दोस्तो! Hindi Sex Stories
मेरे पति ने मेरे बारे में आप सभी Hindi Sex Stories को तो बता ही दिया है कि मैं क्या हूँ और उन्होंने सच ही बताया है। मैं सच में बहुत ही कामुक औरत हूँ! मुझे ना जाने क्यों कम उमर से ही सेक्स करने का शौक है!
और मुझे पति भी ऐसा मिला है बिल्कुल मेरे जैसा!
वह कहता है कि अगर जैसे हम ब्लू फ़िल्म देखते हैं, वैसे ही अगर हम अपने सामने अपने किसी खास को चुदते देखें तो सेक्स का मज़ा दुगना हो जाता है।
वैसे मेरा पति भी एक नंबर का चोदु है! कभी कभी तो मुझे चोद चोद कर इतना परेशान कर देता है कि मैं ‘बस’ कह उठती हूँ।
कई बार मैं उसके सामने ही दूसरे मर्दों से चुद चुकी हूँ!
जैसा मज़ा मेरे पति को मुझे चुदवाने में आता है वैसा ही मुझे भी दूसरों से चुदने में आता है।
हमारी शुरुआत कुछ इस तरह हुई:
एक बार एक इनका दोस्त हमारे घर आया।
उसका नाम अरुण है और हम सब उसे पंकज कह कर पुकारते थे।
ये दोनों शराब पी रहे थे.
मैं भी थोड़ी देर इनके साथ बैठ कर अपने कमरे में चली गई, अपने बेटे को सुलाने के लिए!
ये दोनों पीते हुए बातें करते रहे।
थोड़ी देर में मनु मुझे देखने आए कि मैं सो गई हूँ या नहीं।
मैंने भी सोने का नाटक किया और लेटी रही।
थोड़ी देर में ये दोनों फिर बात करने लगे:
“यार तेरे तो मज़े है, अभी तू कुंवारा है और जब चाहे कोई भी लड़की पटा कर बजा सकता है!”मनु ने कहा।
“खाक मज़े है! साला किसी लड़की को पटाओ तो हफ्तों बीत जाते है! साला गश्ती ले कर आओ तो उसके रेट ऊंचे होते हैं!”पंकज ने कहा।
“तो क्या हुआ यार कोई ऐसी लड़की पटा जो पहले से ही बजी हुई हो और अपनी और बजवाना चाहती हो!”
“नहीं यार ऐसी लड़कियाँ कम ही मिलती हैं, अगर मिल भी जायें तो सालियों को मज़ा देना पड़ता है बहुत कम ऐसी होंगी जो ख़ुद मज़े दें!”
“तो फिर ख़ुद मज़े देने वाली कहाँ से मिलेगी?”
“हाँ यार अगर कोई शादीशुदा औरत जिसका एक तीन या चार साल का बच्चा हो न! वो ही फुल मज़े दे सकती है।”
“मतलब? कैसे?”
“यार जिसका अभी बच्चा हुआ हो वो और छोटा हो तो उसकी चूत अभी नई नई खुली होती है उसकी चूत में खुजली भी बहुत होती है और उस खुजली को सिर्फ़ मोटा ताज़ा लंड ही बुझा सकता है!”
“अच्छा!”
मैं अन्दर से सब सुन रही थी!
“हाँ यार ऐसी औरत के साथ मज़े ही अलग आते हैं, मैंने एक बार एक गश्ती चोदी थी, साली का फिगर इतना मस्त था! क्योंकि औरत बच्चा होने के बाद थोड़ा सा भर जाती है उसके चुचे बिल्कुल पके हुए आम की तरह हो जाते हैं
एकदम रसीले मोटे मोटे!”
“साली की गांड बाहर को निकली हुई उठी उठी सी! गोल गोल मोटी मोटी जांघें आ आहा देखते ही नंगी करके चोदने को जी चाहे!
“अच्छा यार चल अब बता तो तूने उसे कैसे चोदा? मेरा तो लंड सलामी देने लगा है!”
