तेरे भैया तो चूसने ही नहीं देते- Antarvasna

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार! Antarvasna

मैं राजेश लुधियाना से Antarvasna आपको अपनी कहानी नहीं बल्कि हकीक़त बताने जा रहा हूँ जो मेरे साथ हुआ।

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भैया की नई नई शादी हुई थी, हम सब बहुत खुश थे क्योंकि भाभी बहुत ही खुश मिजाज हैं। शादी के कुछ महीनों बाद हमारे माता पिता को किसी काम से आठ दस दिन के लिए कहीं जाना पड़ा, सो घर में हम तीनों ही रह गए। उस पर भैया को एक दिन ऑफिस के काम से जाना पड़ा।

उस दिन घर में हम दोनों अकेले थे, सो भाभी से कहा- भाभी, कहाँ अकेले मेरे लिए खाना बनाओगी! चलो कहीं बाहर घूम आते हैं, आपका दिल भी बहल जायेगा और बाहर से खाना भी खा आयेंगे।

तो भाभी झट से मान गई। हाँ! मेरी भाभी की उम्र 26 साल कद 5’3′ रंग गोरा और फिगर 36/28/34 है। उसने जींस और टॉप पहना और हम मूवी देखने गए। हमने मूवी देखी। मूवी थोड़ी रोमांटिक थी सो मुझे कुछ अलग महसूस हो रहा था।

हम ने खाना पैक करवाया और सोचा घर जाकर खायेंगे। खाना पैक करवा के घर आ गए और मैं भाभी से बोला- आप कपड़े बदल लो, फिर खाना खाते हैं।

भाभी ने अपनी नाईट ड्रेस पहन ली। ड्रेस पारदर्शक थी, उसमें से उसके शरीर का एक एक कट नज़र आ रहा था कि कहाँ से उसकी चूचियाँ शुरू होती हैं, कहाँ पर ब्रा है और कहाँ से कमर और कहाँ पर उसकी पेंटी है।

उसको ऐसे देख कर मेरे शोर्ट्स में मेरा लंड स्टील रॉड की तरह हो गया। मेरा बैठना मुश्किल हो गया, बड़ी मुश्किल से अपने लंड को नज़र छुपाकर कुछ ठीक किया।

उसके बाद हमने खाना खाना शुरू किया तो मैंने भाभी से कहा- तुम रोज सर्व करती हो, लाओ, आज मैं करता हूँ!

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और मैं जैसे ही दाल भाभी की प्लेट में डालने लगा तो मेरा ध्यान हट गया और दाल भाभी की ड्रेस के ऊपर गिर गई। मेरी तो जान ही निकल गई कि अब भाभी मुझे डांटेगी। मैंने झट से पास पड़े कपड़े से उनकी ड्रेस साफ़ करनी शुरू कर दी। पहले तो मैं ड्रेस ही साफ़ कर रहा था पर अचानक मेरा ध्यान गया कि दाल उनकी चुचियों पर गिरी है और उनकी आँखें बंद हैं। शायद मेरे दाल साफ़ करने पर वो गरम हो रही थी तो मैंने दाल साफ़ करने के बहाने उनकी चुचियों को सहलाना चालू रखा।

उनकी चुचियाँ कड़ी हो रही थी और इधर शोर्ट्स मेरा लंड भी फड़क रहा था। भाभी की आँखें अभी भी बंद थी तो मैंने दूसरे हाथ से उनकी दूसरी चूची को सहलाना शुरू कर दिया और साथ में दबा भी रहा था। जब भाभी ने कुछ नहीं कहा तो मैं समझ गया कि वो भी गरम है। तो मैंने उसकी चुचियों को जोर से दबाना शुरू कर दिया तो उनके मुँह से आह्ह् अह्ह् उफ्फ्फ निकलने लगा। मैंने लोहा गरम जान कर उनकी नाइटी का फ़ीता खोल दिया। अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी। उनकी आँखें अभी भी बंद थी।

अब मैं उनकी चुचियाँ ब्रा के ऊपर से सहला रहा था। वाह, क्या सफ़ेद चुचियाँ थी! पहली बार इतनी पास से देख रहा था! दिल कर रहा था खा जाऊँ! उनको सहलाते सहलाते हाथ कभी पेट तक ले जाता और कभी नाभि तक! तो वोह सिसक पड़ती- आ आआ आह्ह्ह ह हम्म म्म्म्म!

एक हाथ से सहलाते हुए हाथ पीछे ले जाकर उसकी ब्रा खोल दी और उनकी ब्रा में टाइट हो रही चुचियों को आज़ाद कर दिया। भाभी की आँखें अभी भी बंद थी। मुझे लगा शायद वो आँखें खोलकर मेरे साथ नज़र मिलाना नहीं चाहती थी।

उनके चुचूक बिल्कुल छोटे थे पर एक दम सख्त थे और हल्के रंग के थे। उसके चुचूक देख कर लंड अब बाहर आने को बेताब था, लगता था कि अगर एक दो मिनट में नहीं निकला तो अंडरवियर को फाड़ देगा।

भाभी की आँखें बंद थी तो मुझसे रहा नहीं गया, मैंने झट से भाभी के चुचूक को मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया। भाभी ने एकदम से मुझे पकड़ लिया और मेरे सिर को जोर से दबाना शुरू कर दिया और कहने लगी- आह्ह्ह्ह हाँ! ऐसे ही करो और जोर से आआआआह्ह्ह ह्ह्ह आज इनको नहीं छोड़ना! बहुत प्यासी है यह! इनको खूब अच्छे से चूसो! आ आह!

