भाई का कारनामा- Hindi Porn Stories

Hindi Porn Stories

मेरा नाम राहुल है. यह Hindi Porn Stories मेरी पहली कहानी है, सच है या झूठ, आप ही बता सकते हैं. मैं अभी हैदराबाद में जॉब करता हूँ.

कहानी उन दिनों की है जब मैं +2 की परीक्षा देकर हॉस्टल से अपने घर गया था. हॉस्टल में तो सेक्स के बारे में हम सभी खूब बात करते थे, पर सही में सेक्स कैसे होता है मुझे मालूम नहीं था. घर पर मेरे पापा, मम्मी, बड़ा भाई और एक छोटी बहन है जो आठवीं में है. मेरे पापा नौकरी करते हैं और मम्मी स्कूल टीचर है. मेरा बड़ा भाई मुझसे तीन साल बड़ा है. घर पर दिन मैं और मेरा बड़ा भाई अकेले ही रहते थे क्योंकि उसका सरकारी कालेज था.

मैंने एक दो दिनों तक गौर किया कि घर पर जब कोई नहीं रहता है तो पास के घर की रानी नाम की लड़की नोटबुक ले कर घर आती है. पहले तो मैं गौर नहीं करता था पर एक दिन जब उसे कमरे से निकल कर उसके कपड़े ठीक करते देखा तो मुझे शक हो गया.

दो दिनों बाद जब वो आई तो मैं रोशनदान से छिप कर देखने लगा. वो आते ही मेरे भाई से चिपक गई, मेरा भाई भी उसके होटों को चूम रहा था. फिर भाई ने उसका कुरता और ब्रा खोल दिया और उसके चूचे चूसने लगा. फिर मैंने रानी को देखा- वो बहुत ही मदहोश हो चुकी थी और सेक्सी सेक्सी आवाजें निकाल रही थी… ऊऊऊह्ह आआअह्ह्ह ह्म्मम्म ऊऊउ स्स्स्स!

फिर भाई ने उसकी सलवार को खोल दिया और उसकी पेंटी के उपर से हाथ घुमा रहा था रानी पागलों की तरह आवाजें निकालने लगी, पूरा कमरा सेक्सी आवाजों से गूंज रहा था. फिर मैंने देखा कि भाई उसकी पेंटी उतार कर खुद भी नंगा हो गया और अपना लंड उसकी चूत में घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा. कुछ देर तक चोदने के बाद वो एक झटके के साथ मेरे भाई से चिपक गई, फिर मेरा भाई भी थोड़ी देर तक उसके शरीर पर पड़ा रहा. फिर रानी ने उठ कर अपने कपड़े पहन लिए और अपने घर चली गई.

मैं वो सीन देख कर सीधा बाथरूम गया और मूठ मार लिया. पर उस रात मैं सो नहीं पाया.उसके बाद एक और दिन चुदाई का कार्यक्रम देखा तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने भी रानी को चोदने की ठान ली.

शाम को मैं और भाई जब बाज़ार से घर आ रहे थे तो मैंने हिम्मत कर के भाई को बोल दिया कि तुम और रानी जो करते हो मैंने देख लिया है. मेरे भाई का मुँह देखने लायक था, बेचारा मुझसे कुछ नहीं बोल पा रहा था.

वो इतना बोला कि प्ली़ज मैं यह बात किसी को न बोलूं! तो मैंने भी रानी को चोदने की शर्त रख दी.
वो बोला- कोशिश करूँगा.

दो तीन दिनों के बाद फिर रानी आई तो मैं फिर रोशनदान से छिप कर देखने लगा. आज दोनों कुछ बात कर रहे थे. थोड़ी देर में भाई कमरे से बाहर आने लगा तो मैं भाग कर नीचे आ गया और अपने कमरे में बैठ गया. भाई मेरे पास आया और बोला- रानी मुझे बुला रही है!

मैं डरते डरते कमरे में गया तो रानी चुपचाप खड़ी थी. मैंने भाई के डर से दरवाजा बंद नहीं किया. थोड़ी देर खड़े रहने के बाद रानी ने खुद बात शुरु की और मुझे दरवाजा बंद करने को बोला.

