आज मुझे मत रोकना- Antarvasna

Antarvasna

दोस्तो, मेरा नाम सुरेश पाटनी Antarvasna है, मैं अजमेर का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र २० साल की है। मैं अन्तर्वासना का एक महीने से पाठक हूँ। अब मैं आपको अपने जीवन की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।

बात उन दिनों की है जब मैं १२वीं में था। मेरे एक्साम होने वाले थे और मैं अंग्रेजी में बेहद कमजोर था। अच्छे नंबर लेने के लिए मैंने अपनी इंग्लिश वाली मैडम से मुझे एक महीने पढ़ाने को कहा तो वो मान गई।

उनका नाम रचना सिंह था, वो ३० साल की थी, उनका कद ५ फ़ुट ४ इंच, उनका फिगर ३७-३०-३८ का होगा। बड़ी सेक्सी थी वोह ! पूरे साल मैं बस उनको ही देखता था और इसलिए मैं अंग्रेजी में कमजोर हो गया था। वो इतनी सेक्सी थी कि जब भी मैं उन्हें देखता था, बस मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था। बस मैं यही कहता था कि कब उनके बूब्स को दबाऊं ! मैं रात को मुट्ठ मारा करता था।

अब मैं कहानी पर आता हूँ। मैडम ने मुझे टयूशन पढ़ने के लिए हाँ कर दिया था और मुझे शाम को ६ से ७ का टाइम दिया था। उनके घर में सिर्फ उनका एक बेटा जो कि ७ साल का था, रहता था। उनका तलाक हो चुका था। शाम को उनका बेटा अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए निकल जाता था और मैडम के घर में सिर्फ हम दोनों ही होते थे। मैडम घर में तो और भी माल लगती थी। जब वो मुझे पढ़ाती थी, मैं बस उनके बूब्स को ही देखता रहता था पर मैंडम को शक नहीं होता था। फिर मैं घर जाकर मुट्ठ मारा करता था, मैं तो सपने में बस मैडम को ही देखता था पर मैं कर भी क्या सकता था।

पर मेरे दिमाग में एक आईडिया आया। अगले दिन से मैं मैडम के घर जब भी जाता तो एकदम बन-ठन के जाता, परफ्यूम लगा कर जाता। जब मैं पहले दिन बन-ठन के गया तो मैडम ने मुझसे कहा- क्या बात है बड़े स्मार्ट लग रहे हो ! किसी गर्ल-फ्रेंड से मिलने जा रहे हो क्या?

तो मैंने मजाक में ही कहा- मैडम ! मेरी ऐसी किस्मत कहाँ कि कोई मेरी गर्ल-फ्रेंड हो !

तो मैडम ने कहा- क्यों ! तुम तो काफी सेक्सी हो !

उस दिन मैंने बाद में मैडम से मजाक में कह दिया की मैडम क्या आप मेरी गर्ल-फ्रेंड बनोगी?

तो मैडम ने समझा कि मैं मजाक कर रहा हूँ और मुस्कुरा दी।

ऐसे ही एक हफ्ता निकल गया। अब मैं मैडम से खुल के बाते करने लगा। मैंने मैडम से पूछा- मैडम आप अकेले रहती हो ! आपको अजीब नहीं लगता?

मैडम ने कहा- मैं कर भी क्या सकती हूँ?

तो मैंने जल्दी से बोला- आप कोई दोस्त क्यूँ नहीं बना लेती?

उन्होंने मुझे घूरा, फिर मुस्कुरा दी और बोली कि मेरा दोस्त कौन बनेगा?

मैंने बोला- मैं बन जाता हूँ !

और इतना कहते ही मैंने मैडम का हाथ पकड़ लिया।

फिर मैडम ने कहा- ठीक है !

उस दिन से मैं मैडम के घर आने जाने लगा। रात के ९ बजे तक भी मैं उनके घर चला जाता था, वो भी मुझसे दिल खोल कर बातें करने लगी। मैं मैडम के घर का काम भी कर देता था जैसे मार्केट से कुछ लाना हो आदि।

एक दिन मैंने मैडम से पूछ ही लिया- आपको अकेले रात बितानी पड़ती है, आप को डर नहीं लगता?

मैडम मुस्कुरा दी।

फिर मैंने कहा- अगर आप को डर लगे तो मुझे बुला लेना।

तो उन्होंने कहा- ठीक है।

अब मैडम और मुझमे एक रिश्ता सा बन गया था।

एक दिन जब मैं उनके घर पढ़ रहा था तभी बल्ब ख़राब हो गया। मैडम ने मुझे कहा कि मैं दूसरा बल्ब लगा दूँ ! और मुझे एक दूसरा बल्ब दिया। बल्ब काफी ऊपर था और मैं पहुंच नहीं पा रहा था और मैंडम के घर में कुछ था भी नहीं कि जिसके सहारे वहाँ तक पंहुचा जा सके। उसी समय मैंने मैडम को मजाक में कहा- मैडम मैं आपको उठाता हूँ और आप बल्ब लगा दो।

