Sex Stories
प्यारे पाठको, मेरा Sex Stories नाम विनय है। मैंने अन्तर्वासना की हर कहानी पढ़ रखी है। आपका अहसान चुका रहा हूँ अपनी सच्ची कहानी भेज कर! कृपया मुझे उत्साहित करें! यह मेरी पहली कहानी है, अच्छी लगे तो तो अपने विचार देना।
यह बात आज़ से दो साल पहले की है जब मैं नौकरी नहीं करता था और फ़्री रहता था। मेरी एक मौसी की लड़की जिसको देख कर मुझे कुछ कुछ होता था, हम दोनों काफ़ी घुले मिले हुए थे। इसी लिए हम एक दूसरे की सभी बातें जानते थे। मैं उसके स्तनों और चूतड़ों को देख कर अपने लण्ड से खूब पानी निकालता था और उसके करीब जाने की कोशिश करता था, बार बार उसके बूब्स से टकराता था । वो भी यह बात समझ चुकी थी इसलिए मुझे भी किसी मौके की तलाश थी और एक दिन मुझे मौका मिल गया।
मेरी मौसी ने कहा कि वो सब चार पाँच दिन के लिए बाहर जा रहे हैं लेकिन गौरी की परीक्षा है, इसलिए वो अकेली है, तुम रात को उसके पास सो जाना!
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ और उसके घर पर ठीक दस बजे पहुँच गया। उसने लम्बी स्कर्ट और टॉप पहन रखा था। पहले हमने बहुत सारी बातें की फ़िर मैं उसके करीब आ गया। हम सोफ़े पर बैठे थे। मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और धीरे धीरे उसके साथ मस्ती करने लगा।
तभी वो मेरे गले से लग गई। जैसे ही मैंने उसे पकड़ा, वो अपने आप को छुड़ाने लगी लेकिन मैंने उसे कस कर पकड़ लिया। क्योंकि मैं यह मौका नहीं खोना चाहता था। मैं उसके गले पर चूमने लगा। अब वो भी मुझ से चिपक गई।
फ़िर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और एक हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा।
वो कहने लगी- विनय! कुछ हो गया तो?
मैंने कहा- तुम डरो मत! मैं पूरे इन्तज़ाम के साथ आया हूँ, कुछ नहीं होगा।
फ़िर मैं उसे उठा कर कमरे में ले गया और बिस्तर पर लिटा दिया। मैंने अपने कपड़े उतार दिए, सिर्फ़ चड्डी पहने रखी। वो काफ़ी डरी हुई थी। मैंने उसे प्यार से चूमा और उसके ऊपर आ कर उसके गले और होंठों पर चूमने लगा। मैं एक हाथ से उसके स्तन मसले जा रहा था। अब उसे भी मज़ा आने लगा था।
फ़िर मैंने उसकी स्कर्ट जांघों से ऊपर कर दी और उसकी जांघें चूमने लगा। उसने सफ़ेद रंग की चड्डी पहनी थी। वो भी गर्म हो चुकी थी। मैंने उसकी स्कर्ट और टॉप दोनों उतार दिए।
उसका दूध जैसा गोरा और चिकना बदन देख कर मेरा लण्ड और सख्त हो गया। क्या गज़ब का फ़िगर था 36-28-34, मैंने उसकी ब्रा से उसके बूब्स को आजाद कर दिया और एक हाथ से उसकी चड्डी उतार दी। अब हम दोनों नंगे थे और पूरी रात हमारी थी।
मैं पागलों की तरह उसके बूब्स चूस रहा था और वो सिस्कारियाँ भर रही थी। फिर मैंने उसकी चूत में उंगली की, चूत पहले से बहुत गीली हो चुकी थी। मैंने नीचे आकर उसकी चूत को चूमा, वो तड़प उठी, मैंने उसकी चूत का दाना अपने मुंह में ले लिया, वो गांड हिला हिला कर चूत चटवाने लगी।
फिर मैंने भी अपना लण्ड उसके मुंह के पास कर दिया। उसने बिना समय गँवाए लण्ड को पकड़ कर अपने होठों में दबा लिया और चूसने लगी। अब हम 69 की अवस्था में थे, मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को चाट रहा था और चोद रहा था और वो मेरा लण्ड चूस रही थी।
फिर वो बोली- प्लीज़ विनय! अब नहीं रहा जाता! कुछ करो!
मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और लण्ड उसकी चूत पर रख कर एक झटका दिया, वो चिल्लाई लेकिन मैंने उसके होंठ अपने होंठों में दबा लिए। उसकी चूत कुंवारी थी। फिर मैंने एक और झटका दिया, अबकी बार मेरा लण्ड उसकी चूत फाड़ता हुआ पूरा समां गया और उसकी आँखों में आंसू आ गए।
फिर मैंने धीरे धीरे उसके स्तन चूसे और धीरे धीरे झटके दिए। मैंने देखा अब उसे भी मजे आ रहे हैं तो मैंने अपनी गति बढ़ा दी। अब मैं उसको पूरी तेजी से चोद रहा था और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
अब हम झड़ने वाले थे, मैंने अपना लण्ड निकल के उसकी गांड पर रख दिया और हिलाने लगा और तभी मैं झड़ गया और सारा पानी उसकी गांड पर निकाल दिया क्योंकि मेरा अगला कार्य उसकी गांड मारना ही था इसलिए मैंने उसकी गांड चिकनी कर दी थी।
इस बीच वो भी दो बार झड़ चुकी थी। फिर मैंने उसको घोड़ी बना कर उसकी गांड चोदी। साली बड़ी ही कसी थी!जो मजा मुझे गौरी के साथ आया वो आज तक नहीं आया। उसके बाद हमने 3-4 दिन तक रात में 5-5 बार चुदाई की, लेकिन अब उसकी शादी हो चुकी है और मेरी जान अब मुझसे बहुत कम मिल पाती है।
प्यारे पाठको! मेरी कहानी के बारे में मुझे अवश्य लिखें! Sex Stories