बस से शयनकक्ष तक- Antarvasna Stories

Antarvasna Stories

अन्तर्वासना के सभी Antarvasna Stories पाठकों को खास कर लडकियों और भाभियों को रोहण के लन्ड का आदर भरा प्रणाम…

jaipur escort service

मैंने अन्तर्वासना पर लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं। आपको मैं अपनी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। आपकी जानकारी के लिए : मैं मुम्बई का रहने वाला हूँ, कद 5’10” रंग गेहुंआ, उम्र 32 साल !

एक बार मैं बस से जा रहा था। सीट ना मिलने से खड़े खड़े सफ़र कर रहा था। मेरी सामने वाली सीट पर एक औरत और लड़का बैठे थे। लड़का खिड़की की तरफ़ बैठा था। उस औरत ने लाल रंग की साड़ी और लो-नेक ब्लाउस पहना था… बड़े और गोरे स्तन नज़र आ रहे थे। जिसका भरपूर आनन्द मैं ले रहा था और सोच रहा था कि काश ऐसी भाभी मिल जाए चोदने के लिए।

तभी एक स्टॉप पर बस रुकी और काफ़ी लोग बस में चढ़े … भीड बढ़ गई। मेरा लन्ड उसके कन्धे से टकराया, उस औरत ने मेरी तरफ़ देखा और सीधी हो कर बैठ गई। जिससे मेरा लन्ड उसके कन्धे से सट गया। मैंने थोड़ा पीछे हटने की कोशिश की लेकिन नाकामयाब रहा और अपना लन्ड सटा दिया। उसके बदन का स्पर्श पाते ही मेरे लन्ड ने अंगडाई ली और अब मेरे लन्ड को वो महसूस कर रही थी। मैंने लन्ड का दबाव बढ़ाया तो वो मेरी तरफ़ देख कर हल्के से मुस्कुरा दी। और साड़ी ठीक करने के बहाने उसने एक दो बार मेरे लन्ड को छू भी लिया। मेरी भी हिम्मत बढ़ी और एक बार उसके स्तनों को छू लिया।

थोड़ी देर बाद उसके बगल में बैठा हुआ लड़का उतरने के लिए उठा तो मै उस औरत के बगल में उससे सट कर बैठ गया और जानबूझ कर अपनी कोहनी उसके वक्ष पर सटा दी। अब वो भी मेरा साथ देने लगी और मेरा हाथ पकड़ कर अपने वक्ष पर दबाने लगी। मैंने जानपहचान बढ़ाने लिये उससे पूछा,”आप कहाँ जा रही है?”

call girl service

तो उसने बताया कि वो घर जा रही थी और अगले स्टॉप पर उतरने वाली है।

ज़ब वो उठी तो मैं भी उसके साथ उठा और हम दोनों अगले स्टॉप पर उतर गए। उसने अपना नाम सारिका बताया और पूछा,”क्या तुम्हारा स्टॉप भी आ गया?”

मैंने कहा,”नहीं सारिका, मैं तो तुम्हारे लिए उतर पड़ा !”

jaipur escort service

वो बोली,”क्या इरादा है आप का?”

मैंने कहा,”इरादा तो नेक है, बाकी आप जैसा चाहो !”

वो बोली,”तो घर चलिए !”

हम दोनों उसके घर पहुँचे। मुझे बैठा कर वो किचन से पानी लेकर आई। तब तक मैंने भांप लिया कि घर में कोई नहीं है। पानी का ग्लास देकर मेरे सामने वाले सोफ़े पर बैठ गई और मेरे बारे में पूछने लगी। मैं ग्लास देने बहाने उठा और उसकी बगल में बैठ गया और अपना हाथ उसके कन्धे पर रख दिया तो वो बोली,”बस में भी शरारत कर रहे थे और यहां भी?”

तो मैंने कहा,”बस में तो लोगों के डर से थोड़ा कंट्रोल करना पड़ा पर यहाँ तो हमारे सिवा कौन है?”

धत्त्त्त्त्… उसने कहा और शरमा गई।

call girl service

कुछ देर चुप रहने के बाद मैंने अपना एक हाथ उसकी टांग पर रखा और बोला- बड़ी सेक्सी लग रही हो सारिका !

