मैंने बताया था कि मैं जल्दी ही अपनी आगे की कहानी बताऊंगा, परन्तु अपने बिजनेस में व्यस्त होने के कारण यह कहानी लिखने में थोड़ी देरी हो गयी.
उसके लिए आपसे माफी चाहता हूँ.
वैसे आप सभी मुझसे पहले ही परिचित हैं.
नए पाठक मुझसे वाकिफ़ नहीं होंगे, तो मैं उन्हें एक बार बता देता हूं कि मैं राज शर्मा इंदौर में एक बिजनेसमैन हूं. मेरी उम्र ज्यादा नहीं है लेकिन हां मेरा अच्छा खासा काम है.
मैंने पिछली सेक्स कहानी में नहीं बताया था परंतु मेरी उम्र अभी 24 वर्ष की है और मेरी बहन की उम्र 22 वर्ष की है.
हम दोनों के बीच में जब पहली घटना हुई, तब वह 19 वर्ष की थी और उसी कहानी को अब मैं आगे बताना चाहता हूं.
मुझे उम्मीद है कि आपको यह Xxx पुसी लिक स्टोरी पसंद आएगी और मेरी यह कहानी शत-प्रतिशत सही है. इसमें किसी प्रकार का कोई झूठ नहीं है.
लंड पसंद करने वाले लड़के लड़कियों की जानकारी के लिए बताना चाहता हूं कि मेरे लंड का साइज अभी 7 इंच लंबा है और यह ढाई इंच मोटा है.
मेरा लंड किसी को भी पूर्ण रूप से संतुष्ट कर सकता है. यह जानकारी इसलिए बताई है ताकि कहानी में थोड़ा सा स्वाद बढ़ाया जा सके.
उस दिन जब मेरी बहन ने मुझसे कहा- भैया, अभी यहां पर कुछ नहीं करना. घर चल कर कुछ करेंगे.
हम शाम को 7:30 बजे घर पहुंच गए.
मां ने खाना तैयार रखा था, हम लोगों ने खाना खाया.
लगभग 8:30 बजे पापा भी आ गए थे.
हम सभी ने मिलकर कुछ बातें की.
मैंने देखा कि रितिका जो मेरी छोटी बहन है, बार-बार मुझे देखकर एक कटीली मुस्कान दे रही थी.
कुछ समय बात करने के बाद हम दोनों भाई बहन अपने अपने रूम में ऊपर आ गए.
वैसे मम्मी पापा के रूम नीचे ही बने थे और मेरा और मेरी छोटी बहन का रूम ऊपर मेरे रूम से अटैच था.
मेरी बहन अपने कमरे में चली गई और मैं अपने कमरे में.
मैं बहुत थक गया था तो मेरी गहरी नींद लग गई.
लेकिन 11:30 बजे मेरे मोबाइल की रिंगटोन बजी और मेरी नींद खुल गई.
मैं सोच रहा था कि इस वक्त कौन?
यह कॉल मेरी छोटी बहन रितिका का था.
मैंने तुरंत कॉल रिसीव किया और पूछा- क्या हुआ?
वह गुस्सा होकर बोली- भैया, मेरे बिना आपको नींद कैसे आ गई?
मैंने उससे सॉरी कहा.
उसने कहा- ठीक है, कोई बात नहीं. आप अभी मेरे कमरे में आ सकते हैं … या मैं आऊं?
मैंने कहा- मैं आ रहा हूं.
मैंने अपना दरवाजा खोला और जैसे ही उसके दरवाजे पर हाथ लगाया, दरवाजा खुला था.
अन्दर पिंक कलर की लाइट और मोमबत्तियां जल रही थीं.
रितिका मुझे देख कर बोली- भैया जल्दी से दरवाजा बंद कर दो.
मैंने दरवाजा बंद किया.
और जैसे ही मेरी नजर मेरी बहन पर पड़ी … मैं वह नजारा देखता ही रह गया.
मेरी बहन दुल्हन के जोड़े में मेरे सामने बिस्तर पर बैठी थी.
मैं कुछ समय के लिए बस उसे देखता ही रह गया.
उसने कहा- भैया कहां खो गए!
तब मुझे होश आया और मैंने कहा- कहीं नहीं!
मैं उसके पास गया.
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरी बहन मेरे लिए शादी के जोड़े में बैठी है.
परंतु मैं समझ गया था जब उसने ऑफिस में कहा था कि अभी यहां पर कुछ नहीं … घर चल कर कुछ करेंगे.
पर मुझे इतना नहीं पता था कि इतना कुछ करेंगे!
मैं उसे देख रहा था कि मैं मेरी बहन बोली- भैया दूर क्यों खड़े हो, पास आओ ना!
तो मैं पास गया और किस करने लगा.
हम दोनों के होंठ आपस में ऐसे जुड़ गए जैसे बरसों के बिछड़े हुए प्रेमी हों.
दोनों ने लगभग 20 मिनट तक एक दूसरे को इतना किस किया कि दोनों के होंठ पूरे लाल हो चुके थे.
