प्रेषक : अनी अरोड़ा हाय दोस्तो,Antarvasna
मेरा नाम अनी है। मैं फरीदाबाद का Antarvasna रहने वाला हूँ। मैं आपको अपनी कहानी बताता हूँ।
ये मेरे जीवन की सच्ची कहानी है। मैं प्रोफेशन से एक कॉलबाय हूँ।
मैं एक दिन घर पर था, मुझे उस दिन फ़ोन-काल आया, किसी कुसुम नाम की लड़की का। उसने मुझे अपने घर मालिश करने के लिए बुलाया। उसने मुझे अपना पता दिया, वो भी फरीदाबाद की ही रहने वाली थी। वह बड़े परिवार से थी। उसकी शादी हो चुकी थी, उसके पति एक महीने के लिये कनाडा गये हुए थे।
जब मैं उसके घर पहुंचा तो मैंने एक २२ साल की लड़की को देखा। बहुत ही सुंदर और बहुत ही स्टाइलिश टाइप की लड़की थी। जब उसने मुझे देखा तो वो मेरे बारे में पूछने लगी। मैंने उसे बताया कि किसी कुसुम का फोन आया था ! मैंने जैसे ही उसे अपना नाम बताया तो उसके चेहरे पर अजीब सी मुस्कान आ गई। तभी मैं समझ गया ये ही कुसुम है।
उसने मुझे घर में आने के लिए कहा, पानी दिया और मैं बैठ गया।
उसने मुझसे कहा- मुझे मसाज करानी है ! अच्छे से कर दोगे तो जितना बोलोगे उतना पैसा दे दूंगी।
मैंने कहा- ठीक है।
वो अपने कमरे में चली गई, तभी वो अपने कपड़े बदल कर आई। जब वो आई, मैं उसे देखता रहा। उसने मुझे अपने कमरे में बुलाया और बोली- आराम से मालिश करना जो मजा आ जाये !
मैंने कहा- ठीक है !
मैंने जैसे ही उसका गाउन उतारा, वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी, उसका बदन कोमल, नाज़ुक और गोरा था। उसका कद ५’९” होगा, उसका बदन ३६-२८-३६ का होगा। मैंने जैसे ही उसके चुचियों का हाथ लगाया और दबाया, वो सिस्कियाँ भरने लगी। तभी मैं समझ गया कि ये प्यासी है।
मैंने उसे बैड पर लेटा लिया, मैं भी सिर्फ अंडरवियर में ही था। मैं उसकी मालिश कर रहा था, उसे मजा आ रहा था।
अचानक उसने मेरा हाथ पकड़ा, मुझे अपने उपर ले लिया और बोली- मसाज को छोड़ो ! अब आप मेरी प्यास को बुझा दो ! जितने पैसे बोलोगे उतने दूंगी।
वो बहुत प्यासी थी। मैंने कहा- ठीक है, जैसे आप चाहें !
मैंने अपने होठों को उसके होंठों पर रख दिया। अब वो मेरे होंठो का रस चूसने लगी, मैं भी उसके होंठों का रस लेने लगा। तभी वो वोली- मजा आ रहा है तुम्हारे होंठ तो बहुत प्यारे हैं !
कुसुम मेरे लण्ड को पकड़ कर चूसने लगी, तभी वो सीधे लेट गई और बोली- मुझे चोदो !
मैंने अपना लण्ड उसकी चूत पर लगाया और जोर से धक्का दिया तो वो चिल्ला उठी। उसकी आँखों से आंसू तो निकल रहे थे मगर उसे मजा भी आ रहा था। वो मुझे छोड़ने को तैयार ही नहीं थी। मैं उसे परेशान करने लगा। कभी मैं उसकी चूत में अपने लण्ड को घुसाता और निकाल कर शान्त हो जाता, मैं उसे तड़पा रहा था, वो बार बार मुझे अपनी तरफ खींचती और कहती- क्या कर रहे हो? प्लीजजजजजज करो ना !
मैं फिर शुरु हो जाता। मैं ३ घण्टे उसे मजा देता रहा और मजा लेता रहा। ३ घण्टे बाद मैं डिस्चार्ज हो गया। वो जोर जोर से साँस ले रही थी। मैंने उसके होंठो को चूसना शुरु कर दिया। वो बोली- मुझे ऐसा मजा कभी भी नहीं आया ! तुमसे पहले बहुत आये मगर तुम्हारे आगे सब बेकार हैं। मुझे तुमसे मिलकर अच्छा लगा।
फिर हम दोनों नहाने चले गये, एक साथ नहाये। जब हम नहाकर बाहर आये, वो मेरे बदन को पोंछ रही थी, मैं उसके बदन के पानी को अपनी जीभ से चाट रहा था। उसकी आँखें बंद हो गई और सीत्कार करने लगी- अअऽ॥अअअअअआहऽऽऽहहहहह। यह भी थोड़ी देर तक चलता रहा। फिर वो मुझे फरीदाबाद मैं शिव रेस्टॉरेन्ट, १७ सेक्टर में ले गई। हम दोनों ने खाना खाया।
उसने मुझे अपने साथ सोने को कहा मगर मुझे घर जाना था इसलिए मैंने मना कर दिया।
तो बोली- अब कब आओगे?
मैंने कहा- जब आप बुलाओगी, आ जाऊंगा !
उसने मुझसे पूछा- कितना दूँ?
मैंने कहा- जितना आप चाहो !
उसने मुझे दस हजार दिये और मैं अपने घर आ गया।
रात को उसका फिर फोन आया और हम दोनो ने रातभर सैक्सी बाते की।
जब भी कुसुम का दिल करता है वो मुझे ही बुलाती है। मैं भी उस मज़े को भूल नहीं सकता।
मैंने सैक्स कई बार किया है मगर ऐसा मजा मुझे पहली बार आया !
कुसुम आग है। Antarvasna