हमारी किरायेदार और उसकी बेटी-Antarvasna

Antarvasna

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम Antarvasna राम है और मैं रीवा का रहने वाला हूँ। मैंने इस साईट की कई कहानियाँ पढ़ीं हैं और पहले तो मैं इन सब में बिल्कुल विश्वास नहीं रखता था क्योंकि मैं यही सोचता था कि ऐसा तो कभी हो ही नहीं सकता कि कोई अपने ही बेटे से चुदवा ले या कोई बहन अपने ही भाई से गाँड मरवा ले। पर यकीन मानिए जब से मेरे साथ चुदाई वाली यह घटना घटी तो मुझे यकीन हो गया कि ऐसा भी होता है। मेरे साथ कोई माँ-बहन वाली तो नहीं पर किरायेदार की चुदाई की घटना घटी जो मैं आप लोगों को सुनाना चाहता हूँ।

यह कहानी आज से दो साल पहले की है जब मेरी उम्र २३ साल की थी और मैं अपनी ग्रेजुएशन पूरा कर चुका था। हमारा घर रीवा के एक बड़ी कॉलोनी में है। हमारा घर बहुत बड़ा है। घर के एक हिस्से के तीन कमरों में किरायेदार रहते हैं। हमारे घर में एक हिस्से में कमरा खाली था, उसी में रहने के लिए एक दिन एक प्रधानमंत्री सड़क योजना के इंजीनियर सपरिवार आए। उनके परिवार में उनके अलावा उनकी पत्नी और उनकी एक बेटी थी। पत्नी की उम्र ३८ साल की होगी और उनकी बेटी की उम्र १९ साल की रही होगी।

अब मैं अपनी कहानी शुरु करता हूँ। मेरा ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद मैं नौकरी की तलाश में लग गया। कोई काम न होने के कारण मैं अक्सर घर पर ही रहता था। एक दिन की बात है कि मैं अपने बालकनी में कुर्सी लगाकर बैठा हुआ कुछ पढ़ रहा था कि इतने में मुझे पानी गिरने की आवाज़ सुनाई पड़ी, जैसे कोई नहा रहा हो। मैंने खड़े होकर नीचे आँगन में देखा तो मेरे होश उड़ गए। मैंने देखा कि रानी (इंजीनियर की पत्नी) नहा रही थी और वह भी पूरी नंगी होकर। मैंने पहली बार किसी औरत को पूरा नंगा देखा था। मेरे रोम-रोम खड़े हो गए, और उसका नहाना पूरा होने तक मैं उसे देखता रहा। चूँकि मेरे घर के चारों और उँची दीवारें हैं इसलिए बाहर से तो कोई भी नहीं देख सकता, तो इसलिए स्त्रियाँ आँगन में नंगी नहा सकतीं थीं।

अब मैं रोज़ाना उसी बालकनी में चला जाता और जब तक वो नहाती, मैं उसे देखा करता। मुझे पहले से चुदाई के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और न मैं यह जानता था कि चुदाई कैसे करते हैं। बस, पूरे बदन में एक अजीब सी हरक़त होती थी। मैं परेशान होने लगा कि मुझे यह क्या हो रहा है, और कुछ ही देर में सब शांत हो जाता था। एक दिन जब वह नहा रही थी और मैं उसे देख रहा था, तभी उसकी नज़र मुझ पर पड़ गई। मैं जल्दी से वहाँ से भाग कर अन्दर आ गया। मैं काफ़ी डर गया था कि अब वह मेरे घरवालों को सबकुछ बता देगी, पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

कुछ दिन बीत गए। मैंने बालकनी की ओर जाना बन्द कर दिया। एक दिन रानी ने मुझे अपने घर बुलाया। मैं वहाँ गया, वह घर पर अकेली ही थी। उसकी बेटी कॉलेज गई थी और पति दौरे पर जिले से बाहर गए थे। मैं जब उसके घर गया तो उसने बैठने को कहा और अभी आने की बात कहकर अन्दर चली गई। कुछ ही देर बाद वो एक झीनी सी गाऊन पहनकर बाहर आई। गाऊन के अन्दर उसने कुछ भी नहीं पहना था। गाऊन के बाहर से सबकुछ दिखाई दे रहा था। मैंने अपनी नज़रें नीची कर लीं। वह मेरे बगल में आकर बैठ गई। उसने कहा, “आजकल तुम दिखाई नहीं देते हो, क्या बात है?”