“बस मत पूछ यार! मैंने नहीं, उस साली ने मुझे चोदा! मैं तो सिर्फ़ उस के बताए अनुसार कर रहा था। क्या पोज़ थे उस साली के, कम से कम तीन बार उसने मुझे चोदा!”
“अच्छा यार, एक बात बोलूं? तू तो अपना दोस्त है तुझसे क्या परदा! सोनिया भी यार एक बच्चे की माँ है वो भी भरे बदन की है और तू सच कह रहा है ऐसी औरतों को चुदने का बड़ा मन करता है!”
पंकज थोड़ा सा चौंका कि ये मनु क्या कह रहा है??
“ऐसे मत देख पंकज मैं सही कह रहा हूँ, सच में सोनिया के साथ मज़ा आ जाता है!”
“पंकज तुझसे एक बात पूछूँ?”मनु ने कहा!
“हाँ हाँ! पूछ न!”
“यार तुझे सोनिया का बदन कैसा लगता है?”
अब तो पंकज बिल्कुल ही चौंक गया, “ये क्या कह रहा है तू मनु?”
“सच बता यार! शरमा मत! मैं चाहता हूँ, कोई सोनिया के बदन की तारीफ करे!”
“लगता है तुझे ज्यादा हो गई है!”
मैं भी सुनना चाहती थी कि अब कोई क्या कहता है! मुझे भी सुनने में मज़े आ रहे थे।
“नहीं तू बुरा मत मान, जो कहना है कह दे आज, तू मेरा दोस्त है! मैं बुरा नहीं मानूंगा!”
पंकज को लगा अब मनु नहीं मानेगा तो उसने भी कहना शुरू कर दिया, “यार सच में न सोनिया भाभी का फिगर इतना कातिल है की कोई भी देखे तो उसका लंड पैन्ट फाड़ कर बाहर आ जाए!”
“और बता यार!”
“सच में यार तू मानेगा नहीं! मैं हफ्ते में तीन बार तो सोनिया भाभी को याद कर के मुठ मारता हूँ, रात को सोते हुए भी कभी कभी में आँखें बंद करके सोचता हूँ अगर मैं सोनिया भाभी की चुदाई करूँगा तो किस तरह करूँगा! सच में
सोनिया भाभी के 36 इंच की गोलाइयों के बीच में अपना लंड छुपाने को मन करता है। कम से कम सोनिया भाभी की कमर 27 इंच की तो होगी ही और गांड तो मत पूछ इतनी गोल और कसी हुई है की घोड़ी बना कर गांड में थूक लगा
कर लंड का पूरा सुपाड़ा अन्दर करने को मन करता है, सोनिया भाभी की जांघें इतनी गोल और चिकनी है कि मन करता है चूमता ही रहूँ!”
“मैं तुझे बताता हूँ! मनु तूने कभी ब्राजील में साम्भा डांस देखा है क्या? उनमें जो काली काली सी औरतें सिर्फ़ रंग बिरंगी पैंटी पहन कर अपने चूचों को सिर्फ़ नाम मात्र के कपड़े से ढक कर नाचती हैं, उनको देख कर मुझे हमेशा
सोनिया भाभी की याद आ जाती है!”
“हाँ यार पंकज, तूने सही कहा सोनिया बिल्कुल वैसी ही है वैसे है, मोटी गांड वैसी जांघें उतने ही मोटे चूचे कसम से तूने सही कहा!”
मैं भी आपने बदन की तारीफ सुन कर खुश हो रही थी।
“यार पंकज, अब बता, अगर तुझे सोनिया को चोदने का मौका मिले तो तू कैसे चोदेगा?”
“सच बताऊँ तो सोनिया भाभी को सबसे पहले एक टाइट सा टॉप पहनाऊंगा और नीचे एक मिनी स्कर्ट वो भी चिपकी हुई जिसमें से उनकी गोल गोल जांघों के दर्शन हो रहे हों और स्कर्ट की लम्बाई भी इतनी की सिर्फ़ उनकी पैंटी न
दिखे! अन्दर उनको एक सेक्सी सी बिकनी पहनाऊंगा जिसमे सिर्फ़ उनके चूचों की नोकें छुपें और चूत की दरार ढके! पीछे गांड के अन्दर से जाती हुई बिकनी! कसम से फिर धीरे धीरे से उनको अपने कपड़े उतरने को कहूँ, पहले टॉप!