और फिर मैंने उसकी जाँघ को प्यार से सहलाया। उसकी जाँघें काफी बड़ी और मुलायम थी। मेरा लंड खड़ा होने लगा था। और वह भी सेक्सी मूड में थी। उसने मुझे नहीं रोका। मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने साड़ी के ऊपर से ही उसकी चूची को प्यार से सहलाया, दबाया। जैसे ही मैंने दबाया, उसकी आँखें चौड़ी हो गईं। उसकी साड़ी का पल्लू गिर गया और मैंने देखा कि उसकी बड़ी-बड़ी चूचियाँ ब्लाऊज़ से बाहर आने के लिए बेताब़ हो रहीं हैं। मेरी आँखों की तृप्ति मिल रही थी और मैं उसकी चूचियों को भूखी नज़रों से देख रहा था।

इस दौरान पता ही नही चला कब हमारे होंठ जुड़ गये… एक तरफ़ चूचियों को दबा रहा था और उसके रसीले होंठों को पी रहा था।

मैं अब थोड़ा नीचे की ओर बढ़ा… मैंने उन नरम चूचियों को दबाना शुरू किया और साथ ही मैं अपनी जीभ उसकी गर्दन पर फिरा रहा था। उसने अपनी आँखें बन्द कर लीं और हल्की आहें भरने लगी। फिर मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी दाईं चूची को दबाने लगा, और बाईं चूची को चूसने लगा। फिर मैंने बारी-बारी से बाईं और दाईं चूचियाँ बदल-बदल कर दबाईं और चूसीं।

सारिका आहें भर रही थी, “हम्म्म्म्म…. ऊम्म्म्म्म। रोअओहहहन और जोर से रोहन आआआअहहह माँमम्म… ” वह अपना हाथ मेरे लंड पर रखकर उसकी कठोरता का आभास कर रही थी और तब मैंने उसकी चूत को ऊपर से ही सहला दिया। इस दौरान हमने एक-दूसरे को बिलकुल निवस्त्र कर दिया। उसकी गोरी और साफ़सुथरी चूत को देख मेरे मुँह में पानी आ गया और चूत पर उंगली फ़ेरने लगा। तब वो उत्तेजना में सिसकारियाँ लेते हुए बोली,”उईईईईईई, माँ… और दबाओ ना मेरे चूचे … रगड़ो मेरी चूत…।”

मैंने अपनी ऊंगली उसकी चूत में फिरानी शुरू की। मैं ज्यों ही ऐसा कर रहा था, वह अपनी चूतड़ सेक्सी तरीके से ऊपर उठाकर मुझे और भी बढ़ावा दे रही थी। थोड़ी देर ऊंगली करने के बाद मैंने उसकी जाँघें फैलाईं और उसकी शानदार चूत में अपना मुँह लगा दिया। इस दौरान उसने मेरे लन्ड पर पूरी तरह कब्जा कर लिया था और वो मेरे लन्ड को सहला रही थी।

call girl service

मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसकी चूत टाईट तरीके से बन्द थी। सामान्यतः एक नियमित रूप से चुदने वाली चूत के फ़लक खुले रहते हैं और ये थोड़ा बाहर की ओर निकले होते हैं। पर सारिका के साथ ऐसा नहीं था, शादीशुदा होने के बावजूद उसकी चूत एक अनछुई लड़की की तरह थी… बाद में पता चला कि उसका पति बिसनेस के चक्कर में बाहर घूमता रहता है और सारिका प्यासी रह जाती है।

मैंने उसकी चूत के होंठ फैलाए और उसकी गुलाबी झलक ली। फिर मैंने अपनी जीभ अन्दर घुसेड़ दी और अच्छी तरह चलाते हुए चाटने लगा। मैं उससे निकले रस को भी चाटता जा रहा था। वह मादक आहें भर रही थी… हमम्म्म्म्मम… मैंने उसकी चूत को फैलाया और छेद में जीभ घुसेड़ कर चूसने लगा।

मैंने इधर अपनी जीभ उसकी चूत में घुसाई, और साथ ही उधर अपनी एक उँगली उसकी गाँड में घुसेड़ दी… सारिका ने मेरा सिर उसकी चूत पर दबा दिया, और मैं उसकी चूत में समाता चला गया।

थोड़ी देर बाद हम 69 पोज़िशन में आ गये… मैं उसकी चूत का रसपान कर रहा था और वो मेरे लन्ड को चूस रही थी…मुझे तो लगा कि मैं ज़न्नत में आ गया हूँ। फिर उसने धीरे से मेरे लंड के आगे की चमड़ी हटाकर गुलाबी सुपाड़े चाटना शुरु किया और मेरी आहें निकलने लगीं,”ओह यस….”

