(Mota Lund Nanga Badan) Antarvasna
Antarvasna के पाठकगण, कैसे है आप सभी अपने लण्ड और चूतों के साथ। मुझे आशा है कि आप सभी प्रसन्न होंगे, आपकी कृपा से मैं भी खुश हूँ।
आज मैं फ़िर से एक नई कहानी लेकर हाज़िर हूं।
आज मैं आपको अपनी एक भाभी की कहानी सुनांऊगी !
बात उन दिनो की है जब मैं अपनी एक भाभी के यहां गई हुई थी।
और एक दिन मैं शॉपिंग करके वापस आई तब मैंने दरवाजा बंद देखा।
मैंने घण्टी बजाई तब बहुत देर बाद घर का नौकर जिसकी उम्र 18 साल थी और काफ़ी लम्बा चौड़ा था। वो अपनी लुंगी सम्हालता हुअ आया और दरवाजा खोलते ही सकपका गया ।
मैं अन्दर आई तो भाभी अपने कपड़े जल्दी जल्दी दुरुस्त कर रही थी और मुझसे नज़रें चुरा रही थी। पर मैं तो एक नम्बर की चुदक्कड़ हूं, तुरंत ही सारा मामला समझ गई और भाभी को घूरते हुए बोली- ये सब क्या हो रहा था?
तब भाभी ने कहा- जो तू समझ रही है, वो नहीं है।
मैंने हंसते हुए कहा- अच्छा, मेरी सीधी सादी सी बन्नो, पहले अपनी कच्छी तो बिस्तर के नीचे से उठा लो। मैंने कब कहा कि आप आबिद से चुदा रही थी।
मेरी बात सुन कर भाभी ने अपने आपको देखा तो एकदम से शर्मा गई क्यूंकि वो हड़बड़ाहट में पेंटी पहनना भूल गई थी और उन्होंने झट से कच्छी उठा कर पहन ली और सलवार भी पहन ली।
अब काफ़ी हद तक उनकी सांस कंट्रोल में हो गई थी।
तब मैंने कहा- हां तो मेरी प्यारी भाभी, अब बताइये क्या माज़रा है?
तब भाभी ने कहा- शबनम तुझे तो पता है कि तेरे भैया जान 10-12 दिन बाहर रहते हैं, और घर आने के 4 दिन बाद फ़िर चले जाते हैं। अब तू ही बता मैं कैसे कंट्रोल करूं अपनी जवानी को, जबकि मैं तो तेरी तरह कॉलेज मे भी नहीं पढ़ती।
तब मैंने कहा- अरे भाभी, आपने तो घर मे ही साण्ड जैसा मर्द पाल रखा है और आपने मुझे अब तक बताया भी नहीं? अकेले अकेले ही मज़ा लेती रही आखिर मैं तीन दिन से आई हुई हूं और आपकी प्यारी ननद हूं, आपको मेरा ख्याल भी रखना चाहिये था।
तब भाभी ने कहा- आज रात को तैयार रहना!
और रात को उन्होंने अपने कमरे में आबिद को बुलवा लिया और मेरे सारे कपड़े उन्होंने खुद ही अपने हाथ से उतारे और आबिद से बोली- राजा, आज तुझे मेरी ननद की चूत की प्यास भी बुझानी है, चल जल्दी से मैदान में आ जा और अपना लण्ड ठोक दे इसकी चूत में।
तब आबिद ने अपनी लुंगी उतार दी।
मैंने भाभी से कहा- आप अपने कपड़े भी तो खोलिये।
भाभी बोली- तेरे सामने शर्म आ रही है।
तब मैंने कहा- वाह, मुझे चुदवा रही हो और खुद शर्मा रही हो, चलो उतारो अपने भी कपड़े!
और फ़िर वो भी पूरी नंगी हो गई और मेरे चूचों को अपने हाथ से रगड़ने लगी।
मैंने भी उनकी चूचियाँ अपने हाथ में ले ली और मसलने लगी।
आबिद बीच में बैठा हम दोनों की बुर मे अपनी उंगली चला रहा था और हम लोग उसका लण्ड सहला रहे थे।
जब उसका लण्ड पूरी तरह औकात में आ गया, तब भाभी बोली- पहले तू ही चुदा ले मैं बाद में चुदवाऊँगी!
और आबिद ने मुझे चित लेटा कर मेरी टांगों को अपने कंधे पर रख कर अपने मूसल जैसे लण्ड को एक ही धक्के में बुर की गहराई तक पेल दिया जिससे मेरी चीख निकल पड़ी- ऊऊऊ… ऊऊफ़्फ़… आआईईइ… आअह्हह… आआह… भोसड़ी के… मुफ़्त की चूत मिली तो साला भिखारी की तरह टूट पड़ा! आअह्हह आआह्हह मादरचोद, भड़वे साले हरामी ज़रा धीरे धीरे कर भड़वे साले! आज फ़ाड़ ही डालेगा क्याआआअ आआह्हह!
उसका लण्ड ज्यादा लम्बा तो नहीं था पर मोटा बहुत था, मेरी बुर चिरी सी जा रही थी और मेरे आंसू निकल रहे थे, मुझे बहुत दर्द हो रहा था।
मैंने भाभी से कहा- आआह्ह्ह भाभी निकलवा लीजिये… इसका लण्ड बहुत मोटा है ! आहह ऊफ़फ़्फ अम्मी मर गईईई।
तब भाभी ने कहा- अभी और मज़ा आयेगा मेरी जान!
और फिर उठ कर मेरे मुँह पर अपनी भोसड़ी जैसी फ़टी हुइ चूत फ़ैला कर बैठ गई और मुझे अपनी चूत का रस पिलाने लगी।
अब मुझे कुछ राहत मिल रही थी, आबिद मुझे जोर जोर से धक्के मार रहा था और सामने लटक रही भाभी की चूचियों को मसल कर दबा रहा था।
तब ही भाभी आआअहह्ह आअह्ह ऊऊओह्ह ओह्हह करती मेरे मुँह में ही झड़ गई और फ़िर अचानक ही आबिद के धक्कों की रफ़्तार में तेजी आ गई और मैं भी धपाधप धक्के मार रही थी ।
अब तो मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था, मैं सिसकारियां लेती हुई चुद रही थी- अह्हह ह्हह राजा और जोर से अह्ह हह्हह आआआह… फ़ाड़ डालो आज साली मेरी चूत को, फ़ाड़ कर भाभी की तरह भोसड़ी बना दो राजा, तुम्हारा एहसान नहीं भूलुंगी, आआह्ह आआअह्ह ह्हह्ह…
और तभी मैं झड़ गयी मगर आबिद का लण्ड तब भी नहीं झड़ा और फ़िर करीब मैं 2 बार और झड़ी, तब कहीं जाकर आबिद झड़ा और उसके बाद उसने भाभी की गाण्ड मारी।
जिसका जिक्र अगली पेशकश में करुंगी।
ओके बाय बाय, मेरा बॉय फ़्रेन्ड आया है, मैं चुदवाने जा रही हूं और वापस आकर बतांऊगी कि आज कैसे चुदी मैं!
अलविदा! Antarvasna