मैंने दरवाजा जैसे ही बंद किया, उसने मुझे बेड पर बैठने को कहा. वो खुद भी बेड पर बैठ चुकी थी. फिर उसी ने बात शुरु की, मुझसे पूछा- तुम छिप-छिप कर क्या देखते थे?

तो मैं बोला- वही जो तुम और भाई करते हो!
तो वोह बोली- क्या वही?
तो मैं बोल बैठा- ‘चुदाई’

फिर वो हंसने लगी और मुझसे पूछा- पहले किसी को किया है?
तो मैं बोला- नहीं!
फिर उसने बोला- आज कुछ करोगे या सिर्फ़ मुझसे बात ही करोगे!

इतनी में वो और करीब आ गई, मुझे समझ नहीं आ रहा था. फिर मैंने हिम्मत करके उसका हाथ पकड़ लिया और उसे गले लगा लिया. उसने भी मुझे पकड़ लिया और मेरी पीठ को सहलाने लगी. फिर मैं उसके होटों को चूमने लगा. मेरा लंड काबू में नहीं हो रहा था. जल्दी-जल्दी मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए और अपने भी खोल दिए. वो मेरा लंड सहला रही थी, पर जैसे ही मैंने उसकी चूत में लंड डाला, वो तिलमिला उठी और बोली- तुम्हारा लंड तो तुम्हारे भाई से लम्बा और मोटा है! धीरे करो!

पर दो-तीन मिनट में ही मेरा माल निकल गया और मुझे शर्मिंदगी लगने लगी तो वो बोली- क्या हुआ?

मैं कुछ नहीं बोला तो वो बोली- पहली बार है ना!
तो मैं बोला- हाँ!
तो वो हंसने लगी और बोली- कोई बात नहीं! एक बार फिर कोशिश कर सकते हो!
इस बार उसने पहल की और बोली- जल्दबाजी मत करना! आराम से म़जा लोगे तो तुम्हें अच्छा लगेगा!

फिर उसने मेरा लंड सहलाना शुरु किया. पाँच मिनट में ही लंड खड़ा हो गया. मैं भी आराम से उसकी चूचियाँ दबा रहा था. इस बार सही में मजा दोगुना हो गया था.

उसने मुझसे कहा- अब जल्दी से ऊपर आ जाओ!

मैंने अपने लण्ड को निशाने पे लगाया और उसकी बूर पे रखकर एक जोरदार झटका मारा, वो दर्द के मारे कराहने लगी. मैं उसके स्तन मसलने लगा. जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने एक और जोरदार शॉट मारा और पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत की गहराई में समां गया. वो एक बार फिर दर्द से चिल्ला उठी और आ आआ आ आह्ह्ह्ह ईईइह्ह्ह्ह ऊऊ ऊ ऊ ऊह्ह्ह्ह की आवाजें करने लगी. मैंने उसके होठों पे अपने होंठ रख दिए.

जब उसका दर्द कम हो गया तो वो कहने लगी- जोर से चोदो मेरे राजा! आज इस चूत का भोंसड़ा बना दो! और जोर से… और जोर से! आज मुझे छोड़ना नहीं मेरे रज्जा!… मुझे आज पेल दो आज…!

मैं जोर-जोर से धक्के लगाने लगा, रानी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और नीचे से गांड उठा-2 कर झटके मार रही थी. करीब बीस मिनट बाद मैंने कहा- अब मैं झड़ने वाला हूँ!
उसने कहा- स्पीड बढ़ा दो!

मैं तेज-तेज़ झटके लगाने लगा और 10-15 झटकों के बाद मेरा लावा उसकी चूत में समां गया.

वो आज शादीशुदा है. और जब मैं घर जाता हूँ उसे फ़ोन कर देता हूँ! वो आ जाती है और हमारा चुदाई का कार्यक्रम एक बार तो होता ही है.

विश्वास के साथ यहीं ख़त्म कर रहा हूँ. कहानी आप लोगों को सच लगा या झूठ, कृपया मेल भेजना न भूलिएगा. Hindi Porn Stories

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