Sex Stories
मेरा नाम अंजलि है । मै, पापा Sex Stories और मम्मी बहुत दिनों बाद थियेटर में गये। स्थानीय कलाकार वहां अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे थे। नाच, गाना व नाटक वगैरह चल रहे थे। मुझे एक डांस बहुत प्यारा लगा। कार्यक्रम चल रहा था। हम आगे ही बैठे थे। मैं पानी पीने के लिये स्टेज के पास गई। अचानक मुझे वो डांस करने वाली लड़की वहा मिल गई। मैं तुरन्त उससे जाकर मिली।
“आप डांस बहुत अच्छी करती हैं।”
“थेंक्स … यह मेरा बचपन का शौक है … ”
“आपका नाम जान सकती हूँ प्लीज … ?”
“कमल नाम है मेरा … ”
“मैं कभी आपसे मिलने जरूर आऊंगी !”
“आप अंजलि है ना … मेरा घर आपके पास ही है … ”
“अच्छा तो हम जरूर मिलेंगे … आप मेरे घर आना !”
औपचारिक बात होने के बाद मैं पानी पी कर अपनी सीट पर आ गई। कार्यक्रम समाप्त होने पर हम घर पर आ गये। दूसरे दिन सुबह ही कमल मुझे घर के बाहर दिख गई। वो स्कूटी से निकल रही थी … उसने मुँह पर कपड़ा बांध रखा था। उसने हाथ हिलाया और और स्कूटी रोक दी … मैंने उसे अन्दर बुला लिया … और उसका परिचय सबसे कराया। फिर मैं उसे कमरे में ले आई।
उसने टाईट जीन्स पहन रखी थी और सेक्सी लग रही थी। उसने मुँह पर से कपड़ा हटाया और बैठ गई। हम बातें करने लगे। उसके बात करने का करने का स्टाईल कुछ अलग सा था। कभी कभी वो लड़के के स्टाईल में बोलने लगती थी। मुझे कुछ शक सा होने लगा।
मैं एक दिन उनके डांस क्लब में गई। बाहर ही मेरे जान पहचान के अंकल मिल गये। बात बात में मुझे सब मालूम हो गया कि कमल वास्तव में लड़का ही है, पर मैंने उसे ये जाहिर नहीं होने दिया कि मुझे पता चल गया है कि वो लड़का है। चूंकि उसका जिस्म दुबला पतला था और नाचने में माहिर था, इसलिये वो ऐसा ही रहता था। उसके बाल वास्तविक लगे इसलिये बाल भी उसने लम्बे कर लिये थे। उसकी आवाज लड़कियों जैसी ही थी। उम्र भी 18 साल की थी। ना चेहरे पर कोई बाल … लड़कियों जैस चिकना चेहरा।
अब वो अक्सर मेरे घर आ जाता था। मैंने जान बूझ करके उसे मेरी सहेली बना लिया था … जब भी उसका कोई प्रोग्राम होता तो वो मुझे पास ला देता था। वो या तो जीन्स पहनता था या पैन्ट । एक दिन मैंने उससे पूछा।
“कमल … तुम्हारा कोइ बॉय-फ़्रेन्ड है क्या?”
“नहीं तो … और तुम्हारा … ”
“नहीं यार … कोई मुझे पसन्द ही नहीं करता है … ”
“तो मेरी फ़्रेन्ड बन जाओ … ”
“छी: तुम तो लड़की हो … मैं लड़कों की बात कर रही हूँ … ”
“अरे यार बॉय-फ़्रेन्ड तुम्हें परेशान कर देगा … तुमसे सेक्स की बातें करेगा और फिर जाने क्या क्या … ”
“तुझे क्या सेक्स की बातें अच्छी नहीं लगती है क्या ?”
“हां … लगती तो हैं … बातें क्या सेक्स भी अच्छा लगता है … कोई किसी के साथ सम्भोग करे मजा नहीं आयेगा क्या ?”