कभी मैं उसके मुँह में मेरी जुबान दे देता तो कभी वह मेरे मुँह में अपनी जुबान दे देती.
हम दोनों ने काफी देर तक किस की.
उसके बाद मैं किस करते हुए उसकी गर्दन पर आ गया और उसको झटके से अपने आगे ले लिया.
उसके बालों को एक तरफ करके उसकी गर्दन पर … और पीछे से उसके कानों पर किस करने लगा. जिससे उसकी ‘आह … अहह …’ निकलने लगी.
धीरे धीरे मेरा हाथ उसके पेट से होते हुए उसके मम्मों पर आ गया.
उसने दुल्हन वाला लहंगा ब्लाउज पहना था, अन्दर उसने शायद गुलाबी रंग की ब्रा पहनी थी.
मैं ब्लाउज के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा और उसकी गर्दन और कान पर किस करता रहा.
मेरी बहन गर्म होती जा रही थी और पीछे से मेरा लंड भी उसकी गांड में घुसने के लिए बेताब हो रहा था.
मैंने उसके ब्लाउज के बटन खोले और ब्लाउज को निकाल दिया.
फिर उसको मेरी तरफ घुमा कर मेरे सामने कर लिया.
इस बार उसने मुझ पर हमला बोल दिया और वह भूखी बिल्ली सी मुझ पर टूट पड़ी.
उसने मेरी टी-शर्ट निकलवाई और बनियान भी. वह मेरे पूरे सीने पर किस करने लगी और धीरे धीरे मेरी नाभि की तरफ बढ़ी.
नीचे आकर उसने पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को पकड़ा और किस करने लगी.
मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसको ऊपर की तरफ खींच कर एक झटके में उसको अपने नीचे ले गया.
अब मैं पूरे जोश के साथ उस पर टूट पड़ा.
मैंने रितिका को नीचे खींचा कर अपने एक हाथ से उसके एक दूध को दबाने लगा और दूसरे हाथ से उसके दूसरे दूध को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
अब मेरी बहन छटपटा रही थी लेकिन मैं उसके मम्मों को चूसता ही रहा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
लगभग 10 मिनट तक दूध पीने के बाद मैं उसकी नाभि पर आ गया और उसकी नाभि पर किस करने लगा.
मेरी बहन रितिका की सांसें बहुत तेज चल रही थीं और वह अपनी मस्ती में बोले जा रही थी- हां भैया और जोर से आहह … आहह … करते रहो उम्म … और मस्ती से … आह और करो … आज मैं आपकी बहन नहीं हूं … मैं आपकी बीवी हूं … आपको आज की रात जो भी करना है, करो … और मेरे साथ पूरी सुहागरात मनाओ उम्मम!
वह ऐसी बातें कहती हुई अपने मुँह से मादक सीत्कारें भी निकाल रही थी ‘आह …… उम्म …’
मैं उसे चुप रह कर बस चूसता जा रहा था.
वह कहने लगी- भैया, मैं तो हमेशा आपके पास ही रहने वाली हूं. पर आज जल्दी से मेरी चुदाई करो.
यह सुनते ही मैंने उसको उल्टा किया और पीछे से उसकी ब्रा के हुक खोल दिया.
उसके बूब्स आजाद हो गए.
मैंने दोनों हाथों में एक एक दूध को पकड़ा और जोर जोर से मसलने लगा.
वह दर्द से तिलमिला गई और बोली- भैया, धीरे आपकी छोटी बहन हूँ, कोई रंडी नहीं … प्लीज धीरे करो ना … ऐसे क्यों दबा रहे हो! अब तो हर रोज आपको ये आम चूसने को मिलेंगे.
उसकी इस बात पर मुझे उस पर और भी प्यार आ गया.
मेरी छोटी बहन सोनाली बेंद्रे जैसे दिखने वाली इतनी हॉट सिस आज मेरे बिस्तर पर मेरी दुल्हन बनकर मेरा लंड लेने के लिए बेताब हो रही है.
अब मैंने उसको सीधा लिटा दिया, उसके लहंगे को उठाया, उसकी जांघों पर किस किया और आगे बढ़ता गया.
मैं धीरे धीरे उसकी पैंटी पर आ गया.
उसने पिंक कलर की नेट वाली पैंटी पहनी थी.
मैं उसके ऊपर से उसको किस करने लगा.
फिर मैंने उसको एक बार खड़ा किया और उसके लहंगे का नाड़ा खोल दिया जिससे उसका लहंगा नीचे गिर गया और वह मेरे सामने पैंटी में आ गई.
फिर वह नीचे बैठी और उसने मेरे लोवर को पूरा निकाल दिया.
हम दोनों भाई बहन अब एक जैसी दशा में थे … हम दोनों अपने-अपने पैंटी व निक्कर में थे.
वह घुटने के नीचे बैठ गई और मेरा निक्कर नीचे करते हुए निकाल दिया.
