Antarvasna Stories
मेरा नाम अजय है मैं Antarvasna Stories दिल्ली का रहने वाला हूँ, उम्र 24 साल है और दिखने में भी अच्छा हूँ। लंबाई 5 फुट 8 इंच है, मेरा लंड 6 इंच लम्बा है और 2.5 इंच मोटा है, कसरती बदन है, रंग साफ और इंजीनियरिंग का छात्र हूँ।
मैं आज आपके सामने अपनी पहली कहानी पेश करने जा रहा हूँ।
बात उस समय की है जब मेरे बड़े भाई की नई-नई शादी हुई थी। जब मैंने भाभी को पहली बार देखा तो देखता ही रह गया। मेरी भाभी का फिगर 34-30-36 है। वो बहुत अधिक सेक्सी लगती हैं। मगर कभी कुछ करने की हिम्मत नहीं हुई.
सभी मेहमान शादी के एक दो दिन बाद तक जा चुके थे लेकिन मेरी चचेरी बहन नहीं गई थी। भाभी और मैं आपस में बात करने लगे।
ऐसे ही एक महीना निकल गया। मुझे नहीं पता था कि भाभी भी मुझे पहले दिन से ही पसंद करती हैं। उन्होंने बाद में मुझे बताई।
सर्दी का मौसम था, उन दिनों काफ़ी ठंड थी। एक दिन वो बीमार पड़ गईं। करीब एक हफ्ते तक मैं ही उन्हें दवाई दिलाने ले जाता रहा और एक दिन घर पर कुछ मेहमान आ गए। जगह कम होने की वजह से मैं, मेरा छोटा भाई और भाभी एक साथ सो गए।
रात को एक बजे मेरी आँख खुली तो देखा भाभी को ठंड लग रही है, तो मैंने भाभी से पूछा- भाभी क्या हुआ?
उन्होंने कहा- ठंड लग रही है।
तो मैंने अपनी रज़ाई भी उन्हें ही ओढ़ा दी और खुद भी उनके साथ सो गया।
अचानक उन्होंने अपना सिर मेरे बाजू पर रख दिया, तो मुझे तो मानो मन की मुराद पूरी हो गई हो, लेकिन कुछ नहीं कर पाया ऐसे ही दो हफ्ते निकल गए। अब मेरी चचेरी बहन भी चली गई और हम घर पर अकेले रह गए।
एक दिन घर पर कोई नहीं था। मैं और मेरी भाभी बात कर रहे थे, मैंने भाभी से पूछा- भाभी शादी से पहले आपकी कोई फ्रेंडशिप थी..?
तो उन्होंने कहा- नहीं..!
तभी भाभी ने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्ल-फ्रेंड है?
तो मैंने कहा- है तो भाभी!
तो उन्होंने पूछा- तुम उससे मिले भी हो या सिर्फ़ फोन पर ही बात करते हो?
तो मैंने कहा- भाभी मिल ही नहीं चुका, उसके साथ कर भी चुका हूँ.
तभी भाभी बोली- क्या कर चुके हो?
मैं थोड़ा शरमा गया, तो भाभी बोली- बोलिए ना..!
तो मैंने कहा- भाभी मैं सेक्स की बात कर रहा हूँ.
‘तुम तो बहुत शैतान हो.. मैं तो तुम्हें बहुत शरीफ समझती थी!’
भाभी के ऐसा कहने से मुझे बहुत शरम महसूस हुई और भाभी नहाने चली गई.
तो कुछ देर बाद मुझे भाभी की चीख सुनाई दी, मैंने बाथरूम के दरवाजे के पास जाकर पूछा- क्या हुआ भाभी?
तो भाभी ने कहा- मैं गिर गई हूँ… मुझसे तो हिला भी नहीं जा रहा है।
तब मैंने कहा- मैं अन्दर आता हूँ.
जब मैं अन्दर गया तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं। भाभी उस समय सिर्फ़ पैन्टी और ब्रा में ही थीं और ज़मीन पर पड़ी हुई थीं।
मैं भाभी के पास गया और उन्हें सहारा देकर उठाने लगा, तो उनसे तो उठा भी नहीं जा रहा था। मैंने उन्हें अपनी गोद में उठा कर उनके बेडरूम में ले गया।
मेरे शरीर से चिपकने के कारण उन्हें मेरे शरीर की तपिश भड़काने लगी थी। वासना के कारण उनकी आँखें लाल होने लगी थीं, यह मैंने देख लिया था, तो मैंने मौके को समझते हुए बिना देर करे हुए उनसे कहा- मैं तेल लेकर आता हूँ और आपके पूरे शरीर की मालिश कर देता हूँ..!