“क्या बात है … सम्भोग को चुदाई कहते हैं … ” मुझे सेक्स की बातों में मजा आने लगा था। मैं उसे उत्तेजित करने लगी।
“धत्त ये तो गाली होती है … पर हां च् … च् … चुदाई ही कहते हैं … ” कमल हड़बड़ा गया।
“अच्छा आज बाहर चल कर आईस्क्रीम खायेंगे … मैं ड्रेस बदल लेती हूँ … ”
मैंने अपना टॉप उतारा तो मेरी दोनों चूंचियां बाहर छलक पड़ी। मैंने जान कर उसे भड़काने के अपने बोबे सहला दिये।
“अरे … रे ये क्या कर रही हो … अन्दर जाओ ना … !” कमल आंखे फ़ाड़ कर मेरी चूंचियाँ देखने लगा।
“ऐसे क्या कर रही है … तेरे नहीं है क्या … ?” मैंने उसे छेड़ा।
“बड़ी सुन्दर हैं … सीधी तनी हुई … अच्छी लग रही हैं … ” उसके ऐसे कहने से मेरे शरीर में सिरहन दौड़ गई। मैंने जाल और कसा।
“कमल … हाथ लगा ना इसे … ” कमल ने धीरे से मेरे बोबे सहला दिये और मेरे चूंचक भी दबा दिये …
“मस्त है तेरी चूंचियाँ यार … ।” कमल उत्तेजित हो उठा था।
“हाय कमल … ला तेरे भी भी सहला दूं” मैंने उसे छेड़ने की नीयत से कहा और मुझे ये भी बताना था मैं उसे लड़की ही समझ रही हूं।
“नहीं … नहीं अभी नहीं … बाद में … मेरे तो अभी हैं ही नहीं … ” वो घबरा उठा।
“अरे जा … अभी दबा दबाऊंगी … ।” मैंने उसकी छाती पर जबरदस्ती हाथ लगाया तो साफ़ चट मैदान था। पर कमल की आंखो में वासना दिखने लगी।
मेरे हाथ दूर करके बोला,”आ ! तेरे और दबा दूं … !
“और उसने मेरे मेरे बोबे सहलाने शुरू कर दिये। मुझे मजा आने लगा। इतने में उसका एक हाथ मेरी चूतड़ पर आ गया … और दबाने लगा। उसने मुझे चिपका लिया और मेरे होंठ अपने होंठों से मिला दिये। मैंने भी उसके चूतड़ पकड़ लिये और दबाने शुरू कर दिये … अचानक उसका हाथ मेरी चूत पर आ गया और उसने जीन्स के ऊपर ही मेरी चूत भींच दी।
“हाय रे कमल … और भींच दे … साली तू लड़की क्यो है … लण्ड होता तो उसे ठूंस ठूंस कर चुदवाती … ” मेरे मुँह से एक वासना भरी कराह निकल पड़ी। उसके कड़े बदन में मर्दों वाली बात साफ़ नजर आ रही थी …
“ला मैं तेरी चूत भींच दूं !”