मैं हैरान हो गया जब मैडम ने कहा- हाँ, ठीक है।

मैंने ख़ुशी से उनको अपने गोद में उठा लिया। वाह कितना कोमल शरीर था उनका ! मैंने उनको गोद में उठा लिया, उनकी गांड मेरी छाती से मिल रही थी और पीठ मुँह से। मुझे इतना मजा आया कि मैं सब कुछ भूल कर मैडम की पीठ सूंघने लगा। मैडम काफी भारी थी, धीरे धीरे वो नीचे आ रही थी। अब मेरे हाथ मैडम के पेट तक पहुँच गए लेकिन मैडम ने कुछ भी नहीं कहा। तब मुझमें हिम्मत आई और मैंने जान बूझझ कर मैडम को और नीचे कर दिया। अब उनकी गांड मेरे लण्ड तक पहुँच गई और उनके बूब्स मेरे हाथों में ! लेकिन मैडम वैसे ही खड़ी रही। तब मैंने उनके बूब्स को धीरे से दबा दिया और उन्होंने आह कर दिया।

अब मैं अपने हाथों से उनके बूब्स मसलने लगा और थोड़ी देर बाद वो गरम हो गई। मैं भी गरम हो गया था, मेरे लण्ड एकदम ९० डिग्री पर था। मैंने मैडम को दोनों हाथों से उठाया और बेड पर पटक दिया। फिर मैंने मैडम से बोला- मैडम, आज मुझे मत रोकना !

वो बोली- ठीक है !

मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए, मेरा लण्ड देखकर मैडम उछल पड़ी। मेरा लण्ड ८ इंच लम्बा और ३ इंच मोटा है। मैडम मुझ पर कूद पड़ी और मेरे लण्ड को चूसने लगी। मैं भी उनके कपड़े उतारने लगा। वाह क्या चुच्चियाँ थी उनकी ! मैं उनके बूब्स दबाने लगा।

अब वो इतनी गरम हो चुकी थी कि बोलने लगी- सुरेश ५ सालों से मैंने किसी से नहीं चुदाया, तुम आज मेरी फाड़ दो !

फिर मैंने मैडम को सीधा बेड पर लेटाया और उनकी बुर को चाटने लगा। उनकी बुर पर एक भी बाल नहीं था। मुझे काफी मजा आ रहा था, वो भी आह आह कर रही थी। थोड़ी देर बाद उनकी बुर से पानी सा निकल गया।

अब उनसे कण्ट्रोल नहीं हो रहा था, उन्होंने कहा- अब अपने लण्ड को मेरी बुर में डाल भी दो !

मैं अपना लण्ड जो कि एकदम टाइट था उनकी बुर में डालने लगा, पर मैंने इससे पहले कभी चुदाई नहीं की थी इसलिए मैं ठीक से उनकी बुर में डाल नहीं पा रहा था। फिर उन्होंने अपने हाथों से अपनी बुर को खोला और फिर मैंने अपना लण्ड उनकी बुर में डाल दिया। मेरा पूरा लण्ड जाते ही वो चिल्लाने लगी- आह ! आहऽऽऽआह आह चोदो, चोदो मुझे ! फाड़ दो मेरी बुर को !

मैं उन्हें जोर से चोदने लगा। वो आह आह करती रही। अब मैं उनको चोदता रहा, चोदता रहा, लगभग ३० मिनट तक चोदा और वो दो बार झड़ चुकी थी। मैं भी उनकी बुर में ही झड़ गया। अब वो शांत हो चुकी थी पर मैंने पहली बार चुदाई की थी इसलिए मैं फिर उन्हें चोदना चाहता था। १५ मिनट तक मैं उनके बूब्स दबाता रहा।

फिर उन्होंने कहा- अब बस करो ! चिंटू आता ही होगा !

मैंने उनसे कहा- नहीं मैडम ! अब मुझे आपकी गांड मारनी है !

वो मना करने लगी पर मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने उनको बेड पर उल्टा लिटा दिया। अब मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो चुका था, मैं उनकी गांड में अपने लण्ड डालने लगा। पर वो डर रही थी कि कहीं चिंटू आ न जाये।

मैं उन पर चढ़ चुका था, अब वो जा भी नहीं सकती थी। मैं उनकी बुर में अपनी ऊँगली डाल कर अंदर बाहर कर रहा था। २ मिनट बाद वो फिर से गरम हो गई और मुझे सहयोग करने लगी और अपने हाथों से अपनी गांड को खोल दिया, मैंने जोर से अपने लण्ड को उनकी गांड में डाल दिया। जैसे ही मेरा लण्ड उनकी गांड में घुसा, वो ऐसे चिल्लाने लगी जैसे अभी मर जायगी। वोह बोलने लगी- सुरेश, प्लीज़ इसे बाहर निकालो !

पर मैं और जोर से चुदाई करने लगा, वोह जोर जोर से चिल्लाती रही, पर मैं नहीं रुका। २० मिनट तक मैं उनके ऊपर चढ़ कर उनको चोदता रहा।

अब वो बोलने लगी- सुरेश अब बाहर निकालो ! बाहर निकलो प्लीज़ !

पर मैं जोर जोर से मारता रहा, मारता रहा और ३० मिनट बाद मैं उनके गांड में झड़ गया।

मैडम ने कहा- अब तुम अपने घर जाओ !

फिर मैं अपने घर चला आया।

उसके बाद मैं मैडम को १०-११ बार चोद चुका हूँ।

मेरी यह कहानी आप को कैसे लगी? मुझे इ-मेल करें! Antarvasna

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