उसके नर्म-नर्म हाथों का लन्ड को मसलना और गर्म-गर्म जीभ का अहसास मेरे लंड के सुपाड़े पर बड़ा आनन्ददायक प्रतीत हो रहा था। मेरे लंड से हल्का सा वीर्य निकला, जिसे उसने चाट लिया। फिर उसने मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया, और साथ में वह मेरे अंडकोषों को भी सहला, चूस रही थी। करीब आधे घंटे बाद वो मिन्नतें करने लगी,”रोहन, अब चोद डालो मुझे ! और ना तड़पा मुझे… उईईईईईई, माँ… और दबा ना मेरे बूब्स…!”

मैंने कहा,”हाँ मेरी जान ! मेरा लन्ड भी बेताब है तेरी चूत पाने के लिये।”

इस दौरान वो एक बार झड़ चुकी थी…

उसकी ड़ांगें फ़ैला कर बीच में बैठ गया और लन्ड के सुपाड़े को उसकी गीली चूत पर रख दिया। गर्म सुपाड़े का स्पर्श पाते ही उसके चूतड़ उठने लगे और लन्ड को चूत में लेने की कोशिश करने लगे। मैंने अपने सख्त लन्ड का दबाव उसकी चूत पर बढ़ाया और फ़च्च से लन्ड का सुपाड़ा उसकी गीली चूत में समा गया और सारिका कराह उठी- …उईईईईईई, माँ…

चूत टाइट थी…

फ़िर एक जोरदार धक्का दिया तो लन्ड चूत की दीवार को चीरता हुआ जड़ तक समा गया …

आआह्ह्ह्ह्ह्ह् … … … … आह्ह्ह … … मार डालोगे क्या … … ! उसकी चीख निकल गई।

पूरा लन्ड बाहर खींचा और फ़िर पूरी ताकत से फ़िर से पेल दिया।

कुछ देर हम वैसे ही पड़े रहे… दर्द कम होते ही उसने अपनी गांड उठानी शुरु कर दी और बोलने लगी- चोदो मेरे राजा… रुकना नहीं… मेरी चूत बहुत दिनों से प्यासी है… चोदो… जोर से चोदो आअह्ह्ह्ह…

“ये लो मेरी जान्… और लो… ये लो… आआह्ह्ह्ह्ह्ह्… क्या चूत पाई है तूने…” और मैंने उसे दनादन चोदना शुरू कर दिया। वोआह्ह आह्ह करती रही और मै उसे चोदता रहा।

मैं अब अपना सारा ६ इंच का लंड उसकी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा। सारिका के मुंह से स्स्स्स्स्स्स्स आह आह्ह्ह उस्सुसुसू जैसी मादक आवाजें निकाल रही थी। 10 मिनट इसी तरह चोदने के बाद मैंने अब सारिका की चूत में से अपना लंड निकाल कर उसको घोड़ी स्टाईल में खड़ा कर उसकी चूत में लंड घुसा दिया और धक्के मारने लगा। उसको और मज़ा आने लगा। उसके चूतड़ मुझे बहुत ही आनंद दे रहे थे। दो मिनट में ही वो अपने चूतड़ उठा-उठा कर मेरे हर धक्के का जवाब देने लगी। मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी।

सारिका बोली,”मुझे कुछ हो रहा है। लगता है मेरी चूत से पानी निकलने वाला है। खूब ज़ोर-ज़ोर से धक्का लगाओ।”

सारिका भी अब अपने चूतड़ उठा-उठा कर चुदाने लगी… दस मिनट बाद वो चिल्लाने लगी,”ओ रोहन मै आ रही हू आआह्ह्ह्ह्ह्ह् … … … … आह्ह्ह … ..”

मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है। मैंने बहुत ही तेज़ी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी।

वो बोली,”आआआ!!! मैंऽऽऽ आआआऽऽऽ रहीऽऽऽ हूँऽऽऽ और तेज़ ऽऽऽ और तेज़ ऽऽऽ”

उसकी चूत से पानी निकलने लगा और मेरा सारा लंड भीग गया। मैं भी बिना रुके उसे आँधी की तरह चोदता रहा। लगभग २० मिनट तक चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और हम कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे…।

इस दौरान वो भी तीन बार झड़ चुकी थी। लंड का पूरा पानी उसकी चूत में निकल जाने के बाद मैं हट गया।

उस दिन के बाद जब भी मौका मिलता सारिका मुझे बुला लेती है और हम जम कर चुदाई करते हैं !

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे लिखें। Antarvasna Stories

Leave a Comment

सेक्सी लड़कियों के नंबर यहाँ से देखे यहाँ क्लिक करें