मैंने भी उसके लण्ड पर ज्योंही हाथ लगाया। वो दूर हो गया …
“बस अंजलि … अब नहीं … चल तैयार हो जा … चलते है … ” मेरा नशा टूट गया …
“कमल … रात को यहीं आ जाना … थोड़ा और मजा करेंगे … ऐसे ही … खूब मजा आया ना अभी … ”
हम दोनों स्कूटी पर बैठ कर निकल पड़े। हम दोनों ने मुँह पर कपड़ा बांध लिया था।
रात को मैं उसका इन्तज़ार करती रही, पर वो नहीं आया। मैंने उसे फोन किया तो वो बोला कि अभी रात हो गई है कल आऊंगी।
सुबह ही वो आ गया … मैं खुश हो गई … सोचा आज तो चुद के ही छोड़ूगी … साली चूत को शान्त तो करना ही है … ये चक्कर में आ गया है तो मजा कर लूँ … हमने चाय पी और कमरा बन्द कर लिया। और मम्मी से कह दिया कि हम एक घण्टा पढ़ेंगे … हमें डिस्टर्ब नहीं करना।
“चल यार मजे करते हैं … ” मैंने अपना नाईट सूट उतार दिया और नंगी हो गई …
“तू तो बड़ी बेशरम है … यार … ” कमल बोल उठा और मेरी चूचियाँ दाबने लगा … ।
“अरे उतार ना कपड़े यार … जल्दी कर … मेरी तो खुजली बढ़ रही है … ” मेरी वासना बढ़ती जा रही थी और कमल से चिपकती जा रही थी। उसने मेरी चूत दबा दी और मुझे लेकर बिस्तर पर गिर पड़ा … और मुझे बाहों में कसने लगा। मैं होश खोती जा रही थी … उसके लण्ड का दबाव अब मेरी चूत पर पड़ रहा था। मुझे मस्ती आने लगी थी। लण्ड की चुभन पा कर मुस्कराई। पर नंगा हो जाता तो उसकी पोल खुल जाती … जो कि अभी खुलने ही वाली थी।
“हाय रे कमल … काश तू लड़का होती … तेरे मोटा सा लण्ड होता … कितना मजा आता … अरे टॉप और जीन्स उतार ना … ” पर उसने नहीं सुना … वो मेरे अंगों को भींचती रहा। मैंने खींच कर उसका टॉप उतार दिया। उसने तुरन्त मेरी आंखें बन्द कर दी …
“प्लीज मत देखो शरम आती है … मैं जीन्स उतार रही हूँ … देखो आंखे बन्द ही रखना … ” अपना जीन्स उतार कर वो नंगा हो गया … मैंने तिरछी नजरों से उसका कड़कता लण्ड देखा। उसने वापिस से मुझे दबोच लिया।
उसका लण्ड अब मेरे जांघ पर लग रहा था … मैंने जान करके कुछ नहीं कहा।
“अरे ये चूत में क्या घुसा रही है … ” उसका मोटा लण्ड मेरी चूत पर रगड़ लगाता हुआ घुसने लगा।
“एक मजे की चीज़ है … ” मैंने आंखे बन्द किये हुये ही नशे में मजे लेने लगी। अचानक लण्ड का दबाव मेरी चूत पर पड़ा और मोटा और लम्बा लण्ड पूरा ही अन्दर घुस गया … मैं सिहर उठी … … उसने दुबारा धक्का दिया तो पूरा ही घुस गया। कमल के मुख से सिसकारी निकल पड़ी।
मेरे मुख से भी आह निकल पड़ी। मुझे भी असीम आनन्द आया … उसने धक्के मारना शुरु कर दिया … मैंने अचानक ही उसे धक्का दे दिया … पर नाटक तो करना था … मेरी चूत लप लप कर रही थी … चुदने को बेताब हो रही थी …
“हाय रे … तुम तो लडके हो … लण्ड तो असली है … और इतना मोटा ?”
