गलत नम्बर से भाभी की चूत मिली- Antarvasna

Antarvasna

मैं 31 वर्ष का 6 फीट लंबा Antarvasna शादीशुदा पुरूष हूँ।मेरी सबसे बड़ी कमजोरी चोदने की मेरी तीव्र इच्छा है।
मेरी पत्नी भी इससे परेशान रहती है क्योंकि शायद ही कोई रात ऐसी होती है जिसमें मैं उसे चोदे बिना सोने देता हूँ।

उसके नहीं रहने पर मैं अपने कमरे में बैठ कर ब्लू फ़िल्म देखते हुए मुठ मार कर अपने 7 इंच मोटे लंड की तड़प शांत करता हूँ।

यह घटना पिछले महीने की है।
मेरी पत्नी मायके गई थी और रात में करीब 10 बजे मैं अपने बिस्तर पर लेटा डीवीडी में एक ब्लू फ़िल्म की सीडी डालकर अपने लंड को सहला रहा था।

फ़िर मैंने बगल में पड़ा मोबाइल उठाया और मेरी पत्नी सुनीता को फोन लगाने लगा।
सामने ब्लू फ़िल्म चल रही थी और उसमें एक मर्द एक औरत की चूत चाटने में लगा हुआ था।
मेरे कानों में उधर से रिंग होने की आवाज आ रही थी फ़िर उधर से आवाज आई- हेल्लो!

मैं मूड में बोलने लगा- सुनीता डार्लिंग! तुम वहां मायके में आराम से हो और यहाँ मेरा लंड तुम्हारे लिए बेकरार है। सामने ब्लू फ़िल्म में मस्त चुदाई का सीन चल रहा है और मैं अपने कड़कते लंड को सहला रहा हूँ। आओ न और अपने चूत में इसे लेकर इसकी तड़प को शांत कर दो।

इतना कहकर मैं सुनीता की आवाज सुनने को रुका.
पर उधर से कोई आवाज नहीं आई और तब मैंने मोबाइल को कान से हटा कर उसके स्क्रीन पर देखा और मेरे होश उड़ गए।

मैं सुनीता के नहीं बल्कि अपने पड़ोस में रहने वाले सुनील जी के घर के फ़ोन पर बातें कर रहा था और वह हेल्लो की आवाज सुनीता की नहीं बल्कि उनकी पत्नी रूबी की होगी जिन्हें मैं भाभी कहता था।

अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ?
मेरे लंड की उत्तेजना जा चुकी थी और मैंने डीवीडी बंद कर दिया।

मैंने फ़िर कुछ विचार करने के बाद पुनः सुनील जी के यहाँ फ़ोन किया, रूबी भाभी ने फ़ोन उठाया तो मैंने कहना शुरू किया- सॉरी भाभी, मैं सुनीता को फ़ोन लगा रहा था पर फ़ोन में सुनील जी और सुनीता का नम्बर आस पास होने के कारण आपका नम्बर लग गया और मैंने बिना ध्यान दिए उल-जुलूल बातें कह दी। प्लीज मुझे माफ़ कर दें!

रूबी भाभी ने कुछ नहीं कहा और फ़ोन रख दिया।
मैं चिंतित सा था और समझ नहीं पा रहा था कि क्या करूँ।
खैर मैंने सोने का निर्णय लिया पर नींद नहीं आ रही थी।

लगभग 10 मिनट बाद मेरा मोबाइल बज़ने लगा, वह सुनील जी का नम्बर था।

मैंने रिसीव किया, उधर से रूबी भाभी थी- देखो देवर जी, तुमने गलती तो की है और इसकी सजा भी भुगतनी पड़ेगी, तुम जरा मेरे घर में आओ अभी फ़िर मैं सोचती हूँ कि क्या सजा दूँ!

