मैं कमरे का दरवाजा बंद करके बेड पर आकर बैठ गई.
मैंने अपना लैपटॉप निकाला और ऑफिस का प्रोजेक्ट पूरा करने लगी क्योंकि वह मुझे कल ही देना था.
मैं जल्दी जल्दी उसे खत्म करने का सोचते हुए लगी रही और कुछ ही देर में वह काम पूरा हो गया.
मैंने टाइम देखा तो रात के 12.30 हो चुके थे.
तब मैंने लैपटॉप बंद करके रखा और लेट कर अपना फोन देखने लगी.
मेरे ब्वॉयफ्रेंड की कई मिस्ड कॉल आ चुकी थीं.
मैंने उसे कॉल की और सॉरी बोली.
वह बोला- इट्स ओके बेबी, वैसे क्या कर रही थी जान!
मैंने उसे बताया कि प्रोजेक्ट कंप्लीट कर रही थी.
वह बोला- फिर तो बहुत थक गई होगी. चलो मैं तुम्हें वीडियो कॉल पर रिलैक्स करता हूँ.
मैंने कॉल कट की और उसकी वीडियो कॉल उठा ली.
उसने टॉप उतारने को कहा.
मैंने झट से टॉप उतार दिया और ऊपर से नंगी हो गयी.
हम दोनों के बीच वीडियो कॉल सेक्स शुरू हो गया.
मैं अपने बूब्स मसल रही थी और वह अपना लंड हिला रहा था.
फिर उसने मुझे शॉर्ट्स उतारने का कहा.
मैंने झट से अपना फोन एक जगह टिकाया और उसे दिखाती हुई शॉर्ट्स उतारने लगी.
धीरे धीरे मैंने पूरा शॉर्ट्स उतारा और उसने मुझे टांगें फैलाने को कहा.
मैं दोनों टांगों को फैला दिया और अपनी चूत को रगड़ने लगी. वहां वह अपना लंड हिलाने लगा.
मैं धीरे धीरे पूरी गर्म हो गई.
मैंने झट से अपनी चूत में दो उंगलियां घुसा दीं और तेज तेज उंगली से चूत चोदने लगी- आआहह आआअह आआअह तरुण चोदो मुझे … चोदो मुझे और तेज और तेज … आह!
मैं आंखें बंद किए तेज तेज उंगली को अन्दर बाहर कर रही थी.
वहां ब्वॉयफ्रेंड भी पूरे जोश में मुझे गालियां देता हुआ लंड हिला रहा था- आआअह आह ले साधना ले मेरा लंड अपनी चूत में साली रंडी कुतिया रंडी की बच्ची … तेरी मां चोद दूंगा साली.
यहां मैं भी सिसकारियां भरती हुई कहे जा रही थी- आआअह आह आआ अहह तरुण … चोद चोद … मेरी चुत को फाड़ साले … तेरी मां का भोसड़ा आह!
वहां से वह बोला- आआअह साधना, मुझे तेरी मां की गांड बहुत पसंद है यार … आह आआअह कितनी मोटी है तेरी मां की गांड … जब चलती है साली तो क्या मस्त हिलती है ऊपर नीचे … मन करता है कि साली को पकड़ कर गाड़ फाड़ दूँ रंडी की!
‘आह आआअह आआआहह तरुण फाड़ दो ना किसने रोका है … चोद दो मेरी मां को … आह आआहह चोदो मेरी रंडी मां को तरुण.’
तभी वह ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां लेने लगा और कैमरे पर झड़ गया.
पर मैं अभी भी नहीं झड़ी थी.
उसने बाई बोल कर कॉल कट कर दी.
मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया.
पर मैं बहुत गर्म थी.
बेड पर लेटी मैं और तेज तेज उंगली से चूत को चोदने लगी.
मैं सिसकारी ले रही थी- आआ हहह आआअह मुझे मोटा लंड चाहिए अपनी चूत में … कोई चोदो मुझे!
