच्छा लगा और मैंने पूनम के मुंह में अपनी जीभ दे दी। मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे पास कन्डोम होगा? तो पूनम ने कहा- कंडोम की जरूरत नहीं है।

फ़िर मैंने पूनम की चूत पर अपना लण्ड रख कर अन्दर किया तो आधा उसकी चूत में चला गया। एक और झटके में मैंने पूरा का पूरा लण्ड पूनम की चूत में डाल दियाऔर जोर जोर से झटके मारने लगा तो पूनम को भी मजा आने लगा। दस बारह झटकों में मैं झड़ गया और पूनम भी झड़ गयी और उसकी चूत में अपना वीर्य डाल दिया।

पूनम ने मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया तो मेरा लण्ड पाँच मिनट में ही पहले की तरह खड़ा हो गया। फ़िर मैंने पूनम को घोड़ी बना कर चोदा। इस प्रकार हम सुबह के चार बजे तक चुदाई करते रहे और हमें कब नींद आ गई पता ही नहीं चला।

सुबह साढ़े पाँच बजे घर पर बैल बजी तो पूनम ने अपना गाऊन पहना और गेट पर जाकर आई तो मैंने पूछा कि कौन था?

उसने कहा- दूध वाला था। अमन! तुम चाय लोगे?

तो मैंने हाँ कर दी। पूनम चाय ले कर आई तो मैं नंगा ही लेटा था। मैंने पूनम को अपने पास खींच लिया तो उसने कहा कि अब भी कोई कमी रह गई है क्या!

मैंने कहा- हाँ! और उस कमी को पूरा करना है।

तो पूनम ने कहा- सुबह हो चुकी है, अमन अब रहने दो!

लेकिन मेरे लण्ड को तो गर्मी चढ़ी थी। पूनम मना करती रही और मैं पूनम को खींचता रहा। ऐसा करने से पूनम का गाऊन फ़ट गया और पूनम मुझ से लिपट गई। फ़िर हमने तीन बार काम किया और एक बार पूनम के मुँह में झाड़ा। पूनम काफ़ी खुश थी।

पूनम ने कहा- अब जब तक राहुलनहीं आ जाता, आप ही मेरे पति की तरह यहाँ पर रहोगे। इस प्रकार हम एक दूसरे को मजा दिलाते रहे।

और अब जब भी राहुलबाहर जाता है तो हम खूब चुदाई करते हैं। Hindi Porn Stories

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