“नहीं आँटी ऐसी कोई बात नहीं है। इन दिनों मैं कुछ ज़्यादा ही व्यस्त था।”

“अच्छा बताओ, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेण्ड है?” – उसने बात आगे बढ़ाने के लिए पूछा।

मैंने ना में सिर हिलाया, तो वह चौंक कर बोली, “क्या? इतने बड़े हो गए हो, अभी तक कोई गर्लफ्रेण्ड नहीं है? तब तो तुम्हें बड़ी परेशानी होती होगी।”

“परेशानी कैसी?”

“तुम तो एकदम बुद्धू हो, और मैं कुछ और ही समझ रही थी।”

“आप क्या सोच रहीं थीं?”

“उस दिन तुम मुझे नहाते हुए देख रहे थे, तो मैंने सोचा कि तुम काफी एक्सपर्ट हो। पर तुम तो इन सब के बारे में बिल्कुल ही मूर्ख हो। अच्छा बताओ, तुमने मेरा क्या-क्या देखा।”

“मैंने आपका पूरा शरीर देखा।”

“पूरे शरीर और उसके कुछ भाग में अन्तर होता है। तुमने मेरे शरीर में ऐसा क्या देखा जो तुम्हें अच्छा लगा हो?”

“आपकी छाती…”

यह सुनकर वह हँसने लगी, “इससे पहले कभी किसी औरत या लड़की को नंगा देखा है?”

“नहीं।”

“चलो, मैं आज तुम्हें अपना पूरा नंगा बदन दिखाती हूँ,” और इतना कहकर वो मुझे अपने बेडरूम में लेकर चली गी। बेडरूम में पहुँचते ही उसने अपना गाऊन उतार कर फेंक दिया और मेरे कपड़े उतारने लगी। कुछ ही देर में उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मुझसे लिपट कर मुझे बेतहाशा चूमने लगी। कुछ देर के बाद मैं भी उसके बदन को चूमने लगा। जब मेरा हात उसकी चूची पर गया, मेरे बदन में कँपकँपी होने लगी। फिर मैं धीरे-धीरे उन चूचियों को दबाने लगा। मुझे मज़ा आ रहा था और वह सिसकारियाँ भर रही थी।”

अब उसने मुझ अपने घुटनों पर झुका लिया और अपनी चूत चूसने का इशारा किया। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में घुसेड़ दिया। उसकी चूत से नमकीन पानी निकलने लगा और मैं बड़े चाव से उसका पानी पी गया। कुछ देर के बाद उसने मुझे अपने बेड पर लिटा दिया और मेरे बगल में बैठ कर मेरे ७ इंच लम्बे लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद मेरे लंड ने अपना पानी मुँह में ही छोड़ दिया। पर उसने मेरे लंड बाहर नहीं निकाल और उसे चूसती रही। थोड़ी ही देर में मेरा लंड वापस तैयार हो गया। तब उसने मुझसे कहा, “अब रहा नहीं जाता। अब मुझे चोदो।”

पर मुझे चोदना तो आता नहीं था, मैंने उसे बताया, तो वह मेरे ऊपर चढ़ गई और अपनी चूत की छेद पर मेरे तैयार लंड को रखा और दबाव दिया। मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया। वह चीख़ी तो मैं डरकर अपना लंड बाहर निकालने लगा, पर उसने मुझे रोक दिया और कहा कि ऐसा होता है। मैं कितना भी चीखूँ, तुम अपना लंड बाहर नहीं निकालना। मैंने ऐसा ही किया। अब वो दबाव बढ़ाने लगी और धीरे-धीर मेरा पूरा लंड उसकी चूत ने निगल लिया। कुछ देर बाद तक वो शांत थी, फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो उसने अपनी गाँड ऊपर-नीच करनी शुरु कर दी। मुजे भी बहुत मज़ा आ रहा था फिर उसने कहा कि ऐसे ही तुम मेरे ऊपर चढ़ कर करो। इसी को चोदना कहते हैं। फिर वो बिस्तर पर चित्त लेट गई और मैं उसके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को पूरा-का-पूरा उसकी चूत में पेल दिया और धक्के मारने लगा।

पूरे कमरे में फच्च-फच्च की मधुर आवाज़ें आ रहीं थीं। वो चीखती जा रही थी – और तेज़… मेरे रामा… आआ….. आ…. इइइइइईईईई… उउउउउऊऊऊ… मरररररर… गईईईईई… मैं…तो……..। मेरी उत्तेजना बढ़ गई और मैं उसे तेज़ी के साथ चोदता रहा। कुछ ही देर में वो चिल्लाई कि मैं अब झड़ने वाली हूँ। मेरी समझ में नहीं आया कि झड़ना किसे कहते हैं। पर मेरे लंड से कुछ ही देर में पानी निकला जो उसकी चूत ने पी लिया। उसी समय उसने भी मुझे कस कर दबोच लिया, शायद वह भी झड़ गई थी। फिर हम कुछ देर तक यूँ ही एक-दूसरे से लिपट कर लेटे रहे।