भाभी ने कहा- मैं खुद कर लूँगी।
मैंने कहा- मैं एक बार कर देता हूँ, फिर खुद कर लेना।
तो भाभी ने कहा- ठीक है।
मैं भी तेल ले आया और उनकी टाँग पर तेल लगा कर मालिश करने लगा। उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली थीं।
मैं उनकी जांघों तक उन्हें मसलने लगा। उनकी आँखें अब बंद हो गई थीं.. कुछ देर में मैं भी उत्तेजित होने लगा था और मेरा लंड भी अब पजामे में खड़ा हुआ साफ दिखने लगा था।
मैं अपने काम में लगा हुआ था कि मुझे अपने लंड पर कुछ महसूस हुआ। मैंने देखा भाभी मेरे लंड को पजामे के ऊपर से ही सहला रही थीं। मुझे कुछ समझ नहीं आया। मुझे लगा मेरे हाथों के अपने जाँघों पर घर्षण की वजह से गरम हो गई हैं।
मैंने भी मौका न गँवाते हुए उनके ऊपर चढ़ गया और फ्रेंच किस करने लगा.. और इसमें वो भी मेरा साथ देने लगीं।
इसी बीच उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए और मैंने उनकी पैन्टी और ब्रा उतार दी और मैं उनके चूचों को बड़ी ही बेरहमी से चूस और दबा रहा था।
भाभी बिना कुछ बोले सिसकारियाँ लेती रहीं। फिर मैंने बिना कुछ कहे अपना लंड उनके मुँह के पास कर दिया और उन्होंने भी झट से मुँह में ले लिया और मुझे मुँह से चोदने लगीं।
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकाला और फिर से उनके ऊपर चढ़ कर उनकी योनि के मुँह पर अपना लंड रख दिया। उनकी चूत ऐसे दहक रही थी जैसे कि आग की भट्टी हो।
मैंने पहला झटका मारा तो 4 इंच अन्दर चला गया। मीना भाभी को बहुत दर्द हो रहा था क्यूंकि वो एक महीने से चुदी नहीं थी। मैं कुछ देर ऐसे ही रहा और उनके होंठों को अपने होठों से लगा कर चूसता रहा।
अब उनका दर्द खत्म हो रहा था। मैंने भी मौका पाकर एक धक्का मारा और जड़ तक अपना 6 इंची लंड ठोक दिया। उनकी चीख मेरे मुँह मे ही दब कर रह गई। उनकी आँखों में आँसू आ गए थे.
मैं कुछ देर तक ऐसे ही रुका रहा.. उनकी चूचियों को चूमता रहा और उनके चूचुक उमेठता रहा और पीता रहा।
जब लगा कि उनका दर्द कम हो गया है और उन्होंने नीचे से कूल्हे उठाना शुरू कर दिए थे..मतलब वो भी चुदाई का मज़ा लेने लगी थीं।
तो मैंने भी एक बार में पूरा लंड बाहर खींच कर वापस एक ही झटके मे पूरा ठोक दिया।
30 मिनट की ज़ोरदार चुदाई में भाभी 4 बार झड़ीं।
अब जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने भाभी से कहा- भाभी मैं झड़ने वाला हूँ.. बाहर निकालूं…?
भाभी ने कहा- नहीं अन्दर ही निकाल दो…
तो फिर 2-4 जोरदार धक्कों के बाद मैं और भाभी फिर से साथ में झड़ने लगे… और मैं उनके अन्दर ही झड़ गया, उनकी योनि को पूरा भर दिया..
इसके चुदाई के बाद मैं मौका देख कर रोज़ भाभी की चुदाई करता हूँ और हम दोनों बहुत खुश हैं.. भाई को अभी भी कुछ नहीं पता है।
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी आपबीती। मैंने पहली बार लिखने की कोशिश की है। अगर मुझसे कुछ भूल हो जाए तो प्लीज माफ़ कर देना.. मुझे आपकी ई-मेल का इंतज़ार रहेगा… Antarvasna Stories