अब तो मैं दोनों चुचियों पर टूट पड़ा, मैं पागल हो रहा था भाभी की मस्त चुचियाँ देख कर! उनको मसल रहा था, चूस रहा था जैसे बच्चे चूसते हैं। कभी कभी काट भी लेता था तो वो चिल्ला उठती। पर मेरे सिर को दबाये जा रही थी। मैंने 8-10 मिनट तक भाभी की चुचियों को खूब चूसा, चूस चूस के लाल कर दी, कहीं कहीं तो दांतों के निशान पड़ गए थे।

अब मैंने भाभी को ऐसे ही अपनी गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया, जाकर भाभी को बिस्तर पर गिरा दिया, मैं उन पर गिर पड़ा और भाभी को चूमना शुरू कर दिया। भाभी सिर्फ पेंटी में थी पर पेंटी पर निशान से पता लग रहा था कि भाभी स्खलित हो चुकी है।

मैंने भाभी को हर जगह चूमा, हर चुम्बन पर वह सिसक पड़ती। उसमें से आ रही मदमस्त खुशबू मुझे और पागल कर रही थी। अब वह भी मुझे पागलों की चूम रही थी। जब मैंने भैया का पूछा तो कहती- उनके पास समय नहीं है ऐसे प्यार करने का! उनको तो बस दो मिनट का सेक्स पसंद है, चूत में डाला और हो गया! उनको यह सब पूर्व-क्रीड़ा पसंद नहीं है। इसलिए आज सच में मजा आ रहा है! पहली बार किसी ने मुझे सेक्स से पहले वो मजा दिया जिसके लिए मैं तड़पती रही हूँ।

इतनी देर में मैंने भाभी की पेंटी भी उतार दी थी, वाह क्या मस्त चूत थी! आज तक ऐसी चूत तो मैंने ब्लू फिल्म में भी नहीं देखी थी, एक दम सफ़ाचट थी, चूत के होंठ गुलाबी थे और बिल्कुल छोटा सा चीरा था ऐसे लग रहा था जैसे अभी कुँवारी है। मुझसे रहा नहीं गया और मैंने झट से उसको चूसना शुरू कर दिया तो वह एक दम से उछल पड़ी। मैंने झट से उसकी चूत में जीभ डाल दी और उसका रस चूसना शुरू कर दिया। बहुत ही स्वादिष्ट थी उसकी चूत! उसकी चूत को चाट चाट कर साफ़ कर दिया मैंने!

वो बड़ी जोर से मेरा सिर दबा रही थी और कह रही थी- आऽऽ आह्ह उफ्फ्फ आअह्ह्ह ह्ह्हू ऊऊउल् मैं मर गई!

अब तक उसका हाथ मेरे लंड तक पहुँच गया था, वो उसको सहला रही थी निकर के ऊपर से! मैंने झट से अपनी निकर उतार दी। अब हम बिल्कुल नंगे थे। वह मेरा लंड देख कर हैरान रह गई, कहती- इतना बड़ा?

अब मैंने फिर से भाभी के चुचूक चूसना शुरू कर दिया और उनको जोर से मसल रहा था, तो कहती- हाँ राजेश! और जोर से कर! आआह्ह बहुत मजा आ रहा है!

फिर कोई 5 मिनट की चुसाई के बाद हम 69 पोज़ में आ गए। भाभी ने कहा- ला राजेश, अब मुझे भी मजा लेने दे! तेरे भैया तो चूसने ही नहीं देते! ना चूसते हैं, ना ही चुसवाते हैं!

भाभी ने झट से मेरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। पर लौड़ा इतना बड़ा हो गया था कि उनके मुँह में नहीं आ रहा था। पर जितना आ रहा था, वो उतना बड़ी मस्ती से चूस रही थी। मेरी भी जान निकल रही थी, लगता था जैसे कहीं स्वर्ग में आ गया हूँ और मैं भाभी की चूत को बड़ी मस्ती से चूस रहा था। कभी उसके दाने को चूसता तो कभी होंठों से खींचता तो उछल पड़ती। कभी उसकी चूत में उंगली करता, कभी उसकी चूत में जीभ डालता। पूरी चूत की मस्ती से चुदाई कर रहा था जीभ से!

इस दौरान वो कम से कम तीन बार झड़ चुकी थी। अब मैं भी झड़ने के करीब था तो मैंने भाभी का सिर पकड़ लिया और जोर से उनके मुँह की चुदाई शुरू कर दी। वो ग्गू गुउउऊ कर रही थी उसकी आवाज़ नहीं आ रही थी। मैंने बालों से पकड़ कर पूरा लंड मुँह में डाल दिया तो लगता जैसे उसकी सांस रुक गई। वो मिचका रही थी पर मैंने पूरे जोश से उसके मुँह की चुदाई चालू रखी और 5-7 मिनट बाद उसके मुँह में ही झड़ गया। उसने भी सारा रस पी लिया, एक भी बूँद बाहर नहीं गिरने दी।

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मैं झटके लेकर झड़ता रहा, लग रहा था कि जैसे आज वीर्य निकलना बंद नहीं होगा।

हम दोनों थक गए थे और ऐसे ही नंगे एक दूसरे के साथ चिपक कर सो गए।

उसके बाद अगले दिन क्या हुआ, वो आपके जवाब देने पर बताऊँगा। Antarvasna

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