उसने मेरे लंड पर हमला बोल दिया और मेरा लंड चूसने लगी.
मैं उस समय स्वर्ग की अनुभूति कर रहा था.
जरा सोचिए दोस्तो, आपकी बहन सोनाली बेंद्रे जैसी हॉट हो और आपके साथ बिस्तर में हो … और आपका लंड चूस रही हो, तो आप कैसा फील करेंगे!
या फिर सोचिए बहनो … कि आपका भाई, जिसे आप बहुत चाहती हों, वह आपकी चूत के साथ ऐसा करे तो आपको कैसा लगेगा.
अभी बहुत सारी बहनें सोच रही होंगी कि काश हमारी किस्मत भी रितिका जैसी होती कि हम भी अपने भाई के लंड को चूस सकते.
तो मेरी चुदक्कड़ बहनों मैं आपको बता देना चाहता हूं कि दुनिया में किसी के साथ भी इतना सेक्स करने का मजा नहीं है, जितना भाई-बहन के बीच में है.
अगर आपको बुरा लगा हो तो उसके लिए माफी चाहूंगा, परंतु मैंने यही अनुभव किया है.
रितिका मेरे पूरे लंड के ऊपर से नीचे तक जीभ घुमा रही थी. वह लंड को मुँह में लेती और जितना अन्दर तक ले पा रही थी, वह ले रही थी. लंड को चूस रही थी.
फिर उसने मेरे लंड की चमड़ी को नीचे कर दिया, जिससे ऊपर का हिस्सा खुल गया.
सुपारे पर वह प्यार से अपने गुलाबी होंठों से किस कर रही थी और जीभ घुमा रही थी.
जिसने भी अपने सुपारे पर जीभ फिरवाने का यह रंगीन अनुभव किया है, वही इस आनन्द को समझ सकता है.
मेरी बहन मेरा लंड चूस रही थी और मैं थोड़ा झुक कर उसके बूब्स को दबा रहा था.
मैं जितनी जोर से उसके बूब्स मसलता, वह मेरा लंड उतना ही मुँह के अन्दर ले रही थी.
करीब दस मिनट तक उसने मेरा लंड उसी पोजिशन में चूसा.
फिर मैंने उसे 69 में आने को कहा, तो वह लेट गयी.
मैंने भी उसके ऊपर उसके मुँह में लंड देकर उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर किस किया.
इससे वह सिहर गयी.
फिर मैंने उसकी पैंटी को उसकी चूत के मुहाने से अलग किया और एक उंगली डाल दी.
उसको इस अचानक हमले की आशा नहीं थी. वह उचक गयी और उसने मेरा पूरा लंड मुँह में ले लिया.
वह कुछ कहना चाह रही थी, पर उसकी आवाज नहीं निकली.
फिर मैंने उंगली को बाहर किया और उसके ऊपर से उठ गया. मेरा लंड भी उसके मुँह से निकल गया.
मैं खड़ा हो गया. वह सवालिया नजरों से देखने लगी.
वह कुछ कहती, उसके पहले ही मैंने उसे खड़ा होने को कहा.
वह जैसे ही खड़ी हुई, मैंने उसकी पैंटी खींच कर निकाल दी और उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी.
उसकी चूत बहुत गीली हो चुकी थी, जिसका स्वाद मैं आपको शब्दों में नहीं बता सकता.
फिर मैंने खड़े खड़े ही उसके एक पैर को उठाया, जिससे उसकी चूत खुल गई.
मैंने अपनी पूरी जीभ उसकी चूत की फांकों के बीच घुसा दी और Xxx पुसी लिक का मजा लेने लगा.
वह मेरा सर पकड़ कर चूत पर दबाव बनाने लगी- उम्म म्म भैया … और अन्दर तक डालो … आप इतने रोमांटिक हो, मैंने सोचा भी नहीं था … आह बहुत मज़ा आ रहा है भैया … ओहह … उम्म … यस भैया मेरी जान अपनी छोटी की चूत और जोर से पियो … चूस लो इसे पूरी!
तभी मैंने अपना मुँह अचानक से हटा लिया.
वह तड़फ कर कहने लगी- आह भैया, प्लीज ऐसा मत करो … चूसो ना … मुझे यह मजा ओर लेना है … बदले में जो करना चाहो, कर लेना … पर प्लीज मेरी चूत चूसो न प्लीज.
मुझे भी जाने क्या खुराफत सूझी, मैंने बोल दिया- छोटी, मैं तेरी गांड में भी लंड डालना चाहता हूँ.
उसने कुछ सोचा और बोली- ठीक है, पर आप पहले मेरी चूत में अपनी जीभ डालो … और जब तक मेरी ये मुनिया बह ना जाए, जीभ को निकालना मत.
मैंने उसको बेड के किनारे पर लिटाया ओर उसके दोनों पैरों को खोल दिया.
खुद नीचे बैठ कर और अपनी जीभ को नुकीली करके उसकी चूत में डाल दी.