“अभी आया” मैंने इतना कहा ही था कि रूबी भाभी ने फ़ोन काट लिया था।

मैं गंजी और तौलिया में था सो मैं बिस्तर से बाहर आया और पजामा और टी-शर्ट निकाल कर पहनने लगा।

दोस्तो, अब जरा रूबी भाभी के बारे में बता दूँ।

सुनील जी मेरे पड़ोसी हैं और रूबी भाभी उनकी पत्नी हैं।
रूबी भाभी की उम्र 36-38 वर्ष होगी और वो एक 10 साल के बच्चे की माँ हैं।

उनका बेटा होस्टल में रहकर पढ़ाई करता है और यहाँ सुनील जी और रूबी भाभी रहते हैं।
मैं कभी-कभार उनके घर जाता था।

रूबी भाभी का कद ज्यादा नहीं है वो कुछ 5’3″ के आस पास होंगी पर उनकी चूचियां बहुत बड़ी थी और वो 38 या 40 साइज की ब्रा अवश्य पहनती होंगी।
उनकी फिगर लगभग 38-32-38 होगी।

ठंड के कारण मैंने ऊपर से जैकेट डाला और फ़िर अपने मकान का बाहरी दरवाजा बंद कर रूबी भाभी के मकान की ओर चल पड़ा।
मैंने वहाँ पहुँच कर देखा कि उनका दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था सो मैंने काल बेल न बजाकर धीरे से दरवाजा खटखटाया।

रूबी भाभी कि आवाज आई- आ जाओ!
मैं अन्दर गया।

रूबी भाभी सामने नाईटी के ऊपर शाल लपेटे खड़ी थी।
मैंने पूछा- सुनील जी कहाँ हैं?

तो उन्होंने बताया कि वो काम के सिलसिले में बाहर गए हुए हैं और चार दिनों बाद लौटेंगे।

मैंने फ़िर कहा- भाभी! वो मैं सुनीता को फोन लगा रहा था पर गलती से!

रूबी भाभी ने मेरी बात काटते हुए कहा- चलो मान लिया! पर अब जब तुमने मुझसे इस तरह बात की तो इसकी तुम्हे कुछ तो सजा मिलेगी ही, तुम्हें मेरा एक काम करना होगा!
“क्या काम?” मैंने पूछा।

इस पर उन्होंने जबाब दिया- सुनीता ने मुझे बताया है कि तुम बहुत अच्छा मसाज करते हो, मेरा शरीर बहुत दर्द कर रहा है सो मुझे एक मसाज चाहिए!

मैं समझ गया कि रूबी भाभी मेरी बातों को फोन पर सुनकर उत्तेजित हो चुकी हैं और शायद चुदना चाहती हैं।
दरअसल मैं पत्नी के साथ सेक्स के दौरान नई-नई तरकीबें आजमाता रहता हूँ।

मसाज का तरीका भी एक है, बेबी आयल का प्रयोग कर मैं पीठ से मसाज प्रारम्भ कर फोरप्ले की शुरुआत करता हूँ।

मेरा लंड अब रूबी भाभी की चुदाई के बारे में सोच कर खड़ा हो चुका था।

“क्या सोच रहे हो? चलो बेडरूम में!” रूबी भाभी ने कहा और आगे बढ़ गई।
मैं पीछे चल पड़ा।

बेडरूम में पहुंचकर उन्होंने शाल हटा दिया और नाइटी के भीतर बिना ब्रा की बड़ी चूचियों का आभास मुझे हो गया।
मैंने भी जैकेट उतार दिया।

तब मैंने बेबी आयल के बारे में पूछा तो उन्होंने अपने ड्रेसिंग टेबल में से निकाल कर दिया।
कमरे में हीटर होने के कारण ठंड नहीं लग रही थी।

मैंने भाभी को पेट के बल लेटकर नाइटी को ऊपर करने को कहा।
उन्होंने ऐसा ही किया और उनकी चिकनी गोरी पीठ देखकर मेरी उत्तेजना बढ़ गई थी।

नीचे पेटीकोट उनके चूतड़ों को ढके जरूर था, पर उनकी गोलाई और बड़े आकार का स्पष्ट आभास हो रहा था।
खैर मैंने उनकी पीठ पर बेबी आयल डाला और धीरे-धीरे मसाज शुरू किया और कुछ ही मिनटों बाद उनके पेटीकोट के फीते को खोल दिया.