फिर स्कर्ट धीरे धीरे! ब्रा उतरते ही उनको कहूँगा- अपने चूचे हाथ से पकड़ ले! फिर धीरे धीरे उनके चूचे उन्हीं के हाथ से चूसूंगा! फिर पैंटी को उन्हीं को उतारने को कहूँगा!”
मुझे भी ये सब ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरे साथ पंकज कर रहा है।
उधर पंकज पूरे मज़े से मनु को बता रहा था, “मैं भी पूरा नंगा हो कर सोनिया भाभी के मुँह में अपना लंड दे दूंगा! चूसाता ही रहूँगा चूसाता ही रहूँगा! जब तक उनके बदन पर अपना गरम माल नहीं छोड़ देता!”
“अपना माल झाड़ते ही फिर भाभी को दुबारा चूसने को कहूँगा इस बार उनकी आंखों पर पट्टी बाँध कर बिस्तर पर उल्टा लेटा कर उनके हाथ बाँध कर पीछे से उनकी चूत मारूंगा आहा! पीछे से जब चूत मारूंगा तब झटके
पड़ते ही सोनिया भाभी की चीख निकल जाए ऐसा झटका मारूंगा! आहा! हर झटके पर उनकी गांड पर पट!पट! की आवाज़ आहा! भाभी हर झटके पर चिल्ला कर कहेगी और तेज़ पंकज और तेज़!
फिर उनको कुतिया की तरह पोज़ में लाऊंगा! इस बार गांड पर थूक लगा कर अपना लंड सीधा करके सीधा एक ही शॉट में अन्दर! सोनिया भाभी चीखती रह जाएंगी आहा मर गई! कुत्ते! आआ आआ आआआ फाड़ डाली मेरी
गांड कमीने! अआहा हरामजादे! पंकज! ये क्या कर डाला तूने! पर मैं एक नहीं सुनूंगा! और लगातार लगा रहूँगा उनके भोसड़े को फाड़ने में!
भाभी जब चुप नहीं होंगी तो मुझे भी कहना पड़ेगा “! साली कुतिया एक तो इतनी टाइट गांड कर रखी है! उस पर जब तेरी गांड का भोसड़ा बना रहा हूँ तो चिल्ला रही है! साली कल को इतना बड़ा छेद कर दूंगा के जब मर्ज़ी
दो दो लंड ले लेना आगे भी पीछे भी एक साथ! साली रांड! आज ले ले मज़े! आज तो तेरी जवानी को कुचल के रख दूंगा!
और ये पक्का है मेरा ऐसा कहते ही भाभी और मज़े से मेरे साथ लग जाएगी! बड़ी देर तक भोसड़ा चोदने के बाद सोनिया भाभी की गांड से लंड निकाल कर उसी पोज़ में चूत में लंड पेल दूंगा! सोनिया भाभी की आवाज़
आएगी! बहन चोद अब आया न असली पोज़ में साले कुत्ते अब न छोड़ियो! मुझे पेल कमीने मादरचोद! आज तो इस प्यासी चूत की चटनी बना दे!
आअहा आह साली! ले और ले! ले आज पूरा लंड तेरी चूत के हवाले! और सोनिया भाभी भी अपनी गांड हिला हिला कर पीछे को धक्के मारती रहेंगी! हाँ हाँ पंकज हाँ हाँ! ले और तेज़! और तेज़! ले फाड़ दे आज चूत को! निकाल दे सारा पानी आज तो! कमीने! मेरी गर्म चूत को मत उदास छोड़ना! आज मेरा पानी निकाल दे … मैं सारी ज़िन्दगी तेरे लंड का सलाम लेती रहूंगी!