उसने मुझे फिर से जकड लिया और लण्ड फिर से घुसा डाला। मैंने भी घुसने दिया … मजा कैसे छोड़ देती …
“हाँ … अंजलि मैं तो लड़का हूँ … प्लीज चुदाई चलने दो ना … मैं सब बता दूंगा … ” मुझे तो पहले से ही पता था … फिर उसे कैसे जाने देती।
“प्रोमिस … चोदने के बाद बताना … हाय अब चोद डालो … देखा तुम्हारे लण्ड आ ही गया ना … ” मैंने उसे छेड़ते कहा। उसका लण्ड चूत की जड़ तक घुसा हुआ था।
मुझे असली चुदाई का आनन्द मिल रहा था। चूंकी मामला खुल चुका था। उसके मन में भी अब चोर नहीं था। अब हम खुल कर मर्द औरत की तरह चुदाई का मजा लने लगे। मैंने भी उसे अब प्यार से अपनी बाहों में जकड़ लिया। और उसके होंठ से होंठ मिला दिये।
उसका लण्ड मेरी चूत में रगड़ मारते हुए उतर रहा था और फिर एक के बाद एक मजे के झटके … मैं अपनी चूत उछाल उछाल कर चुदाने लगी। मेरी वासना उबलने लगी। कमल भी अपने होश खो बैठा। बेतहाशा धचक धचक धक्के मारने लगा … तेज सिसकारियाँ उसके मुँह से निकल रही थी।
डांस में माहिर होने से उसकी कमर में बहुत लचक थी … मेरी सिर्फ़ चूत पर उसका लण्ड टकरा रहा था … उसने ऐसा पोज बना रखा था लण्ड और चूत के अलावा कोई भी अंग स्पर्श नहीं कर रहा था। लण्ड और चूत दोनों आग उगल रहे थे। फ़च फ़च और थप थप की मधुर आवाजें उभर रही थी।
“कमल मेरी चूचियाँ मसल दे राजा … दे और दे … साली को फ़ाड़ दे … ” वो बड़ी सफ़ाई से मेरी दोनों चूंचियों की घुंडियों को हल्के हल्के गोल गोल घुमा कर मसलने लगा। मुझे लगा कि ये मुझे मस्त करके मार ही डालेगा। मेर सारा जिस्म अंगड़ाई लेने लगा। सारे शरीर में मिठास भरने लगी … नसों उबाल आने लगा … लगा कि जैसे सब कुछ मेरा अब चूत में सिमटने लगा है … सारी मिठास खिंच कर चूत में समाने लगी। कमल की आंखें बन्द थी … अपनी कला से मेरी आनन्द दायक चुदाई कर रहा था …
“ईईईह्ह्ह्ह् … हाय … ये ये … मर गई … कमल गई मैं तो … मेरी मां रे … चोद दे जोर से … घुसा और जोर से घुसा … ” मेर बदन ऐंठने लग गया था … मैं अपने आपको रोकना चाह रही थी … पर हाय रे … पानी निकल ही पड़ा … और मैं झड़ने लगी … उसी समय कमल ने मेरी चूत में अपना लण्ड गड़ा दिया … और जड़ में दबाने लगाने … हाय कहते हुए अपना वीर्य मेरी चूत की गहराईयों में निकालने लगा।
अब उसने मेरे शरीर पर अपना भार डाल दिया। और चूतड़ों को मेरी चूत पर दबा दबा कर अपना वीर्य उगलने लगा। मैंने अपने दोनो पांव फ़ैला कर चित लेट गई। कमल पूरा झड़ चुका था। कमल भी एक तरफ़ बगल में आ गया। हमारी सांसे जल्दी ही नियन्त्रण में आ गई। दिल की धड़कनें सामान्य होने लगी। कमल तो जल्दी से खड़ा हो गया मैंने उसे खींच कर फिर लेटा लिया …
“कमल प्लीज ! एक बार और चुदाई करेंगे … ! ” कमल मेरी बगल में फिर से लेट गया। मैं उसका लण्ड सहलाने लगी …
कमल कहने लगा,” अंजलि सॉरी … मैंने तुम्हे नहीं बताया कि … ”
मैंने उसके मुख पर अंगुली रख दी,” मुझे बहुत पहले से ही पता था कि तुम लड़के हो … मुझे तो सच में चुदना था … अब रोज चोदोगे ना … ”
कमल के लण्ड में एक बार और उफ़ान आ गया और मैं एक बार फिर नीचे दब गई … मेरे बोबे मसलने लगा … और मेरी चूत में मोटा सा लम्बा सा गरम लोहा घुस पड़ा … Sex Stories