मसाज करते हुए ही पेटीकोट को आधे चूतड़ों तक खिसका दिया और उनके चूतड़ों के ऊपरी हिस्से का मसाज करने लगा।

पुनः अपने हाथों में तेल लेकर उनकी दबी हुई चुचियों के बाहर निकले हिस्से पर हाथ ले गया और रूबी भाभी ने अपने शरीर को हल्के से ऊपर उठा कर मेरे हाथ चूचियों तक पहुँचने दिया।

मैंने पीछे से ही उनकी चूचियों की मालिश शुरू की।
फ़िर नीचे आते हुए उनके पेटीकोट को धीरे से बाहर निकलने लगा तो उन्होंने चूतड़ों को ऊपर उठा कर पेटीकोट निकालने में मदद की।

मैंने भी अपना टी-शर्ट खोल दिया और अब पाजामा और बनियान में था और रूबी भाभी केवल नाइटी में जो ऊपर की ओर सिमटी थी और उनकी पीछे का सारा सेक्सी भाग मेरे सामने था।

अब मैंने उनके चूतड़ों के बीच की घाटी के ऊपरी छोर पर तेल की एक धार डाली और वह उनकी गांड की घाटी में बह चली।

मैंने अपनी दो उँगलियों को उस धार के साथ नीचे सरकाया तो उन्होंने पैरों को फैला कर रास्ता दिया।

मेरी उंगलियाँ तेल के साथ उनकी गांड के छेद को सहलाते हुए चूत की छेद तक पहुँच गई और इससे पहले कि मेरी उंगलियाँ कुछ छेड़-छाड़ करती रूबी भाभी पलट गई और उनकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ और हल्के झाँटों वाली चूत मेरे सामने थी।

वो बोली- क्या केवल पीछे ही मसाज करोगे या आगे भी?

मैंने धीरे से उनकी नाइटी खोल दी और अपने बनियान को भी!

तो वह पाजामा खोलने का इशारा करने लगी सो मैंने उसे भी खोल दिया और नीचे कुछ नहीं होने के कारण मैं भी नंगा हो चुका था।

रूबी भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथो में जोर से पकड़ कर दबाना शुरू किया और मेरा लंड अत्यन्त कठोर हो चुका था।
मैं उनकी निपल्स को उँगलियों से सहलाने लगा और वो एकदम कड़ी हो चुकी थी।

मैंने थोड़ा सा तेल उनकी चूचियों के बीच डाला और थोड़ा नाभि में और फ़िर एक हाथ से चूचियों का मसाज करना शुरू किया जबकि दूसरे हाथ की उंगली नाभि में डालकर धीरे से घुमा रहा था।

बेबी आयल की चमक से रूबी भाभी का गोरा शरीर दमक रहा था और मेरा मजा भी बढ़ता जा रहा था पर मुझे पता था कि सेक्स में धैर्य चुदाई के मजे को दूना-चौगुना कर देता है।

वह बीच-बीच में सिसकारी भी भर रही थी।
मैंने नाभि से उंगली निकाली और उनके चूत के बालों को सहलाने लगा।
और फ़िर अपने हाथ को और नीचे ले जाने लगा तो रूबी भाभी ने अपने पैरों को घुटने से मोड़ते हुए हल्का सा फैला लिया और उनकी फूली हुई रसदार चूत मेरे सामने थी।

मैंने चूत के बाहरी होठों को अपनी उंगली से रगड़ना शुरू किया और वो चूतड़ उचकाते हुए आह … सी … सी … की आवाज निकाल रही थी।

फ़िर मैं उनकी चूत के सामने बैठ गया और उनकी चूत में अपनी ऊँगली डालकर गोल-गोल घुमाने लगा।
चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी।

अब मैंने ऊँगली निकाली और बैठे हुए चूत के और करीब आया तथा लंड के सुपारे से रूबी भाभी की शिश्निका को रगड़ने लगा।

वो कह रही थी- आह! चोद दो मेरी चूत को अपने लंड से … प्लीज चूत में लंड डालो न!