“इस पोज़ में भी काफी देर के बाद फिर पोज़ बदलूँगा इस बार उन्हें बिस्तर पर सीधा लेटा कर ख़ुद नीचे खड़ा होकर उनकी कमर पकड़ कर! अपना लंड बिल्कुल सीधा डाल कर!
“बस बस पंकज बस?” मनु तभी बोल पड़ा!
ओहो ये क्या किया मनु तूने मैंने मन ही मन सोचा! इतना मज़ा आ रहा था लग रहा था पंकज सच में ही मुझे चोद रहा था! मेरी चूत भी कुछ गीली हो चुकी थी!
“बस यार अब मेरा काम तो हो गया!” मनु ने अपना हाथ अपने लंड से हटा कर कहा!
“ये क्या मनु! तू मुठ मार रहा था?” पंकज बोला
“हाँ यार, क्या करूं … तू बता ही इस तरह से रहा था!”
“यार बता ही तो रहा था अगर असली में करुंगा तो तेरा क्या होगा?”
“होगा क्या … जब तू सोनिया को चोदेगा तो मैं भी तेरे साथ उसको चोदने लगूंगा!
“हाँ यार मज़ा तो बहुत आएगा, एक साथ सोनिया भाभी की चुदाई करने में!”
“हाँ हम तीनों एक कमरे में एक बिस्तर पर दोनों बिल्कुल नंगे और तेरी सोनिया भाभी तेरे पहनाए हुए कपड़ों में हम दोनों यहाँ बिस्तर पर बैठ कर पैग लगते हुए उसको कपड़े उतारते हुए देखेंगे और फिर टक टका टक!”चुदाई का खेल शुरू!
“पर यार, भाभी मानेगी?”
मैं तो कब से तैयार हूँ सालो! अभी आ जाओ तो बताती हूँ कौन किसे चोदता है! मैंने सोचा।
“यार उसे तो मनाना पड़ेगा पता नहीं तैयार होती है या नहीं! चल अभी तो तू यही सो जा! रात हो गई है सोनिया भी सो गई है। मैं भी मुठ मार कर हल्का हो गया हूँ, मैं भी सोता हूँ! अगर तुझे भी रात को मुठ मारने के लिए कुछ
चाहिए तो बता? सोनिया ने काफी सेक्सी मैक्सी पहन रखी है, थोड़ा सा उसकी जांघों के दर्शन चाहिएँ तो बता!
“हाँ यार करा दे यार! आज रात मुठ मार कर ही काम चलाता हूँ, आज तक सोनिया भाभी को सोच कर मुठ मारता रहा था, अब देख कर मुठ मारता हूँ!
मैंने ये सुन लिया और मैं भी सीधी लेट गई। अब मेरी टाँगें पूरी तरह दिख रही थी!
“ये ले पंकज!” मनु ने मेरी पूरी मैक्सी ऊपर कर दी। अब सिर्फ़ मेरी पैंटी दिख रही थी और मेरी नंगी जांघें उन दोनों के सामने थी!”
“आऽह ऽआ मनु साले कसम से क्या जांघें हैं! मन कर रहा है खोल कर कच्छी खींच कर डाल दूँ अन्दर!”
तो देख क्या रहा है कुत्ते!कर न फिर! मैंने सोचा।
पंकज ने अपना लंड निकाल लिया और मेरे सामने ही मुठ मारने लगा।
मैं भी थोड़ी खुली आंखों से उसके लंड को निहार रही थी, सच में काफी बड़ा लंड था उसका!
कितनी ही लड़कियाँ उस लंड ने चोदी होंगी! सोच कर ही मेरे बदन में सिहरन हो गई!
पर ये क्या??
पंकज भी झड़ चुका था! खैर चलो! शायद कल इनका प्रोग्राम बन जाए! और मेरे मज़े आ जायें?
अगले दिन फिर जो हुआ वो सब मैं आपको अगली बार बताऊंगी!
पर इतना है कि उसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा!
सोनिया Hindi Sex Stories