तभी मेरे दिमाग में आज दोपहर की बात घूमने लगी.
मेरी आंखों के सामने उस भिखारी का लंड घूमने लगा.
मैं उसका लंड याद करके अपनी चूत चोदने लगी.
हालांकि उतना मज़ा नहीं आ रहा था.
मैं उठी और नंगी ही बाहर आ गई और किचन में जाने लगी.
मैंने किचन में आकर फ्रिज खोल कर उसमें से एक खीरा और एक केला निकाल लिया.
मैं दोनों को लेकर कमरे में आने लगीं तो उसी वक्त मुझे भैया के कमरे से आवाजें आईं.
तब मैं दबे कदमों से खिड़की की तरफ गई और धीरे से उसके एक पल्ले को धकेला तो आधी खिड़की खुल गई.
मैंने अन्दर झाँका तो देखा कि अन्दर भाभी और भैया पूरे नंगे थे.
भाभी नीचे लेटी हैं और भैया उनके ऊपर चढ़े हैं.
वे झटके दे रहे हैं.
मैंने सुना कि भाभी भैया को गालियां दे रही थीं- आह आआ अह आआअह … चोद चोद मुझे साले हिजड़े … और तेज चोद फाड़ दे मेरी चूत … तेरी मां की चूत साले … और अन्दर डाल … तुझसे नहीं हो रहा तो जा और रोड से कोई तगड़ा लंड मेरे लिए पकड़ कर ला!
मैं उन दोनों को सुनती हुई अपनी चूत पर केला फिराने लगी.
तभी भैया ने कुछ ऐसा बोला, जिसे सुन कर मैं दंग रह गई.
भैया बोले- जान, तुम्हें मेरे दोस्तो के लंड कैसे लगे?
भाभी बोली- मस्त यार, उसमें से मुझे राकेश, अनिरुद्ध और आकाश का लंड बहुत पसंद आया. तीनों बहुत मस्त चोदते हैं. ऐसे ही एक एक करके मुझे सबसे मिलवाता रह … मैं सबका एक एक करके लंड अपनी चूत में ले लूंगी.
उन दोनों की बात सुनकर तो मेरे पैरों के नीचे की जमीन ही खिसक गई.
मेरे भैया अपनी ही बीवी को अपने दोस्तों से चुदवाते हैं.
भैया बोले- हां मेरी जान, अभी तो दोस्तों के अलावा भी बहुत लोग हैं … जिनसे तुझे चुदवाना है.
भाभी बोलीं- आह्ह आआअह हां, पर मुझे एक बार तेरे सामने तेरे किसी दोस्त से चुदवाना है. मैं तेरे सामने उसका लंड लूंगी और तू अपना लंड हिलाएगा.
भैया बोले- हां मेरी जान, जल्दी ही ये भी होगा. वैसे तू मेरी असली रंडी बीवी है. मैं तो बस तुझे दोस्तों से मिलवा देता हूँ. तू खुद ही उन्हें अपने जाल में फंसाती है, उन्हें अपना दीवाना बना देती है. फिर एक एक करके सबसे मिलती है और अपनी चूत उठा उठा कर उनसे चुदवाती है.
भाभी बोलीं- तो क्या करूं … तेरे अकेले लंड से मेरा कुछ होता ही नहीं है.
भैया बोले- तुझे पता है ना, मैं तुझे सबसे ज्यादा किससे चुदते हुए देखना चाहता हूं!
इस पर भाभी ने जो बोला, उसे सुन कर तो मेरे पसीने छूटने लगे.
भाभी बोलीं- आह्ह आआ अह हां मैं जानती हूं जान, तू मुझे अपने बाप से चुदवाते देखना चाहता है. चिंता मत कर पापा जी को फंसाने का काम जारी है. जल्दी ही मैं उनके लंड की सवारी करूंगी. जब से तूने मुझे बताया है कैसे पापा आज भी मम्मी जी को बुरी तरह चोदते हैं और उनका लंड भी बहुत लंबा और मोटा है, तभी से मैं खुद उनके लंड की सवारी करने के लिऐ बेचैन हूं!
