Hindi Sex Stories
दोस्तों यह कहानी नहीं, एक सच्चाई Hindi Sex Stories है। यह कहानी खासकर लड़कियों और महिलाओं को ज्यादा पसन्द आयेगी।
मेरी उम्र २६ साल है। कई साल पहले की बात है तब मेरी एक सगी बुआ की लड़की रेखा उस समय १९ साल की थी। वह अक्सर मुझे अपने घर ले जाया करती थी। मेरे घरवाले सब इसलिए अनुमति दे देते थे क्योंकि उसके कोई भाई नहीं था।
मैं उसे बहन की तरह ही प्यार करता था। लेकिन उसके दिल में कुछ छिपा था। एक दिन मैं साइकिल चला रहा था कि अचानक मेरे आँड दब गये। मुझे बहुत दर्द हो रहा था। बुआजी और २ बहनें एक शादी में गई थीं। जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने रेखा दीदी को बताया। दीदी ने मेरी पैन्ट व अन्डरवीयर खोलने को कहा।
पहले तो मैं शरमाया परन्तु फिर मैंने खोल दिया। दीदी ने आयोडेक्स मेरी गोलियों पर लगाना शुरू किया और कभी कभी मेरे लन्ड को भी छू देती थी मुझे चिढ़ाने के लिए। दीदी का हाथ लगते ही वह अपने पूरे आकार में आ गया आखिर दीदी ने बोल ही दिया- बाप रे ! कितना बड़ा है।
उसके तीन दिन बाद एक दिन मैंने दीदी को झाँट साफ करते देख लिया। वे रेजर से साफ कर रहीं थी। मैं शरमाकर पीछे हट रहा था लेकिन दीदी ने कहा कि इधर आ। मुझे तेरा सामान देखकर शर्म नहीं आई थी, तू क्यों शरमा रहा है?
और उन्होंने रेजर मुझे दे दिया। फिर मैंने दीदी की बगलें तथा झाँटे साफ की। दीदी की गोरी गाण्ड व गुलाबी चूत देखकर अचानक मेरे लण्ड से भी कुछ रिसने लगा।
जब मैं रेजर चला रहा था दीदी बार बार मेरी पैन्ट में टाइट लण्ड को निहार रही थी। मैंने कुछ करना चाहा। तभी दीदी ने मन में कुछ सोच कर कहा- रात को।
उसी दिन से दीदी रात को अपने साथ सुलाने लगी थीं। एक दिन रात को उन्होने अपना एक हाथ मेरे सिर के नीचे डाल लिया और फिर करवट बदलकर मुझे अपने ऊपर कर लिया। मैं सोने का नाटक करता रहा।
फिर उन्होने मेरी पैन्ट नीचे खींच दी तथा हाथ से मेरा लन्ड पकड़कर अपनी टाइट चूत में डाल लिया। और मेरी पीठ दबाकर उपर नीचे करने लगीं। इस सिलसिले में कई बार मेरा लण्ड दीदी की चूत से बाहर आ जाता था। मेरा मन करता था कि स्वयं हाथ से पकड़ कर चूत में घुसा दूं, परन्तु मुझे करने की जरूरत नहीं थी, दीदी खुद डाल लेती थी और थोड़ी देर बाद मैं झड़ गया। ये मेरा पहला सेक्स था।
सुबह उठकर दीदी ने कहा- किसी से कहना नहीं, ये खेल रोज खेला करेंगे, जब तक सर्दी की छुटटी खत्म हों।
३-४ दिन के बाद एक दिन मैंने खुद जब दीदी सो रहीं थीं। उनकी सलवार के पीछे से गाण्ड की दरार में लगा दिया। दीदी जग गईं और उन्होंने सलवार का नाड़ा खोलकर पहली बार गाण्ड भी मरवाई।
दोस्तों ! आज जब दीदी के २ बच्चे हैं और मेरी भी शादी हो गई है। जब भी हम अकेले में मिलते हैं, मैं उनसे पूछता हूँ कि आपके पति कैसे हैं सैक्स में?
हम अभी भी मौका मिलने पर एक दूसरे के अंगों को चूसते हैं। दीदी की गाण्ड अभी और मोटी हो गई है। वे कहती हैं गांड मारने के तो वे भी शौकीन हैं लेकिन लन्ड तुझसे छोटा है। और हाँ झाँट मैं उनसे ही साफ कराती हूँ।
कुँवारी देवियों और आन्टियों व भाभियों ! सिर्फ एक बार गाण्ड मरवाकर देखना कि कितना असीम आनन्द मिलता है। ये बातें मेरी दीदी व बीवी दोनों मान चुकी हैं।
मेरी बीबी मुझे सिर्फ सप्ताह में एक ही बार देती है उसे सैक्स में कम रूचि है। Hindi Sex Stories