फिर जब मैं वापस घर जाने के लिए उठा तो मेरे कानों में उसकी बेटी रीना की आवाज़ें सुनाई दीं, “कहाँ जा रहे हो, अब तो मेरी बारी है।”

हम लोगों ने घबरा बाहर की ओर देखा तो बेडरूम के दरवाज़े पर रीना खड़ी थी और शायद उसने हमारी चुदाई-लीला देख ली थी। उसकी माँ ने हक़ला कर कहा रीना तुम? तुम कब आईं? तो रीना ने कहा, “अभी १० मिनट पहले, पर माँ तुम्हें दरवाज़ा तो बन्द कर लेना चाहिए था। दरवाज़ा खुला था, कोई और आ जाता तो तुम्हारी माँ चुद जाती। चलो शुक्र है कि मैं थी और अगर तुम दोनों अपनी सलामती चाहते हो तो राम तुम्हें मेरी भी जमकर चुदाई करनी होगी।”

मरता क्या न करता, मैं तैयार हो गया और रीना की माँ भी तैयार हो गई। रीना ने तुरन्त अपने कपड़े उतार दिए और बिस्तर पर आ गई। उसने मुझे चूमने शुरु कर दिया, और मैंने उसे। उसकी माँ ने एक बार फिर मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। रीना ने उसे मना किया कि माँ तुमने तो एक बार मुँह से और एक बार अपनी चूत से लंड का मज़ा ले लिया। अब मेरा मज़ा किरकिरा मत करो। तुम मेरी चूत चूसो। मैं राम का लंड चूसती हूँ, और राम मेरी चूत चूसेगा।

हमने ऐसा ही किया, फिर कुछ देर बाद रीना कुतिया बन गई और बोली कि राम अब चोदो। मैं उसके पीछे आया और उसकी माँ नीचे लेट गई। अब उसकी माँ की चूत और रीना की चूत ऊपर-नीचे थी, और बीच में मेरा लंड था। क्या क़िस्मत थी मेरे लंड की कि दो अप्सराओं की चूत आज उसे मिली थी। फिर मैंने रीना की चूत को अपने हाथों से पकड़ कर फैलाया और अपने लंड को उसकी कुँवारी चूत की छेद पर रखकर एक ज़ोरदार धक्का मारा… वह चीख़ पड़ी… आआअअअअअअ…. मरी…… मर जाऊँगी… मैं…..।

मैंने रानी से जो सीख ली थी, उसी पर क़ायम रहते हुए अपने लंड को वापिस खींचकर एक बार फिर ज़ोरदार धक्का मारा। उसकी चूत से ख़ून निकल रहा था। अब मैं डर गया कि शायद उसकी चूत फट गई है। पर उसकी माँ ने कहा कि पहली बार ऐसा होता है। अब तुम मेरी चूत चोदो, तब तक रीना की शांत हो जाएगी। मैंने ऐसा ही किया और रानी की चूत चोदने लगा।

कुछ देर के बाद रीना बोली कि अब वह तैयार है। तो मैंने वापिस अपने लंड को उसकी चूत में पेल दिया और धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। कुछ देर के बाद रीना भी अपनी गाँड आगे-पीछे करने लगी, तो मैंने चुदाई की गति बढ़ाई। रानी कभी मेरे लंड को पीती को कभी रीना की चूत को चाटती। कुछ ही देर में हम दोनों झड़ गए। पर चूँकि रीना कुँवारी थी इसलिए उसकी माँ ने कहा कि अपना पानी रीना की चूत में मत डालना, मेरे मुँह में डालना, वरना रीना गर्भ-धारण कर सकती है। मैंने वैसा ही किया। जैसे ही मेरा पानी गिरने वाला था तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और रानी ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और मेरा पूरा पानी वह पी गई। रीना भी झड़ चुकी थी। फिर हम-तीनों आपस में लिपटे रहे और कुछ देर के बाद मैं अपने घर वापस चला गया।

आप सबको मेरी कहानी कैसी लगी, ज़रूर बताईएगा, ताकि मैं इसी प्रकार आपका मनोरंजन करता रहूँ। Antarvasna

4 thoughts on “हमारी किरायेदार और उसकी बेटी-Antarvasna”

Leave a Comment