यह सुनते ही भैया ने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
भाभी शायद समझ गईं कि भैया का रस आने वाला है.
भाभी ने झट से भैया को पकड़ बेड पर गिरा दिया और खुद झुक कर उनका लंड मुँह में लेकर तेज तेज चूसने लगीं.
भैया सिसकारियां भरने लगे और भाभी का मुँह पकड़ अन्दर दबाने लगे- आआअह आआअह मेरी रंडी चूस!
भाभी मस्ती से भैया का पूरा लंड मुँह में लेकर चूस रही थीं.
तभी भैया ने जोर से भाभी का मुँह अन्दर दबाया और अपनी गांड उठा दी.
मैं समझ गई कि भैया भाभी के मुँह में झड़ने लगे हैं.
करीब दो मिनट बाद भैया ने भाभी का मुँह छोड़ दिया.
भाभी ने मुँह लंड से निकाला और भैया के ऊपर लेट गईं.
उन्होंने अपने मुँह से भैया का माल थोड़ा उनके होंठों पर गिरा दिया और उन्हें चूमने लगीं.
भैया और भाभी दोनों एक दूसरे को पूरा मुँह खोल कर चूमते हुए एक दूसरे के मुँह में भैया का माल डालने लगे.
धीरे धीरे वह दोनों चूमते हुए सारा माल पी गए.
भाभी ने भैया को किस की और उनके ऊपर नंगी ही उन्हें हग करके लेट गईं.
वे दोनों रोमांटिक बातें करने लगे.
मैंने धीरे से खिड़की को बंद किया और अपने कमरे में आ गई.
दरवाजा बंद करके मैं सीधी बेड पर आकर बैठ गई.
मैंने अपनी चूत को देखी तो वह बहुत ज्यादा गीली हो चुकी थी.
मैं बेड पर लेटी और टांगें फैला कर भाभी और भैया की चुदाई वाली बातें याद करने लगी.
मेरी आंखें बंद हो गईं. मैं केले को एक झटके में पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी और खीरे को अपनी Xxx चूत पर रख रगड़ने लगी.
मैं पूरी मदहोश हो चुकी थी.
केले को तेज तेज अपने मुँह के अन्दर बाहर करने लगी और चूत पर खीरा ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी.
मेरे दिमाग में अजीब सी बातें घूमने लगीं.
जब भैया भाभी ऐसा कर सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं.
मैं भी तो किसी और का लंड अपनी चूत में ले सकती हूँ.
ये सोचते हुए मुझे उस भिखारी का बड़ा लंड याद आने लगा.
मैंने उसका लंड याद करके ज़ोर से खीरा अन्दर पेला और खीरा मेरी गीली चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया.
पता नहीं क्यों … आज मुझे यह दर्द भी मीठा लगने लगा.
मैं उस भिखारी को याद करती हुई जोर जोर से अपनी चूत में खीरा अन्दर बाहर करने लगी और केला चूसने लगी.
साथ ही मैं गर्म सिसकारियां लेने लगी- आह आआअह आह … कितना बड़ा लंड है तुम्हारा आह … यार जब तुमने देख लिया था कि मैं तुम्हारा लंड घूर रही हूँ, तो मुझे रोका क्यों नहीं. उसी टाइम तुम्हें मुझे पकड़ अपना लंड मेरी चूत में डाल देना था. आआ अहह आआअह प्लीज मुझे चोदो … मैं बहुत प्यासी हूं मुझे तुम्हारा लंड चाहिए … मुझे रखैल बना लो अपनी … आह मेरे राजा!
मैं आज इतनी पागल हो चुकी थी कि मैंने केला मुँह से निकाल कर सीधा अपनी गांड पर फिराना शुरू कर दिया.