मैंने लंड को चूत में डाला और उनकी कमर पकड़ कर अपनी ओर खींचा जिससे मेरा आधा लंड चूत में घुस चुका था और मैंने दोनों हाथों से उनकी चूचियां मसलना शुरू किया।

रूबी भाभी धक्का मरवाना चाहती थी पर मैंने धक्का नहीं दिया और उनकी पीठ के नीचे हाथ डालकर उन्हें सामने खींच कर बिठा दिया पर लंड को चूत में से निकलने नहीं दिया।

अब मैंने उनके निप्पल को चूसना शुरू किया।
एक निप्पल मुँह में और दूसरा मेरी उँगलियों में।

फ़िर अपनी जीभ को उनके मुँह में डाल दिया वो इसे चूसने लगी।
मैंने उनको अपनी बाँहों में भरा और मैंने पीछे की ओर लुढ़क गया नतीजा मैं नीचे था और रूबी भाभी ऊपर।

मैंने नीचे से धीरे धीरे चुदाई शुरू की तो उन्होंने भी ऊपर से अपने कमर को ऊपर नीचे करके साथ देना शुरू कर दिया।

इसी अवस्था में करीब 20-25 धक्कों के बाद मैंने रूबी भाभी को पकड़ा और करवट ले लिया।

अब मेरा लंड उनकी चूत से निकल चुका था और वो मेरे बगल में पड़ी थी।

वो बोली- आह, ये क्या किया चोदो ना!
मैंने कहा- भाभी, तुम बस मजे लेती रहो और मेरा जादू देखो!

और मैंने उठकर उनकी टांगों को घुटने से मोड़ दिया और उनकी चूत के होठों के फैला कर शिश्निका को अपने होठों से चूसने लगा।
वो छटपटाने लगी।

मैंने अपनी जीभ को चूत में घुसा दिया और गोल-गोल घुमाने लगा, वह अपने चूतड़ उचकाने लगी और चोदने के लिए गिड़गिड़ाने लगी।

मैंने उनकी जांघों के इर्द-गिर्द अपने बाजू कस लिए और चूत के बाहरी होठों के जोर जोर से चूसने लगा।

वह आह … आह … ससी. सी… कर रही थी.

चूत रस से लबालब भर चुकी थी चूत का रस चूत से लगातार बह रहा था।

फ़िर मैंने ज्यादा तड़पाना ठीक नहीं समझा और बेड से उतर कर खड़ा हो गया।

रूबी भाभी को धीरे से खींच कर उनके चूतड़ों को बेड के किनारे पर लाया और उनके नीचे एक तकिया लगाया।
अब उनकी चूत मेरे लंड के सामने थी, उनके पैरों को अपने कंधे पर रखते हुए लंड उनकी चूत में अन्दर तक पेल दिया।

और वो एक बार तो चीख पड़ी पर साथ ही अपने गांड को हिलाने लगी तो मैंने धक्के देने शुरू कर दिए।

कमरे में फच फच की आवाज फ़ैल चुकी थी साथ ही भाभी की सीत्कार और आहों से कमरा गूंज रहा था।

थोड़ी ही देर में चुदाई के दौरान उन्होंने अपने पैरों को कंधे से उतार कर मेरी कमर के चारों ओर लपेट लिया और मेरे हाथों को पकड़ने के लिए अपने हाथ बढ़ाये।

मैं समझ गया कि अब वो चरम पर पहुँच चुकी हैं।
मैंने चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी और उनकी चूत में झड़ने लगा।

मैं झुका और उनकी निप्पल को चूसने लगा, हम दोनों झड़ चुके थे और अब मैं उनके मुख को चूम रहा था।

उन्होंने अपनी आँखें बंद की हुई थी पर हांफ रही थी और मैंने भी पसीने से तर हांफ रहा था।

लगभग दो मिनट बाद मैंने धीरे से लंड को चूत में से निकालना शुरू किया तो उन्होंने अपनी आँखें खोली।

मैंने धीरे से लंड बाहर निकाला और फ़िर तौलिया लेकर उनकी चूत से बह रहे अपने लंड और उनकी चूत के रसों के मिश्रण को धीरे-धीरे पौंछना शुरू किया तो उन्होंने भी अपने पेटीकोट से मेरे लंड को पौंछने का काम शुरू किया।

अगली बार नए तरीके से चुदाई की घटना!
अपनी राय मुझे अवश्य दें! Antarvasna

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