मैंने झट से अपनी टांगों को हवा में उठा लिया और बिना देर किए ज़ोर से केला अन्दर धकेल दिया.
पर वह फिसल गया.
मैंने केला हटा कर एक तरफ रखा और अपने हाथ पर थूक कर ढेर सारा थूक अपनी गांड के छेद पर चुपड़ दिया.
फिर थूक को छेद के अन्दर अच्छे से लगाने लगी.
गांड चिकनी हो गई तो मैं केला छेद पर फिराने लगी … और जोर से एक झटका दे दिया.
इस बार केला मेरी गांड को चीरता हुआ अन्दर घुसता गया.
मेरी चीख निकली, तो मैंने होंठों को दबा कर चीख को रोक लिया.
मुझे बहुत दर्द होने लगा, पर मैंने फिर भी उसे बाहर नहीं निकाला.
मैं थोड़ी देर वैसे ही केले को अन्दर डाल रुक गई.
कुछ मिनट बाद जब मेरा दर्द कम हुआ तो मैंने केला और खीरा दोनों को अपने हाथों से पकड़ा और जोर जोर से दोनों को चूत और गांड में अन्दर बाहर करने लगी.
आह मस्त मजा आ रहा था. मैंने चुदासी सिसकारियां भरने लगी.
उस भिखारी को याद करती हुई अपने दोनों छेदों की ओवर हालिंग करने लगी- आअह आआह चोदो मुझे … आह चोदो मुझे … अपने बड़े लंड से … आह बना लो मुझे अपनी रंडी … फाड़ डालो मेरी चूत और गांड को … आह मेरे राजा भर लो मुझे अपनी बांहों में … मुझे तुम्हारे लंड की जरूरत है मेरे राजा!
मैं पूरे जोश में दोनों को अन्दर बाहर कर रही थी.
मेरा जिस्म बहुत गर्म हो गया था और मैं आंखें बंद किए बस उस भिखारी को अपने पास महसूस कर रही थी.
मैं कभी खीरा गांड में और केला चूत में … तो कभी केला गांड में और खीरा चूत में ले रही थी.
ऐसा करते करते मुझे एक घंटा हो गया था.
तभी अचानक से मेरी जांघें कांपने लगीं. मेरी गांड जोर से हवा में उठ गई और मेरे हाथों की स्पीड अपने आप बढ़ गई.
मेरे मुँह से जोर जोर से आवाजें निकलने लगीं- आआअह आआ अहह आआअह … मेरे राजा चोदो चोदो अपनी रंडी को और तेज चोदो बना दो आज इसका भोसड़ा … मैं तुम्हारी रंडी हूँ … तुम्हारे मूत पीने वाली … तुम्हारे मूत से नहाने वाली कुतिया हूँ … आह मेरे मालिक चोदो अपनी रखैल रंडी को … भर दो मेरे मुँह में अपना माल आआ आह्ह्ह आह आआह आआ ह्ह्हह!
मैं झड़ने लगी.
मेरी चूत से बहुत जोर से पानी का फव्वारा जैसे उछल कर निकलने लगा.
मैं बिना रुके खीरा Xxx चूत के अन्दर बाहर करती रही.
सच कह रही हूँ कि मैं लगातार दो मिनट तक झड़ी.
फिर मेरा शरीर पूरा ढीला पड़ गया.
मैंने चूत और गांड से खीरा और केला निकाल कर उन्हें चूसने लगी और उन्हें साफ कर दी.
मैं फिर उठने लगी पर मुझसे उठा तक नहीं जा रहा था.
किसी तरह से मैं कोशिश करके उठी और देखा तो पूरी बेडशीट मेरे पानी से गीली हो चुकी थी.
मैंने उसे बदलने का सोचा, पर जैसे ही खड़ी हुई, मेरे पैर लड़खड़ाने लगे और मैं बेड पर गिर गई.
फिर मैंने चादर को कल बदलने का सोचा और नंगी ही ब्लैंकेट ओढ़ कर सो गई.